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Sonbhadra: पांच दिन से लापता युवक का नाले में मिला शव, पुलिस-फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी
Sonbhadra News: पांच दिन से लापता चल रहे युवक का शव बृहस्पतिवार को विंढमगंज थाना क्षेत्र के घिवही ग्राम पंचायत स्थित सोननगर बस्ती से सटे जंगल स्थित भूतहवा नाले में पाए जाने से सनसनी फैल गई।
Sonbhadra News: पांच दिन से लापता चल रहे युवक का शव बृहस्पतिवार को विंढमगंज थाना क्षेत्र के घिवही ग्राम पंचायत स्थित सोननगर बस्ती से सटे जंगल स्थित भूतहवा नाले में पाए जाने से सनसनी फैल गई। शव पड़े होने की जानकारी तब सामने आई जब, कुछ चरवाहे पशुओं को लेकर जंगल पहुंचे। वाकए की जानकारी मिलते ही, जहां पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। वहीं, फॉरेंसिक टीम के साथ पहुंचे क्षेत्राधिकारी दुदृधी प्रदीप सिंह चंदेल ने भी मामले की गहनता से जांच पड़ताल की। विंढमगंज पुलिस को जरूरी निर्देश दिए। शव को पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी दुदृधी भेज दिया। घटना को लेकर पत्नी-बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है।
मजदूरी का काम करता था मृतक
बताते हैं कि विंढमगंज थाना क्षेत्र के घिवही गांव निवासी संतोष पनिका 32 वर्ष पुत्र रामवृक्ष पनिका मजदूरी का काम करता था। गत रविवार को वह घर से सोननगर बस्ती में काम करने की बात कहकर निकला था। उसके बाद से उसका पता नहीं चला। परिवार वालों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन कहीं कोई जानकारी नहीं मिली। बृहस्पतिवार को कुछ चरवाहे, सोननगर बस्ती से सटे जंगल में भूतहवा नाले की तरफ गए तो वहां एक युवक का शव औंधे मुंह पड़ा देख सन्न रह गए।
उन्होंने इसकी जानकारी पास के बस्ती के लोगों को दी। वहां से यह खबर युवक के परिवार वालों को मिली। वाकए की जानकारी पाते हुए उसकी पत्नी इंद्रावती देवी और उसके चारों बच्चे भोला 13 वर्ष, प्रियंका कुमारी 10 वर्ष, अमन कुमार 8 वर्ष, आंचल कुमारी 5 वर्ष पहुंच गए। वहां उन्होंने संतोष का शव पड़ा देखा तो बिलख पड़े। मृतक की पत्नी इंद्रावती देवी ने बताया कि गत रविवार को उसके पति सोननगर में किसी काम के सिलसिले में जाने की बात कहकर गए थे, उसके बाद से वह नहीं लौटे।
रविवार से लापता था युवक: क्षेत्राधिकारी
क्षेत्राधिकारी दुद्धी प्रदीप सिंह चंदेल ने बताया कि संतोष पनिका रविवार से लापता था। परिजन उसकी तलाश कर रहे थे लेकिन पता नहीं चल पा रहा था। बृहस्पतिवार को उसका शव जंगल स्थित नाले में पाया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मामले में आवश्यक विधिक कार्रवाई जारी है। उधर, वाकए को लेकर परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है। बताते चलें कि पत्नी भी मनरेगा में मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती थी। पति की मौत के बाद जहां उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं, बच्चों का पोलन-पोषण कैसे होगा, इसकी चिंता उसके परिवारीजनों को सताए हुए थी।