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Sonbhadra News: विवाहिता को जिंदा जलाने वाले पति-सास को उम्रकैद, साढे तीन वर्ष पूर्व के संगीता हत्याकांड में बड़ा फैसला
Sonbhadra News: अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह-छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित किए जाने का आदेश दिया गया।
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Sonbhadra News: पिपरी थाना क्षेत्र में साढ़े तीन वर्ष पूर्व दहेज के लिए विवाहिता को जिंदा जलाने के मामले में न्यायालय का बड़ा फैसला आया है। प्रकरण में दोषी पाए गए पति और सास को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। संगीता हत्याकांड से जुड़े इस प्रकरण की शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू अर्चना रानी की अदालत ने सुनवाई की।
अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया। इसके आधार पर दोषी पाए गए पति दीपक कुमार गांेड़ और सास मंजू देवी को उम्रकैद तथा 21-21 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह-छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित किए जाने का आदेश दिया गया।
बताते चलें कि वीर सिंह पुत्र देवरूप सिंह निवासी चांगा, थाना म्योरपुर ने पिपरी थाने में 12 जून 2021 को पहुंचकर तहरीर सौंपी। अवगत कराया उसकी बहन संगीता की शादी दिसंबर 2020 में दीपक कुमार गोंड़ पुत्र स्व. तन लाल गोड़ निवासी ग्राम खैराही , थाना म्योरपुर, हाल पता हिण्डाल्को झोपड़ी कालोनी रेणुकूट के साथ की गई थी।
आरोप था कि सामर्थ्य मुताबिक दान-उपहार दिए जाने के बाद भी दहेज में बाइक की मांग की जा रही थी और इसके लिए लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। इसको लेकर कई बार ससुरालियों से बात की गई। उन्हें समझाने-बुझाने की भी कोशिश की गई बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। 12 जून 2021 को पति दीपक ने बड़ी बहन को फोन कर सूचना दी कि उसकी बहन संगीता की तबियत खराब है। वह लोग संगीता के ससुराल पहुंचे तो देखा कि जली हुई लाश पड़ी थी। शिकायतकर्ता की तरफ से आरोप लगाया गया कि पति और सास ने उसके बहन की हत्या कर दी।
विवेचना में पर्याप्त सबूत के साथ दाखिल की गई थी चार्जशीट:
तहरीर पर धारा 498ए, 304बी आईपीसी, 3/4 डीपी एक्ट और 302/34 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान पर्याप्त साक्ष्य पाते हुए शुक्रवार को दोनों दोषियों को उम्रकैद और अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने मामले की पैरवी की।