Sonbhadra News: डूबने से हो रही मौतों का डीएम ने लिया संज्ञान, एडवाइजरी जारी, जागरूकता की अपील

Newstrack Impact: तीन साल में जलाशयों में डूबने से हुई 400 से अधिक मौतों का संज्ञान लेते हुए नवागत डीएम बद्रीनाथ सिंह ने लोगों से जीवन सुरक्षा को लेकर जागरूक होने की अपील की है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 18 July 2024 3:28 PM GMT
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: महज सवा तीन साल में जलाशयों में डूबने से हुई 400 से अधिक मौतों का संज्ञान लेते हुए नवागत डीएम बद्रीनाथ सिंह ने लोगों से जीवन सुरक्षा को लेकर जागरूक होने की अपील की है। आपात स्थिति में संपर्क के लिए हेल्पलाइन जारी करते हुए, लोगों से इसके जरिए मदद पाने के लिए कहा गया है। ग्राम प्रधानों से भी इसको लेकर व्यापक जागरूकता फैलाने, सुरक्षात्मक उपाय अमल में लाने की अपील की गई है।

न्यूजट्रैक ने प्रमुखता से चलाई थी खबर

बताते चलें कि गत 15 जुलाई को न्यूजट्रैक ने जिले के विभिन्न जलाशयों-पिकनिक स्पॉटों पर महज 1185 दिनों में 404 की डूबने से मौत का खुलासा किया था। लोगों की तरफ से उठाई जा रही मांग को देखते हुए, बचाव के लिए व्यापक जागरूकता, सुरक्षा उपायों को अमल में लाने की जरूरत जताई। खबर चलने के महज तीन दिन बाद, नवागत डीएम ने डूबने से होती मौतों की संज्ञान लेते हुए, जहां बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी की है। वहीं, लोगों से, बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय अमल में लाने की अपील भी की है।

बारिश के मौसम को देखते हुए रहें अलर्ट: डीएम

डीएम बीएन सिंह ने अपील जारी करते हुए कहा है कि आगामी दिनों में बरसात होने की संभावना है। इसको देखते हुए जरूरत है कि जनपदवासी, भरे हुए नहर, नाले, तालाब आदि को लेकर सावधानी बरतें और अपने जीवन को बचाएं। इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने की अपील करते हुए कहा है कि जल भराव वाले स्थानों पर डूबने से बचाव के लिए सुरक्षा के जरूरी उपायों पर अमल जरूर करें।

इन बातों का रखें खास ख्याल

  • यदि तैरना न आता हो तो नदी, नहर, नाले, तालाब आदि में न जाएं। परिवार के लोगों को भी जाने से रोकें।
  • बच्चों को पुलिया और ऊंचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान न करने दें। पानी में उतरना आवश्यक हो तो संबंधित स्थल की गहराई का ध्यान रखें।
  • ओवरलोडेड नौका की सवारी से बचें। कोशिश करें कि किसी नदी, पोखरे, तालाब या जल स्रोत में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय, 10-15 मीटर लंबी रस्सी धोती/साड़ी अवश्य ले जाएं।
  • नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल स्रोतों के पास लिखी हुई चेतावनी पर ध्यान दें। छोटे बच्चों को जलाशय घाटों- जल स्रोतों के समीप न जाने दें।
  • किसी के उकसावे में आकर पानी में छलांग न लगाएं, नदियों या अन्य जल स्रोतों के घाटों पर रीति-रिवाजों एवं संस्कारों का निर्वहन करते समय सावधानी बरतें।
  • नदी या तालाब में तैरते/स्नान करते समय स्टंट न करें। न ही सेल्फी आदि लें, क्योंकि ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
  • जिलाधिकारी ने नागरिकों के साथ ही प्रधानों से अपील की है कि नदियां, तालाबों अथवा अन्य जल स्रोतों के पास बच्चों को न जाने दें। जल स्रोतों में डूबने के कारण जनहानि होती है, इसलिए सतर्कता बरतने और जागरूकता फैलाने का हर संभव प्रयास करें।
  • जल र्स्राेतों में डूबने व फंसने की स्थिति में राहत पाने के लिए एम्बुलेंस-108, पुलिस सहायता-112 और राहत आपदा कंट्रोल रूम-1070 पर फोन कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
  • सरकारी मदद पाने के लिए पोस्टमार्टम जरूरी
  • किसी की पानी में डूबने से मौत होती है तो सरकारी मदद के लिए पोस्टमार्टम और पंचनामा की कार्रवाई जरूरी है। नदी, तालाब, नहर, नाले में मृत्यु होने पर मृतक आश्रित को 4 लाख की मदद का प्रावधान है। शारीरिक दिव्यांगता पर 74 हजार से ढाई लाख की मदद मिलती है।

बारिश से क्षति पर भी मिलता है मुआवजा

बारिश के चलते मकान की क्षति होने पर 4000 से 1 लाख 20 हजार, पशु की मृत्यु पर 4000 से 37,500, फसल की क्षति होने पर 8500 से 22,500 आपदा पीड़ित को दिए जाने का प्रावधान है।

Durgesh Sharma

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