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Sonbhadra : केवाईसी के झाम ने लील ली खाताधारक की जिंदगी, बैंक के भीतर 20 मिनट तक तड़पता रहा बुजुर्ग

Sonbhadra News इलाहाबाद बैंक की शाखा में एक बुजुर्ग की बैंक में केवाईसी कराने के दौरान मौत का मामला सामने के बाद हड़कंप मच गया है। परिवार वालों का आरोप है कि बैंक के भीतर 20 मिनट तक बुजुर्ग तड़पता रहा, लेकिन किसी कर्मी ने सुध नहीं ली।

Kaushlendra Pandey
Published on: 28 Dec 2024 7:44 PM IST
Sonbhadra News ( Pic-  Newstrack)
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Sonbhadra News ( Pic-  Newstrack)

Sonbhadra News: कचनरवा स्थित इंडियन बैंक (पूर्व में इलाहाबाद बैंक) की शाखा में एक बुजुर्ग की बैंक में केवाईसी कराने के दौरान मौत का मामला सामने के बाद हड़कंप मच गया है। परिवार वालों का आरोप है कि बैंक के भीतर 20 मिनट तक बुजुर्ग तड़पता रहा, लेकिन किसी कर्मी ने सुध नहीं ली। यह भी आरोप है कि केवाईसी के लिए पिछले चार दिनों से दौड़ाया जा रहा था। चूंकि खाते में लेन-देन पर रोक लगा दी गई थी इसके चलते बुजुर्ग को घंटों लाइन में खड़े रहने के लिए विवश रहना प़ड़ा। सच्चाई क्या है? यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन जिस तरह से बैंक कर्मियों की तरफ से खाताधारकों, खासकर बुजुर्ग और महिलाओं के साथ रूखे व्यवहार की शिकायत मिलती रहती है, उससे बेहतर कार्यप्रणाली का दावा करने वाले बैंक की साख पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं।

बताया जा रहा है कि रम्मन 65 वर्ष पुत्र सुखदेव निवासी कचनरवा, कचनरवा बाजार स्थित इंडियन बैंक में जमा रुपये को घरेलू कामकाज के लिए निकालने को लेकर पिछले चार दिन से परेशान थे। पुत्र जवाहर के मुताबिक बैंक जाने पर पता चला कि केवाईसी करानी होगी तभी लेनदेन हो पाएगा। आरोप है कि केवाईसी में देरी की स्थिति को देखते हुए उन लोगों ने बैंक मैनेजर से मुलाकात की तो उनकी तरफ से भी कहा गया कि जब तक खाते की केवाईसी नहीं हो जाती तब तक कोई लेन-देन नहीं हो पाएगा।

कभी सर्वर डाउन तो कभी दूसरी प्राब्लम बता लौटा रहे थे कर्मी

पीड़ित परिवार का आरोप है कि कभी सर्वर डाउन तो कभी दूसरी प्राब्लम बताकर उन्हें लौटा दिया जा रहा था। घंटों लाइन में लगने के बाद भी केेवाईसी न हो पाने को लेकर वह काफी तनाव ग्रस्त थे, वहीं परिवार के लोग भी परेशान थे। चौथे दिन शुक्रवार को रम्मन अपने पुत्र जवाहर को लेकर गए फिर भी केवाईसी नहीं हुो पाई। काफी हील-हुज्जत के बाद शाम साढ़े चार बजे जाकर केवाईसी की प्रक्रिया हो पाई, तब तक उनकी तबियत बिगड़ गई। अचानक थकान महसूस होने पर, वह बैंक में मौजूद कुर्सी पर बैठ गए। चंद मिनट बाद ही उनकी हालत बेसुध वाली हो गई। परिवार के लोगों का आरोप है कि मुंह से झाग निकलने की स्थिति के बावजूद, बैंक के लोग मदद करने की बजाय वहां से भगाने में लग गए। बेटे जवाहर का कहना था कि तबियत बिगड़ने के बाद लगभग 20 मिनट तक उसके पिता बैंक में थे। मदद की गुहार लगाई जाती रही लेेकिन किसी ने नहीं सुनी।

पहुंचे अस्पताल तो डॉक्टरों ने घोषित कर दिया मृत

पुत्र जवाहर के मुताबिक हालत ज्यादा खराब होने पर वह पिता को उठाकर पास के सरकारी अस्पताल ले गया। अस्पताल बंद मिलने पर, एक निजी चिकित्सक के यहां ले गया जिन्होंने देखते ही मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को लेकर वह घर चला गया। ग्रामीणों का कहना था कि बैंक कर्मियों की स्थिति काफी खराब है। आए दिन खाताधारकों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में ब्रांच मैनेजर अनुभव कोरी से फोन पर कई बार संपर्क साधा गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक प्रभारी निरीक्षक कोन की तरफ से अवगत कराया गया है। कि रम्मन 65 वर्ष पुत्र सुखदेव निवासी कचनरवा टोला हड़वरिया थाना कोन की पिछले काफी दिनों से तबियत खराब चल रही थी। 27 दिसंबर को वह इंडियन बैंक कचनरवां शाखा में केवाईसी के लिए अपने बेटे के साथ आये थे जहां अचानक उनकी तबियत खराब हो गई। उनको नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टरांे द्वारा उन्हे मृत घोषित कर दिया गया। अभी तक थाने में प्रकरण से संबंिधत कोई सूचना नहीं दी गई है, जिससे पोस्टमार्टम की कार्रवाइ की जा सके।



Shalini singh

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