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Sonbhadra News: गोदामों में भरे हैं डीएपी के भंडार, समितियों पर नहीं दी जा रही पर्याप्त खाद, किसान मंच ने दिया आंदोलन का अल्टीमेट
Sonbhadra News: हकारी समिति में पर्याप्त डीएपी न मिलने के संबंध में 29 अक्टूबर को प्रशासन की तरफ से एआर को-आपरेटिव के हवाले से अवगत कराया गया था कि जनपद में मॉग एवं लक्ष्य अनुरूप पर्याप्त डीएपी/फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध है।
Sonbhadra News: गोदामों में डीएपी का पर्याप्त भंडार होने के बावजूद समितियों पर बड़े किसानों को पर्याप्त खाद न मिलने को लेकर किसान मंच ने नाराजगी जताई है। इसको लेकर बुधवार को पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच और राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर आवाज उठाई और डीएम को संबाधित पत्रक सौंपते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। किसानों को समय से मदद न मिलने पर आंदोलन का अल्टीमेटम दिया गया।
पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के नेता श्रीकांत त्रिपाठी और गिरीश पांडेय ने कहा कि छोटे किसानों की तरह बड़े किसानों को भी महज पांच बोरी डीएपी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए 20 बीघे खेती वाले किसान को 15 बोरी डीएपी बाहर से अधिक कीमत पर खरीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि गोदामों में डीएपी खाद का भंडार भरा हुआ है। रबी सीजन की बुवाई में महज 10 से 15 दिन के समय शेष रह गया है। बावजूद समितियों के जरिए बड़े किसानों को भी महज पांच बोरी डीएपी क्यों उपलब्ध कराई जा रही है, यह वह समझ नहीं पा रहा है। इसको लेकर डीएम से प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की गई।
कृषि बीज गोदामों से भी कम गेहूं बीज मिलने की शिकायत
किसान नेताओं ने कृषि बीज गोदामों पर इस बार बड़े किसानों का पूर्व में बुवाई के लिए डेढ़ से दो कुंतल उपलब्ध कराए जाने वाले बीज की जगह इस बार महज 40 से 50 किलो गेहूं ही उपलब्ध कराने की शिकायत की। डीएम से मांग की गई कि किसानों की जरूरत को देखते हुए किसानों को डीएपी खाद प्रति बीघा एक बोरी और गेहूं बीज प्रति किसान कम से कम एक क्विंटल किया जाना चाहिए। कहा कि अगर किसानों को मदद उपलब्ध नहीं कराई गई गई तो पूर्वांचल नव निर्माण मंच तथा राष्ट्रीय लोक दल किसान हित में बड़ा आंदोलन करेगा।
प्रशासन की ओर से पर्याप्त उपलब्धता का किया गया था दावा
बताते चलें कि इससे पहले सहकारी समिति में पर्याप्त डीएपी न मिलने के संबंध में 29 अक्टूबर को प्रशासन की तरफ से एआर को-आपरेटिव के हवाले से अवगत कराया गया था कि जनपद में मॉग एवं लक्ष्य अनुरूप पर्याप्त डीएपी/फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध है। पीसीएफ बफर में प्रीपोजिशनिंग योजना के तहत 1500 एमटी डीएपी का भंडार भी उपलब्ध होने की जानकारी दी गई थी। उर्वरकों की तस्करी के रोकथाम के लिए टीमें गठित होने का दावा भी किया गया था। बावजूद किसान नेताओं की तरफ से जिस तरह के दावे किए जा रहे हैं, उसको देखते हुए डीएम के तरफ से प्रभावी हस्तक्षेप के साथ ही जांच की भी मांग उठाई जाने लगी है।
रालोद ने उठाई मांग, समितियों पर खाद वितरण की हो जांच
राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष राम सेवक पटेल ने चतरा और नगवां विकास खंड की सहकारी समितियों पर अब तक हुए खाद वितरण की जांच कराए जाने की मांग की। कहा कि कई समितियों पर खान का कृत्रिम टोटा दिखाकर बड़े स्तर पर घपलेबाजी की गई है। इसकी गहनता से जांच की गई तो गेहूं खरीद की तरह उर्वरक वितरण में भी जिले में बड़ा घपला सामने आ सकता है।
सीएनडीएस द्वारा छोड़ी गई अधूरी नाली का भी उठा मुद्दा
पूर्वांचल नव निर्माण मंच के जिलाध्यक्ष शनि मिश्रा ने सीएनडीएस द्वारा नगरपालिका परिषद राबर्टसगंज एरिया में चंडी होटल से आगे बनाई गई नाली का मामला उठाया। कहा कि सीएनडीएस द्वारा अधूरी नाली बनाकर पकरी नहर के पास छोड़ दिया गया है, जो अब बड़े गड्ढे में तब्दील होकर आसपास के रहवासियों के परेशानी का कारण बन गई है। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय लोकदल के युथ अध्यक्ष प्रशांत विष्णु प्रताप सिंह, राकेश मिश्रा, शिवचरण यादव, शरीफ, कपिल मौर्या, संतोष यादव, रामलाल, अशोक कुमार, मनीष सिंह, अजय मौर्या, विकास गुप्ता, राहुल सहित अन्य शामिल रहे।