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Sonbhadra News : 50 हजार भक्तों ने शिवद्वार में लगाई हाजिरी, चौथे सोमवार को उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला
Sonbhadra News: भक्तों को भारी भीड़ को देखते हुए, जहां जगह-जगह बैरियर लगाकर वाहन रोके रखे गए। वहीं, मंदिर परिसर में भी बैरीकेडिंग के जरिए भीड़ को नियंत्रित करने का क्रम जारी रहा।
Sonbhadra News: जिले में चौथे सोमवार को जहां सुबह से शाम तक शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं, गुप्तकाशी के द्वार का दर्जा रखने वाले शिवद्वार धाम में 50 हजार से अधिक भक्तों ने हाजिरी लगाई। भक्तों को भारी भीड़ को देखते हुए, जहां जगह-जगह बैरियर लगाकर वाहन रोके रखे गए। वहीं, मंदिर परिसर में भी बैरीकेडिंग के जरिए भीड़ को नियंत्रित करने का क्रम जारी रहा।
आधी रात की श्रृंगार आरती के बाद खोल दिए गए कपाट
बताते हैं कि रविवार देर शाम से ही यहां कांवड़ियों का जमावडा होना शुरू हो गया। वहीं, सोमवार की भोर में तीन बजे उमा-माहेश्वर की श्रृंगार आरती के बाद जलाभिषेक के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए। इसके बाद फिर से जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर तक जहां यहां पहुंचने वाले कांवड़ियों-श्रद्धालुओं की संख्या जहां 40 हजार को पार कर गई। वहीं, देर शाम तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार के इर्द-गिर्द बताई जा रही है। कहीं कोई अप्रिय स्थिति न बनने पाए, इसके लिए जहां पुलिस और पीएसी की मंदिर परिसर, गर्भगृह के साथ आस-पास मुस्तैद रही। वहीं, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से हालात पर नजर रखी जाती रही। मंदिर परिसर गेट, परिसर और गर्भगृह में सीसी टीवी कैमरे के जरिए भी निगरानी बनी रही।
मिर्जापुर, चुनौर और रामसरोवर से पहुंचा कांवड़ियों का जत्था
मिर्जापुर के बैरिया घाट, चुनार घाट से गंगा जल लेकर कांवड़ियों का बड़ा जत्था शिवद्वार पहुंचा। वहीं, विजयगढ़ दुर्ग के रामसरोवर से जल भर कर शिवद्वार पहुंचने वाले कांवरियों की भी संख्या हजारों में रही। पूरा क्षेत्र हर-हर, बम-बम, बोल बम, हर-हर महादेव के घोष से गूंजता रहा।
हल चलाते समय मिली थी उमा-माहेश्वर की अद्भुत मूर्ति
बताते चलें कि शिवद्वार स्थित उमा-माहेश्वर की अद्भुत मूर्ति घोरावल तहसील क्षेत्र के सतद्वारी गांव में हल चलाते समय 19वीं सदी के चौथे दशक में मोती महतो नामक किसान को प्राप्त हुई थी। 1942 में जमींदार परिवार की बहुरिया अविनाश कुंवरि की तरफ से इसका जीर्णोद्धार कराया गया था। 1985 में यहां पहुंचे शंकराचार्य की ओर सेएक शिवलिंग की भी प्रतिष्ठा कराई गई है।
पूर्वांचल और सीमावर्ती राज्यों से पहुंचते हैं श्रद्धालु
शिवद्वार धाम की अद्भुत महत्ता को देखते हुए, सोनभद्र सहित पूर्वांचल के जनपदों से श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए तो पहुंचते ही हैं। सीमावर्ती राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड से भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अच्छी-खासी होती है। उमा-माहेश्वर की नयनाभिराम छवि और श्रद्धालुओं का दिन ब दिन बढ़ता विश्वास, यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में प्रतिवर्ष इजाफा करता जा रहा है। प्रधान पुजारी सुरेश गिरी ने बताया कि इस धाम के प्रति लोगों की इस कदर श्रद्धा जुड़ी है कि दर्शन-पूजन के साथ ही, मांगलिक कार्यक्रम के लिए भी यहां आने वालों की संख्या खासी होती है।