×

Sonbhadra: वित्तीय वर्ष के आखिर में जैसे-तैसे सड़कों का निर्माण कर खपाया जा रहा बजट

Sonbhadra News: यूपी सरकार को गाजियाबाद के बाद सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जिला होने के बावजूद, सोनभद्र में सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 23 March 2024 7:55 PM IST
जर्जर सड़क।
X

जर्जर सड़क। (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: यूपी सरकार को गाजियाबाद के बाद सबसे ज्यादा राजस्व देने ओर जनजातीय बहुल होने के कारण शासन की प्राथमिकता वाला जिला होने के बावजूद, सोनभद्र में सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला बिहार सीमा से सटे नगवां ब्लाक के मड़पा गांव वाली सड़क से जुड़े चौरा संपर्क मार्ग का है। छह किमी लंबी बनाई जा रही सड़क के निर्माण में इस कदर मानकों की अनदेखी की जा रही है कि यह सड़क एक तरफ से बनने के बाद दूसरी तरफ से उखड़ जा रही है। प्रधान सहित अन्य ग्रामीण इसको लेकर एतराज भी जता चुके हैं। बावजूद न तो इस सड़क की हालत सुधर पाई ना ही कार्योें की गुणवत्ता में ही कोई सुधार दिख पाया है। यह वह सड़क है जो सीएम के साथ ही डीएम की भी प्राथमिकता है। बावजूद खेले जा रहे भ्रष्टाचार के खेल को लेकर ग्रामीणों में जहां नाराजगी है। वहीं, मामले में डीएम से हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई है।


कागज पर काम दिखाकर ली गई धनराशि

प्रधान अमृतलाल सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि सीएम की मंशा के अनुरूप जब चौराहा में पहली बार कोई डीएम पहुंचा था तो गांव का प्रत्येक व्यक्ति एक अलग ही उमंग में रंगा नजर आ रहा था। पहली बार यहं किसी डीएम के रूप में पहुंचे मौजूदा जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह ने ग्रामीणों को जहां सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का भरोसा दिया। वहीं लोक निर्माण विभाग को यहां की सड़कों को अविलंब दुरूस्त करने के निर्देश दिए। डीएम के हस्तक्षेप के बाद इस गांव और एरिया की तस्वीर भी तेजी से बदली। गांव में घर-घर बिजली की रोशनी पहुंचने के साथ ही, शिक्षा के स्तर में भी तेजी से बदलाव दिखने लगा। संचार क्रांति से भी यहां के लोग भी जुड़ गए लेकिन डीएम के पहुंचने के नौ माह बाद भी चौरा गांव को मड़पा गांव को जाने वाली सड़क से जोड़ने वाले छह किमी लंबे संपर्क मार्ग की तस्वीर नहीं बदल पाई। ग्रामीणों का आरोप है कि अब जाकर निर्माण खंड दो की तरफ से चौरा संपर्क मार्ग का निर्माण शुरू कराया गया लेकिन सड़क पर महज एक तारकोल मिक्स गिट्टी की एक परत बिछाने का काम तो शुरू ही किया गया उसमें भी तारकोल की मात्रा और गुणवत्ता इतनी खराब कर दी गई कि सड़क पर बिछने वाली परत एक तरफ से बिछने तो दूसरी तरफ से उखड़नी शुरू हो गई। प्रधान अमृतलाल ने बताया कि इसको लेकर उनकी तरफ से जब नाराजगी जताई गई। निर्माण खंड दो के संबंधित जेई से इस पर एतराज जताने के साथ ही, पीडब्ल्यूडी के अफसरों को अवगत कराया गया। सोशल मीडिया के जरिए भी गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण कराने का अनुरोध किया लेकिन न तो खराब सड़क को दुरूस्त करने पर ध्यान दिया गया न ही कार्य की गुणवत्ता सुधारी गई। अलबत्ता नाराजगी जताने पर काम भी बीच में ही छोड दिया गया। बताया गया कि ग्रामीणों की नाराजगी के बाद पिछले एक सप्ताह से काम भी यहां का ठप कर दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि कागज पर अच्छा खासा काम दिखाकर मार्च के आखिरी समय में अच्छी-खासी धनराशि भी डकारने की तैयारी कर ली गई है।

संबंधितों से साधा गया संपर्क लेकिन नहीं मिल पाया कोई जवाब

इस मामले में निर्माण खंड दो के एक्सईएन इं. गोविंद सिंह यादव से उनके सेलफोन पर संपर्क साधा गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए। जिले में लोक निर्माण विभाग के नोडल की जिम्मेदारी निभाने वाले प्रांतीय खंड के एक्सईएन इं. शैलेष सिंह से भी संपर्क साधा गया लेकिन उनकी तरफ से भी कोई रिस्पांस सामने नहीं आया। कार्य की देखभाल कर संबंधित जेई के सेलफोन पर संपर्क साधा गया तो स्वीच्ड आफ का उत्तर मिलता रहा।

कागजों पर सब कुछ चकाचक, शिकायतों का भी इसी तरह निस्तारण

दिलचस्प मसला यह है कि पिछले वर्ष अक्टूबर माह में जिले का दौरा कर जहां पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद कार्यों की गुणवत्ता में किसी तरह की कमी बर्दाश्त न करने की चेतावनी दे चुके हैं। वहीं, डीएम चंद्रविजय सिंह भी जिला स्तरीय बैठकों में पेंच कसते रहते हैं। सड़कों के निर्माण की ड्रोन फोटोग्राफी की भी हिदायत दी जा चुकी है। बावजूद जैसा कि ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित महकमे के अफसर मौके पर बेहतर कार्य की बजाय कागजों पर ही सब कुछ चकाचक और इसी तरह शिकायतों के निस्तारण में लगे हुए हैं।

ग्रामीणों ने कहा सड़क खराब, विभाग ने सब कुछ ठीक बता झाड़ लिया पल्ला

इससे पहले निर्माण खंड की तरफ से बभनी ब्लाक के बड़होर गांव में ग्रामीणों की शिकायत को दरकिनार को काम को सही ठहराए जाने का दावा किया गया था। ग्रामीणों ने शिकायत निस्तारण के बाद भी सड़क की हालत जस का तस होने की बात कही थी लेकिन बड़होर की बजाय, दूसरे गांव की गूगल लोकेशन वाली फोटो लगाकर शिकायत निस्तारित कर दी गई। इसी तरह सदर ब्लाक के करारी गांव को जाने वाले सड़क पर बनी पुलिया और उसके अप्रोज में भी गड़बड़ी और दरार की स्थिति सामने आने के बाद हडकंप मच गया था। विधायक के हस्तक्षेप पर खुद पीडब्ल्यूडी मंत्री ने इसको लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे लेकिन मामला ठंडा पड़ते ही, प्रकरण को लेकर चल रही कवायदें भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई। बता दें कि प्रांतीय खंड के कथित एकाउंटेंट और एक जेई पर भी बडे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शिकायत शासन को भेजी गई थी। मंत्री स्तर से कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए थे। बावजूद प्रकरण शांत पड़ते ही, की गई शिकायत भी नेपथ्य में चली गई।

बार्डर पर छोड़ दी एक किमी सड़क, अब कहा: सेंचुरी एरिया का पेंच

सीमा पर निर्मित होने वाली सडकों के क्षेत्र में निर्धारण में भी पीडब्ल्यूडी महकमे की तरफ से अजब-गजब तरीका अपनाया जा रहा है। पिछले महीनों वसुहारी बार्डर पर एक किमी सड़क बगैर निर्माण के ही छोड़ देने और एक किमी पहले ही यूपी की तरफ से जाने वालों के लिए यूपी सीमा समाप्त और बिहार की तरफ से आने वालों के लिए यूपी सीमा प्रारंभ का बोर्ड लगाए जाने की तस्वीरें-वीडियो भी सामने आई थी लेकिन शिकायत निस्तारण में जहां टूटी-फूटी हाल में छोड़ दी गई सडक सेंचुरी एरिया में आने की बात कहकर पल्ला झाड लिया गया वहीं, बिहार सीमा से एक किमी पहले लगाए गए बोर्ड को यूपी सीमा का संकेतक होने की बात से ही इंकार कर दिया गया।

हादसों के बाद भी चोपन-सेेंदुरिया सड़क निर्माण में नहीं आई तेजी

पिछले दो साल से कार्य पूर्ण होने का इंतजार कर रहे चोपन-सिंदुरिया मार्ग के निर्माण में वित्तीय वर्ष के आखिरी माह में भी पूर्ण नही हो पाया है। जबकि यह सड़क जहां कई हादसों का कारण बन चुकी है। वहीं सड़क के पूर्ण न होने आरसीसी वर्क से निकली मोटी-मोटी छडों के कारण हर पल हादसे का खतरा बना हुआ है।



Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

Next Story