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Sonbhadra News: सोनभद्र में वन विभाग का अलबेला कारनामा, बारिश का सीजन समाप्त होने के बाद लगवाए जा रहे पौधे, न्यूज ट्रैक ने किया खुलासा

Sonbhadra News: दुद्धी रेंज के जिस दुम्हान वन ब्लॉक कंपाट नंबर चार की बात हो रही है, यहां पिछले वर्ष 50 हेक्टेअर वाली इस एरिया से कब्जा खाली कराकर वन विभाग की तरफ से 54 महिलाओं को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया गया था।

Kaushlendra Pandey
Published on: 24 Oct 2023 1:14 PM GMT
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Sonbhadra Forest Department

Sonbhadra Forest Department: रेणुकूट वन प्रभाग अंतर्गत दुद्धी रेंज के दुम्हान वन ब्लाक में पौधरोपण को लेकर वन विभाग का अलबेला कारनामा सामने आया है। बारिश के समय 50 हेक्टयर की चिन्हित एरिया के एक बड़े हिस्से में कागजों पर ही पौधरोपण की खानापूर्ति कर ली गई। जब न्यूजट्रैक ने इसका खुलासा किया तो, अब जाकर पिछले 10 दिन से, बारिश का सीजन समाप्त होने के बाद, चिन्हित एरिया में जगह-जगह पौधरोपण कराकर मामले को मैनेज करने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि डीएफओ की तरफ से इस गड़बड़झाले की जांच एसडीओ को सौंपी गई है। लेकिन इस बारे में जानकारी के लिए डीएफओ और एसडीओ दोनों से कई बार संपर्क साधा गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।

कब्जा खाली कराने के बाद बना था पौधरोपण का प्लान

दरअसल दुद्धी रेंज के जिस दुम्हान वन ब्लॉक कंपाट नंबर चार की बात हो रही है, इस पर कई लोगों ने मड़हा तानकर कब्जा जमा रखा था। पिछले वर्ष 50 हेक्टेअर वाली इस एरिया से कब्जा खाली कराकर वन विभाग की तरफ से 54 महिलाओं को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया गया था। इसके बाद तत्कालीन डीएफओ की पहल पर खाली कराई गई वन भूमि पर पौधरोपण का प्रस्ताव बनाया गया, जिस पर पौधरोपण के लिए एनसीएल की तरफ से सीएसआर मद से धनराशि भी उपलब्ध कराई गई थी।


प्रति हेक्टर पौधरोपण पर दिखाया गया 57400 रुपये का व्यय

बताते हैं कि बजट मिलने के बाद प्रत्येक हेक्टेअर जमीन पर 57400 रुपये का व्यय दिखाते हुए पौधरोपण की प्रक्रिया अपनाई गई । लेकिन इसको लेकर जो आरोप और तस्वीरें सामने आईं, उसके जरिए यह दावा किया गया कि पुरानी सुरक्षा खाई को नया दिखाकर अच्छा ख़ासा बजट खर्च कर लिया गया। कई हिस्सों में पौधरोपण ही नहीं किया गया। वहीं जिन हिस्सों में पौधरोपण भी किया गया तो वहां भी काफी जगह खुली छोड़ दी गई। जो थोड़े-बहुत पौधे रोपे भी गए थे, वह लापरवाही के चलते झाड़-झंखाड़ की भेंट चढ़ गए।

चार वन दरोगाओं को दी गई थी अलग-अलग पौधरोपण की जिम्मेदारी

यहां पौधरोपण कार्य एवं देखरेख के लिए तैनात वाचरों-मजदूरों से मिली जानकारी पर गौर करें तो वन दरोगा सुरेंद्र को 20 हेक्टेयर, जगदीश यादव को 10 हेक्टेयर, कन्हैया लाल को 10 हेक्टेयर, शंभु को 10 हेक्टेयर एरिया में पौधरोपण की जिम्मेदारी दी गई । लेकिन संबंधितों ने सुरक्षा खाई की सिर्फ सफाई कराकर उसे नया दिखा दिया। आधे-अधूरे टेंच की ख़ुदाई कर पौधरोपण की खाना-पूर्ति कर ली। अलबत्ता निराई-गुड़ाई के नाम पर मजदूरी व्यय का काम जारी है।

न्यूज़ ट्रैक ने किया खुलासा तो शुरू हो गई डैमेज कंट्रोल की कवायद

न्यूज़ ट्रैक ने पिछले दिनों जब इसका खुलासा किया तो प्रभागीय वनाधिकारी रेणुकूट की तरफ से संबंधित व्यक्तियों से आख्या तलब करने के साथ ही एसडीओ को जांच सौंपे जाने की बात सामने आई। बताते हैं कि जब संबंधित व्यक्तियों को इसकी जानकारी मिली तो जिन हिस्सों में पौधे नहीं रोपे गए वहां अब अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में पौधे रोपे जा रहे हैं। ऑन कैमरा जब इसका सच जांचा गया तो पता चला कि जिन हिस्सों में कागज पर ही पौधरोपण दिखा दिया गया था। वहां अब नए टेंचों की खुदाई और पौधरोपण का काम कराया जा रहा है। वहां, मौजूद वाचरों-मजदूरों का कहना था कि जिस समय पौधा मिलना था, उस समय मिला नहीं। अब जाकर मिला है तो उसे रोपा जा रहा है। सवाल है कि क्या बारिश के सीजन की तरह, सूखी जमीन में रोपे गए पौधों का संरक्षण और संवर्धन हो पाएगा? बता दें कि जिले में जुलाई और अगस्त में पौधरोपण का अभियान चलाया गया था। वन विभाग की तरफ से लक्ष्य से अधिक पौधरोपण का दावा किया गया था।

किसी ने कहा: मजदूरी न मिलने से ट्रेंच की नहीं हो पाई खुदाई, किसी ने कहाः भीषण तपिश में खुदाई की अभी तक नहीं मिली मजदूरी

दुम्हान के कंपाट नंबर चार पर अब जाकर हो रहे पौधरोपण के संबंध में बातचीत के दौरान वाचर लालचंद ने जानकारी कि मजदूरी नहीं मिलने कारण टेंच वाली खुदाई पूरी नहीं हो सकी। वन दरोगा सुरेंद्र के क्षेत्र में महज 10 प्रतिशत ही काम होने की जानकारी मिली। वहीं दुम्हान गांव निवासी मजदूर शिवकुमार और उसके बेटे ने कहा कि भीषण तपिश में टेंच की खुदाई की थी, जिसका भुगतान अभी तक नहीं मिला है।

जहां पौधे सूख गए थे, वहां लगाए जा रहे नए पौधे: वन दरोगा

इस मामले में वन दरोगा सुरेंद्र से संपर्क साधा गया तो वह नहीं मिले। वहीं, वन दरोगा कन्हैया का कहना था कि झाड़ियों की साफ-सफाई कराई जा रही है। लेकिन आगे पौधरोपण के सवाल पर कहा कि जहां पहले लगाए गए पौधे सूख गए थे, वहां नए पौधे रोपवाए जा रहे हैं।

Admin 2

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