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Sonbhadra News: प्रसूता की मौत का डीएम ने लिया संज्ञान, चार सदस्यीय टीम गठित
Sonbhadra News: डीएम बद्रीनाथ सिंह ने संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर चार सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। संबंधित टीम को मामले की स्थलीय जांच करते हुए, तीन दिन के भीतर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं
Sonbhadra News: राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के कम्हारी एरिया स्थित जीवनदीप हास्पीटल में प्रसव के लिए लाई गई प्रसूता के आपरेशन के बाद हुई मौत मामले का डीएम बद्रीनाथ सिंह ने संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर चार सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। संबंधित टीम को मामले की स्थलीय जांच करते हुए, तीन दिन के भीतर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
मीडिया की खबरों पर डीएम ने लिया एक्शन:
प्रसूता की मौत को लेकर मीडिया की खबरों का संज्ञान लेते हुए डीएम ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. गुलाब शंकर, जो प्राइवेट चिकित्सालयों के पंजीयन-नवीनीकरण के नोडल अधिकारी भी हैं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोरावल के फिजिशियन डा. प्रशांत पाल, जिला संयुक्त चिकित्सालय के एनेस्थेटिस्ट डा. राजेश, जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. मोनिका की मौजूदगी वाली चार सदस्यीय टीम गठित की है। टीम के समन्वय की जिम्मेदारी नोडल को सौंपी गई है। निर्देशित किया गया है कि स्थलीय जांच करते हुए, तीन दिन के भीतर जिलाधिकारी के समक्ष जांच आख्या प्रस्तुत करें। जांच के जरिए सामने आई जानकारी के क्रम में डीएम की ओर से आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
यह है प्रकरण, जिसकी जांच का दिया गया निर्देश:
बताते चलें कि राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के जैत गांव निवासी ममता यादव 28 वर्ष पत्नी कमलेश यादव को जीवनदीप हास्पीटल में प्रसव के लिए लाया गया था। सीजेरियन प्रसव के तत्काल बाद ममता की हालत गंभीर हो गई थी। हालत नाजुक होने पर, मंगलवार की देर रात वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया था। वाराणसी पहुंचने से पहले ही, प्रसूता की मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप था कि ऑपरेशन के दौरान बरती गई लापरवाही के चलते अत्यधिक रक्तस्राव हुआ जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
स्वास्थ्य महकमा नहीं ले पा रहा था एक्शन, डीएम ने लिया स्वतः संज्ञान:
वहीं, स्वास्थ्य महकमे का कहना था कि अस्पताल-चिकित्सक दोनों पंजीकृत हैं, इसलिए इस मामले में सीधे तौर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। मामले की जांच के लिए पीड़ित पक्ष से प्रार्थना पत्र का इंतजार किया जा रहा था। अब डीएम ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए तीन दिन के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश के साथ ही, उन्होंने जांच के लिए टीम भी गठित कर दी गई है।