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Sonbhadra News: पुलिस चौकी को बना दिया भूतों की चौकी, जानें क्या है अफवाहों की सच्चाई
Sonbhadra News: वर्ष 2018-19 में नईबाजार इलाके को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की नियत से स्थापित की गई चौकी पर चंद माह बाद ही ऐसा ताला लटका कि अब इन तालों में भी जंग लग गए हैं।
Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र एक हत्याकांड के बाद राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के नईबाजार स्थित एक मकान को अभिशप्त होने की कहानी लोगों की जुबां पर कुछ ऐसी रची-बसी कि यहां खोली गई एक पुलिस चौकी भी वीरान सी पड़ गई। वर्ष 2018-19 में नईबाजार इलाके को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की नियत से स्थापित की गई चौकी पर चंद माह बाद ही ऐसा ताला लटका कि अब इन तालों में भी जंग लग गए हैं। आस-पास उगे झाड़-झंखाड़.. कभी यहां एक पुलिस चौकी भी थी... की गवाही दे रहे हैं। हालांकि नईबाजार में चौकी स्थापना के लिए एक जमीन भी चिन्हित की गई है। अभी तक उस पर भवन निर्माण की मंजूरी न मिलने के कारण, नईबाजारी चौकी का कामकाज राबटर्सगंज कोतवाली से ही संचालित किया जा रहा है।
हिंदुआरी और नईबाजार में एक साथ खोली गई थी चौकी
वर्ष 2019 में राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र की पुलिसिंग को बेहतर बनाने के लिए, चुर्क, शहर और सुकृत चौकी के अलावा, सपोर्टिंग चौकी के रूप मं कांशीराम आवास, लोढ़ी जिला अस्पताल, हिंदुआरी और नईबाजार में पुलिस चौकियां खोली गई थीं। सोनभद्र के तत्कालीन एसपी किरीट राठौर और तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक राबटर्सगंज चंद्रप्रकाश पांडेय के समय में हिंदुआरी और नईबाजार में एक साथ पुलिस चौकी स्थापित की गई थी। हिंदुआरी में एसआई सुजीत मिश्रा और नईबाजार में पहले चौकी इंचार्ज के रूप में एसपी श्रीवास्तव की तैनाती की गई। दोनों पुलिस चौकियों के लिए संचालन वाली जगह, के पास में ग्राम समाज की जमीन भी प्रस्तावित की गई।
बाद के चौकी इंचार्जों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी, अफवाहें पकड़ती गईं जोर
हिंदुआरी में आज भी चौकी का संचालन जारी है। वहीं, एसपी श्रीवास्तव के हटने के बाद, नईबाजार चौकी इंचार्ज के रूप में तैनात उप निरीक्षकों ने नईबाजार चौकी संचालन में दिलचस्पी नहीं दिखाई। उसके बाद से राबटर्सगंज कोतवाली से नईबाजार चौकी के कामकाज के संचालन की परंपरा सी पड़ गई। इसका परिणाम यह है कि, संबंधित भवन स्वामी की हत्या के बाद, मकान के भूत-प्रेत से अभिशप्त होने की अफवाहों ने पुलिस चौकी को भी भूूत-प्रेत से ग्रसित होने की अफवाहों ने जोर पकड़ लिया और लंबे समय से ताला लटकने के कारण स्थानीय लोग भी अब बोल-चाल में चौकी वाली जगहों को भूतों की चौकी बोलने लगे हैं।
यह है असली वजह, ..इस पर नहीं पड़ा किसी का ध्यान
लोगों की मानें तो नईबाजार इलाके में बेहतर पुलिसिंग के लिए खोली गई पुलिस चौकी को वीरान पड़ने की असली वजह, यहां सुविधाओं का टोटा है। इस चौकी में न तो विद्युत कनेक्सन की व्यवस्था है, न ही पेयजल की। लोगों के बीच मकान को अभिशप्त होने की तैरती अफवाहें हैं.. सो अलग। बताया जा रहा है कि जब तक एसपी श्रीवास्तव की यहां तैनाती थी, तब तक यह चौकी दिन ही नहीं, रात में भी गुलजार रहती थी। चहल-पहल को देखते हुए, पास में कुछ समय के लिए चाय-पान की एक गुमटी भी खुल गई थी लेकिन एसपी श्रीवास्तव के चौकी से हटने के साथ ही, सुविधाओं की कमी को देखते हुए, बाद के इंचार्जों ने चौकी संचालन को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसके चलते चहल-पहल ने वीरानी का रूप ले लिया।
कहीं कोई भूत-प्रेत नहीं, महज अफवाहें
नई बाजार इलाके के ही रहने वाले पंकज पटेल बताते हैं कि कहीं कोई भूत-प्रेत नहीं है। संबंधित मकान के पास ही उनका और अन्य लोगों का रहना है। कभी किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई। सिर्फ चौकी बंद रहने के कारण अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कालू सिंह ने भी कहा कि भूत-प्रेत जैसा कहीं, कुछ नहीं है। राबटर्सगंज कोतवाली से नईबाजार की बहुत दूरी भी नहीं है। इलाके के लिए दारोगा-सिपाहियों की तैनाती के साथ ही, लगातार पुलिस की निगरानी बनी हुई है। सपोर्टिंग चौकी होने के नाते अभी, नईबाजार चौकी को खुद का भवन उपलब्ध नहीं हो सका है। इस कारण वहां चौकी के रूप में पुलिसकर्मियों का बैठना नहीं हो पा रहा है।