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Sonbhadra News: रसूखदार कर्मियों पर DM का चाबुक, चर्चित पेशकार सहित तीन का तबादला
Sonbhadra News: रसूख के दम पर प्रशासनिक अफसरों को बैक फुट पर जाने के लिए विवश करने वाले कर्मियों पर डीएम की तरफ से ट्रांसफर की गाज गिरने से हड़कंप मच गया है।
Sonbhadra News: रसूख के दम पर प्रशासनिक अफसरों को बैक फुट पर जाने के लिए विवश करने वाले कर्मियों पर डीएम चन्द्रविजय सिंह की तरफ से ट्रांसफर की गाज गिरने से हड़कंप मच गया है। ओबरा तहसील सृजित होने के समय से ही ओबरा में पेशकार के रूप में तैनात भगवान सिंह को घोरावल के लिए स्थानांतरित किया गया है। उनके साथ ही एसडीएम के स्टेनो विजेंद्र बहादुर सिंह को जिला मुख्यालय से अटैच किया गया है। वहीं, घोरावल तहसील में तैनात रहे संजय कुमार गुप्ता को भगवान सिंह के स्थान पर ओबरा में तैनाती दी गई है। हालांकि अभी भी भगवान सिंह की ज्वाइनिंग नए तैनाती स्थल पर होगी या फिर पूर्व की तरह फिर से वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर ओबरा तहसील से खुद को संबद्ध करवाने में कामयाब हो जाएंगे, इसको लेकर चर्चा बनी हुई है। बताते चलें कि भगवान सिंह की तैनाती कई वर्षों से सोनभद्र में बनी हुई है। ओबरा से पहले वह राबटर्सगंज तहसील में लंबे समय से तैनात रहे थे। ओबरा तहसील के सृजन के बाद उन्हें ओबरा तहसील में तैनाती दी गई और उन्हें एसडीएम के पेशकार का जिम्मा सौंपा गया। वर्ष 2023 में उन्हें ओबरा से स्थानांतरित कर न्यायालय तहसीलदार न्यायिक दुद्धी मेें पेशकार के रूप में तैनाती दी गई लेकिन जैसा कि लोगों की ओर से दावा किया जाता है कि उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर खुद को ओबरा तहसील से संबंद्धता का आदेश करा लिया और विरोध के बावजूद ओबरा में अपनी तैनाती बनाए रखी।
ढेरों शिकायतें, फिर भी अफसरों पर भारी पड़ते रहे भगवान
भगवान सिंह की कथित कार्यशैली को लेकर एक साल से भी अधिक समय से ओबरा में विवाद की स्थिति बनी हुई थी। कभी तहसील दिवस में मसला उठता तो कभी तहसील में बाहरी व्यक्तियों की तैनाती के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराकर कार्रवाई की मांग की जाती थी। डीएम स्तर से निर्देश के बावजूद बाहरियों का हस्तक्षेप और मौजूदगी ओबरा तहसील में बनी रही। इसको लेकर बीच-बीच में वीडियो भी वायरल होते रहे। बाहरी व्यक्तियों की तैनाती और तहसील की मौजूदा कार्यप्रणाली को लेकर अधिवक्ताओं की ओर से पिछले कई दिनों से धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके बावजूद पेशकार का रसूख इन सारे विरोधों पर भारी पद रहा था।
नए SDM की तैनाती से मिलने लगे थे कार्रवाई के संकेत
पिछले दिनों ओबरा एसडीएम के रूप में नए उपजिलाधिकारी विवेक कुमार सिंह की तैनाती के साथ ही ओबरा में फेरबदल होने के संकेत मिलने लगे थे। चार दिन पूर्व एसडीएम की ओर से बाहरी व्यक्तियों का हस्तक्षेप दूर करने और तहसील की कार्यप्रणाली सुधारने को लेकर आंदोलनरत अधिवक्ताओं को जल्द ही प्रभावी पहल का भरोसा दिया गया। इसके बाद अधिवक्ताओं ने आंदोलन स्थगित कर दिया। फ़िलहाल कोई कार्रवाई-पहल होगी की नहीं इसको लेकर उहापोह की स्थिति बन रही है।
दो कर्मियों का तबादला माना जा रहा बड़ा कदम
प्रभावी दबाव, खासकर कथित राजनीतिक हस्तक्षेप को दरकिनार कर जिस तरह से ओबरा में लंबे समय से जमे पेशकार और स्टेनो को डीएम की ओर से वहां से हटाया गया है उसको देखते हुए इसे जिलाधिकारी का बड़ा कदम माना जा रहा है। दबी जुबान कई अधिवक्ताओं, समाजसेवियों ने डीएम के इस कदम की सराहना की है लेकिन पूर्व की स्थिति को देखते हुए रिलीविंग हो पाएगी या फिर कोई प्रभावी दबाव तबादला आदेश को बेअसर कर देगा? इसकी चर्चा बनी हुई है।