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Sonbhadra News: सोनभद्र के पूरे प्रदूषण क्षेत्र में चलाया जाए वायु स्वच्छता कार्यक्रम, सीपीसीबी ने हालात पर जताई चिंता, एनजीटी की सौंपी रिपोर्ट

Sonbhadra News: रिपोर्ट में जहां इसके अलावा कई अन्य सिफारिशें और प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को प्रभावी बनाने के लिए परिवहन और खनन महकमे को भी जिम्मेदार बनाने की सिफारिश की गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 16 March 2025 7:30 PM IST
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Image From Social Media)

Sonbhadra News: सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी की तरफ से सोनभद्र के हालात को लेकर एनजीटी में दाखिल की याचिका के क्रम में सीपीसीबी की तरफ से भी यह स्वीकार किया गया है कि जिले में प्रदूषण की समस्या गंभीर रूख अख्तियार करती जा रही है। एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट में, अनपरा की तरह, जिले के पूरे प्रदूषण प्रभावित क्षेत्र में राष्ट्रीय वायु स्वच्छता कार्यक्रम के संचालन की जरूरत हैं। रिपोर्ट में जहां इसके अलावा कई अन्य सिफारिशें और प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को प्रभावी बनाने के लिए परिवहन और खनन महकमे को भी जिम्मेदार बनाने की सिफारिश की गई है। वहीं, दिन ब दिन गहराती जा रही प्रदूषण की समस्या को लेकर, रिपोर्ट के जरिए कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं।

- जानिए कहां-कहां मिली प्रदूषण की खराब स्थिति

रिपोर्ट में बताया गया है कि भौतिक-रासायनिक और धातु विश्लेषण के लिए जिले के विभिन्न जगहों से भूजल के 11 नमूने उठाए गए थे। उनका सीपीसीबी और एसपीसीबी की प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किया गया था। इसके जरिए पाया गया कि एनटीपीसी रिहंद मार्केट में फ्लोराइड की मात्रा अनुमन्य सीमा से अधिक थी। इसी तरह कृष्णशिला/बीना खदान क्षेत्र और एनटीपीसी रिहंद मार्केट एरिया में नाइट्रेट की मात्रा 45 मिलीग्राम/लीटर की अनुमन्य सीमा से अधिक पाई गई। इसी तरह अधिकांश भूजल नमूनों में आयरन की मौजूदगी निर्दिष्ट सीमा से अधिक मिली। अनपरा नगर पालिका क्षेत्र और काकरी परियोजना से उठाए गए नमूनों में पारे की खतरनाक स्थिति में मौजूदगी की पुष्टि हुई।

- सतही जल नमूनों की भी पाई गई खराब स्थिति:

इसके अलावा सात स्थानों से सतही जल के नमूने लैब परीक्षण के लिए उठाए गए थे। इसमें, रिहंद जलाशय, खड़िया ऐश डाइक के पास और एनटीपीसी रिहंद ऐश डाइक के पास रिहंद जलाशय में पीएच स्तर अधिक पाया गया। सोन नदी, चोपन ब्रिज के पास, खड़िया ऐश डाइक के पास रिहंद जलाशय और एनटीपीसी रिहंद ऐश डाइक के पास रिहंद जलाशय में आयरन की मात्रा निर्दिष्ट सीमा से अधिक मिली। बलिया नाला सिंगरौली से उठाए गए नमूने में बीओडी और सीओडी दोनों की मात्रा अधिक पाई गई।

निगरानी प्रणालियों ने भी बयां की प्रदूषण की अधिकता

नगर पालिका परिषद, अनपरा और रेनूसागर में स्थापित वायु प्रदूषण मापी स्टेशन के जरिए जहां पीएम10 का औसत मानक निर्धारित राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता वार्षिक मानकों से अधिक पाया गया। वहीं, सतत वायु परिवेशी गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के जरिए सामने आए आंकड़ों में एनटीपीसी रिहंद एरिया, एनटीपीसी शक्तिनगर की इनसाइड प्लांट एरिया, एनटीपीसी शक्तिनगर की टाउनशिप एरिया, वीआईपी गेस्ट हाउस के सीएएक्यू निगरानी स्टेशन के जरिए सामने आने वाले आंकड़े भी वार्षिक औसत को पीछे छोड़ने वाले रहे। यूपीआरवीयूएनएल ओबरा की कोल हैंडलिंग एरिया, ईटीपी क्षेत्र के भी मॉनिटरिंग स्टेशन से आए आंकड़े वार्षिक औसत से अधिक रहे।

- इन सुझावों/कार्यवाहियों पर तत्काल अमल की जताई गई जरूरतः

सीपीसीबी की तरफ से एनजीटी की तरफ से मिले निर्देश के क्रम में किए गए अध्ययन-परीक्षण और इसके जरिए सामने आई स्थितियों को देखते हुए, तत्काल प्रभाव से कई कार्यों/कार्यवाहियों की जरूरत जताई है।

- सिफारिश की गई है कि भूजल विभाग क्षेत्र की भूजल गुणवत्ता की व्यापक और नियमित निगरानी करते हुए आयरन, फ्लोराइड, नाइट्रेट्स और पारा जैसे तत्वों की अधिकता के कारणों की जांच करना सुनिश्चित करे।

- जहां पानी की गुणवत्ता पीने योग्य नहीं है, वहां जल उपचार संयंत्रों के माध्यम से या अन्य स्रोतों से शुद्ध पेयजल आपूर्ति की जरूरत जताए जाने के साथ ही, उद्योगों के माध्यम से वायु में हो रहे खतरनाक रासायनिक तत्वों का उत्सर्जन नियंत्रित करने के लिए, समय-समय पर निर्धारित उत्सर्जन मानदंडों की जांच और निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के लिए कहा गया है।

- कोयला और राख के परिवहन से होने वाले धूल प्रदूषण को कम करने के लिए, संबंधित उद्योगों की जिम्मेदारी तय करने और ट्रांसपोर्टरों और परिवहन अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की बात कही गई है।

-रिहंद जलाशय में मिलने वाले बलिया नाला के जरिए अपशिष्टों के प्रवाह को ट्रैप करते हुए पर्याप्त उपचार सुनिश्चित करने, स्वास्थ्य विभाग के जरिए वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों और पीने के पानी में फोर्टाेराइड, नाइट्रेट और आयरन की अधिकता से संबंधित बीमारी के संबंध में विशेष रूप से जागरूकता और स्वास्थ्य जांच की जरूरत जताई गई है।

- कहा गया है कि जिस तरह राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) नगर पंचायत क्षेत्र में लागू किया जा रहा है। उसी तरह की योजना पूरे गंभीर दूषित क्षेत्र के लिए तैयार करते हुए कार्यान्वित की जाए। इसके लिए यूपीपीसीबी के जरिए एक प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान से अध्ययन कराने के लिए भी कहा गया है।

- यूपीपीसीबी को सीईपीआई स्कोर को कम करने के लिए की जा जाने वाली वाहन, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अतिरिक्त कार्रवाई बिंदुओं की पहचान करने की हिदायत दी गई है।

- इसको लेकर जिला प्रशासन और आरटीओ, खनन विभाग आदि के साथ सोनभद्र-सिंगरौली की स्थिति को लेकर अंतर-राज्यीय बैठकें आयोजित करने और उसकी कार्यवृत्ति सीईपीआई पोर्टल पर साझा करने पर बल दिया गया है।

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Ramkrishna Vajpei

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