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Sonbhadra News: भीषण गर्मी में बढ़ी बिजली की मांग, रिकार्ड 28092 मेगावाट की खपत
Sonbhadra News: बढ़ती गर्मी के कारण शुक्रवार की रात पीकऑवर में 27516 मेगावाट रिकार्ड की गई बिजली की खपत शनिवार की रात 28092 मेगावाट पहुंच गई।
Sonbhadra News: लगातार चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी के बीच रविवार को 43.2 डिग्री तक पहुंचे पारे ने लोगों ने बेहाल करके रख दिया। अवकाश का दिन होने के कारण जहां ज्यादातर लोगों ने स्वयं को घरों में कैद रखा। वहीं बाहर निकले लोगों को झुलसाने वाली तपन पूरे दिन तड़पाए रही। खुश्क होत गले के साथ, पेटदर्द, मितली, बदन दर्द, जुकाम जैसी दिक्कतें लोगों को परेशान किए रही।वहीं, बढ़ी बिजली की मांग के साथ ही, खपत में हुई तेजी से बढ़ोत्तरी ने, यूपी के इतिहास में अब तक हुई बिजली की सबसे ज्यादा खपत का एक नया रिकार्ड बना दिया।
पावर कटौती का लिया जा रहा सहारा
बढ़ती गर्मी की स्थिति को देखते हुए सिस्टम कंट्रोल की तरफ से जहां पीक ऑवर में कटौती का सहारा लिया जाता रहा। वहीं, दिन के ज्यादातर समय महंगी बिजली खरीदकर हालात संभाले जाते रहे। यूपी के सिस्टम लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक, गत शुक्रवार की रात पीकऑवर में 27516 मेगावाट रिकार्ड की गई बिजली की मांग और खपत शनिवार की रात 28092 मेगावाट पहुंच गई। यह आंकड़ा जहां यूपी के इतिहास में अब तक की रिकार्ड की गई सबसे अधिक मांग 28258 मेगावाट से महज 166 मेगावाट पीछे है। वहीं, प्रदेश की अब तक दर्ज की गई सबसे अधिक बिजली खपत 27822 को पीछे छोड़ने वाला है।
प्राइवेट घरानों से खरीदी जा रही बिजली
इसी तरह बिजली खपत के आंकड़े में भी बढ़ोतरी सामने आई है । शनिवार को जहां न्यूनतम बिजली खपत 20,000 मेगावाट रिकॉर्ड की गई थी। वहीं रविवार को यह पढ़कर 21,000 मेगावाट के करीब पहुंच गई। स्थिति को देखते हुए, जहां ज्वाइंट वेंचर और प्राइवेट घरानों से 14 रूपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीद कर हालात संभाले जा रहे हैं। वहीं, सस्ती बिजली देने वाले राज्य सेक्टर के बिजली घरों में लगातार बेहतर उत्पादन बना रहे, इसको लेकर प्रयास जारी हैं।
न्यूनतम स्तर के करीब पहुंचा रिहंद का जलस्तर
पिछले वर्ष अवर्षण के चलते रिहंद डैम में कम जलभराव की बनी स्थिति के साथ ही, इस बार की तपिश में भी न्यूनतम स्तर के करीब जलस्तर पहुंचने से पावर सेक्टर में बेचैनी की स्थिति बनी हुई है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले वर्ष 19 मई को रिहंद डैम का जलस्तर 841.1 फीट दर्ज किया गया था। इस बार यह अभी से घटकर 840.2 फीट पहुंच गया है। अभी मई माह के 10 से 11 दिन के साथ ही, जून माह की पूरी तपिश बाकी है। इसको देखते हुए, जहां रिहंद और ओबरा जल विद्युत गृह इकाइयों से नियमित उत्पादन पर रोक लगा दी गई है। वहीं, पीक ऑवर के समय भी आपात स्थिति पड़ने पर ही, जल विद्युत इकाइयों से उत्पादन लिया जा रहा है।