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Sonbhadra Exclusive: पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन कर खड़ी की करोड़ों की बिल्डिंग-टोल प्लाजा, एनजीटी का बड़ा फैसला आया
Sonbhadra Exclusive News: मामले में अधिवक्ता आशीष चौबे की तरफ से दाखिल याचिका के क्रम में दाखिल की गई एनजीटी की तरफ से गठित संयुक्त समिति की रिपोर्ट, डीएफओ सोनभद्र, उपसा और एसीपी टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से दाखिल जवाब तथा अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों का परिशीलन किया।
Sonbhadra News: वाराणसी-शक्ति नगर राजमार्ग पर जिला मुख्यालय एरिया के लोढ़ी में शर्तों का उल्लंघन कर, इको सेंसेटिव जोन में किए गए टोल प्लाजा और भवनों के निर्माण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का बड़ा फैसला आया है। एनजीटी के चेयरपर्सन न्याय मूर्ति शिवकुमार सिंह (CHAIRPERSON HON’BLE MR. JUSTICE SHEO KUMAR SINGH) की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने MOEF&CC को मामले की जांच करने, पर्यावरणीय नुकसान की गणना करते हुए क्षति पूर्ति निर्धारित करने, आवश्यक हो तो इको सेंसेटिव जोन में हुए निर्माण को ध्वस्त करते हुए उपचारात्मक उपाय अमल में लाने के निर्देश दिए गए हैं।
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चेयरपर्सन न्याय मूर्ति शिवकुमार सिंह (CHAIRPERSON HON’BLE MR. JUSTICE SHEO KUMAR SINGH) की अगुवाई वाली बेंच ने गत मंगलवार को मामले की सुनवाई की। मामले में अधिवक्ता आशीष चौबे की तरफ से दाखिल याचिका के क्रम में दाखिल की गई एनजीटी की तरफ से गठित संयुक्त समिति की रिपोर्ट, डीएफओ सोनभद्र, उपसा और एसीपी टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से दाखिल जवाब तथा अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों का परिशीलन किया। मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने पाया कि संयुक्त समिति और डीएफओ की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि कार्यदायी संस्था/ ठेकेदार ने निर्माण में पर्यावरण संरक्षण नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है।
राज्य सरकार ने कहा शर्तों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर की जा रही कारवाई
राज्य सरकार की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता ने बेंच को जानकारी दी कि शर्तों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रकरण की सुनवाई कर रही बेंच ने इसे गंभीर मसला माना और MOEF&CC को मामले की जांच करते हुए, आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। दिए गए निर्देश के क्रम में MOEF&CC और NHAI को दो महीने के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। पर्यावरणीय शर्तों का उल्लंघन कर किए गए निर्माण से पर्यावरण को पहुंची क्षति की गणना करने, कानून के अनुसार क्षतिपूर्ति/ मुआवजा निर्धारित करने का निर्देश दिया।
इको सेंसिटिव जोन में हुए निर्माण को ध्वस्त करने को लेकर भी निर्णय लेने के निर्देश
मामले की सुनवाई करने वाली एनजीटी की प्रधान पीठ ने पारित फैसले में MOEF&CC को यह भी निर्देश दिया कि यदि आवश्यक हो तो इको सेंसेटिव जोन में हुए निर्माण को ध्वस्त करने का निर्णय लें और नियमों के अनुसार उपचारात्मक उपाय कराएं।
अब इस प्रकरण की अगली सुनवाई छह नवंबर 2023 को की जाएगी। इससे पहले दिए गए निर्देशों के क्रम में कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल कर देनी होगी।