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Sonbhadra News: जनजातीय बच्चों को बड़ी सौगात, सात विद्यालयों की स्थापना को लेकर कवायद तेज

जिले में जहां सात जनजातीय विद्यालयों के स्थापना का प्रस्ताव मंजूर हो चुका है। वहीं, इसमें से जिला मुख्यालय पर एक विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 8 Jan 2024 5:24 PM IST
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सोनभद्र में जनजातीय बच्चों के लिए होगी सात विद्यालयों की स्थापना (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से सोनभद्र के जनजातीय बच्चों को नए वर्ष में बड़ी सौगात देने की तैयारी तेजी पर है। जिले में जहां सात जनजातीय विद्यालयों के स्थापना का प्रस्ताव मंजूर हो चुका है। वहीं, इसमें से जिला मुख्यालय पर एक विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। वहीं शेष को लेकर, स्थल चयन का काम जारी है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले वित्तीय वर्ष से इन विद्यालयों के लिए भी भवन निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है।

एक का भवन निर्माण शुरू, शेष के लिए स्थल चयन का काम जारी

बताते हैं कि जिला मुख्यालय पर जनजातीय बच्चों के लिए बालक-बालिका दो विद्यालय स्वीकृत किए गए हैं। इसमें बालक वर्ग के विद्यालय का भेलाही बंधे के पास वाली जमीन पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। वहीं, बालिका वर्ग के विद्यालय के निर्माण को लेकर स्थल चयन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसी तरह नगवां ब्लाक के सियरिया, चोपन ब्लाक के बभनी, म्योरपुर ब्लाक के कुलडोमरी, चोपन ब्लाक के परसोई और जुगैल ग्राम पंचायत में जनजातीय वर्ष के बच्चों के लिए विद्यालय स्वीकृत किया गया है। यहां भी स्थल चयन को लेकर प्रकिय्रा जारी है।

जनजातीय समाज के लिए बेहद खास है यह पहल

बताते चलें कि अभी तक जिले में जो भी आश्रम पदधति विद्यालय संचालित हैं। उसमें अनुसूचित जाति के बच्चों के प्रवेश को प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि इन विद्यालयों में जनजातीय बच्चों का भी दाखिल लिया जाता है लेकिन विशेष फोकस अनुसूचित जाति के बच्चों पर होता है। वहीं, अब जो जनजातीय बच्चों के लिए विद्यालय खोले जा रहे हैं, उसमें 60 फीसद प्रवेश जनजातीय समाज के बच्चों को दिया जाएगा। वहीं, जनजातीय वर्ग के बेटे-बेटियों को 12वीं तक की निःशुल्क पढ़ाई का मौका मिलेगा।

पिछड़ा-सामान्य वर्ग के भी बच्चों को पढ़़ने का मिलेगा अवसर

पूर्व में खुले आश्रम पद्धति विद्यालयों की तरह, जनजातीय समाज के बच्चों को फोकस कर खोले जा रहे विद्यालयों में 15 प्रतिशत दाखिला सामान्य वर्ग के बच्चों का और 25 प्रतिशत दाखिला पिछड़ा वर्ग के बच्चों का लिया जाएगा। यहीं प्रतिशत पूर्व में खुले आश्रम पद्धति विद्यालयों में भी लागू है लेकिन जागरूकता के अभाव में सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लोग, यहां दाखिला लेने पहुंच जाते हैं। निर्धारित अनुपात के मुताबिक सभी बर्ग के बच्चों कों सरकार की तरफ से खोले जा रहे इन विद्यालयों में निःशुल्क शिखा का मौका मिले, इस पर भी जोर देने की योजना बनाई गई है।

डीएम-डीएसडब्ल्यूओ की जोड़ी ने दी कई सौगात

जनजातीय समाज के लिए योगी-2 का कार्यकाल काफी फायदेमंद रहा है। वहीं डीएम चंद्रविजय सिंह और एसडब्ल्यूओ रमाशंकर यादव की जोड़ी की तरफ से भी जनजातीय समाज कई सौगात दी गई है। इसमें, इस समाज की बेटियों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए, जा रही साइकल की सौगात और आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों में बुनियादी सुविधाओं की ब़ढ़ोत्तरी, को खासा अहम माना जा रहा है। बता दें कि लखीमपुर खीरी के बाद सबसे ज्यादा जनजातीय आबादी वाले सोनभद्र में जहां योगी-2 सरकार की अवधि में 4400 पट्टे जारी किए गए हैं। वहीं, जनजातीय बेटियों को पढ़ाई के लिए, दी जा रही साइकल की भी संख्या में भी तेजी से बढोत्तरी दर्ज की गई है।

जमीन उपलब्ध होते ही सभी जगह शुरू करा दिया जाएगा निर्माण कार्य

जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव ने बताया कि जिला मुख्यालय पर जनजातीय समाज के लिए एक विद्यालय के निर्माण का कार्य तेजी से जारी है। दूसरे के लिए भी स्थल चयन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। शेष स्वीकृत विद्यालयों के लिए भी जमीन का चयन शीघ्र हो सके, इसको लेकर डीएम की तरफ जहां सबंधितों को शीघ्र स्थल चयन के निर्देश दिए जा चुके हैं। वहीं, उनके जरिए इसको लेकर लगातार पहल बनी हुई है। कहा कि जैसे ही स्थल चयन का कार्य पूर्ण हो जाएगा, भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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