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Sonbhadra News: 29500 मेगावाट पहुंची बिजली की मांग, तीन इकाइयां ट्रिप, हायतौबा की स्थिति
Sonbhadra News: चार दिन पूर्व रिकार्ड की गई बिजली की अधिकतम मांग 29344 मेगावाट, सोमवार की रात पीक ऑवर में 29400 मेगावाट पहुंच गई।
Sonbhadra News: एक तरफ जहां लगातार भीषण तपिश जनजीवन अस्त-व्यस्त किए हुए हैं। वहीं, बिजली को लेकर बढ़ती मांग हर तीसरे-चौथे दिन नया रिकार्ड बनाने में लगी हुई है। चार दिन पूर्व रिकार्ड की गई बिजली की अधिकतम मांग 29344 मेगावाट, सोमवार की रात पीक ऑवर में 29400 मेगावाट पहुंच गई। इसके चलते जहां सिस्टम कंट्रोल को महंगी बिजली खरीद के साथ ही, आपात कटौती का सहारा लेना पड़ा। वहीं, ओबरा सी की पहली इकाई सहित राज्य सेक्टर की तीन इकाइयां ट्रिप होने से, पावर सेक्टर में बिजली उपलब्धता को लेकर हायतौबा की स्थिति बनी रही।
बताते चलें कि जहां एक तरफ तपिश ने जनजीवन बेहाल करके रख दिय है। मंगलवार को भी पारा 42 डिग्री तक पहुंचने के कारण लोग ज्यादातर समय घरों में कैद रहे। जरूरी कामकाज वाले ही धूप में बाहर निकले। उन्हें भी सिरदर्द, मितली, बेचैनी जैसी दिक्कतें परेशान किए रही। गर्मी के चलते कूलर-पंखे बेमतलब साबित होते रही। वहीं, दूसरी तरफ बढ़ी बिजली की मांग ने, सोमवार की देर रात एक नया रिकार्ड बनाकर रख दिया।
यूपी में बढ़ती मांग ने देश के सभी राज्यों को छोड़ा पीछे
प्रदेश में रिकार्ड स्तर पर पहुंची बिजली की मांग और खपत ने देश के सभी राज्यों को, इस मामले में पीछे छोड़ दिया है। यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक पीक ऑवर में बिजली की मांग 29500 मेगावाट रिकार्ड की गई, जो यूपी में ही अब तक का सर्वाधिक नहीं बल्कि देश के किसी भी राज्य में दर्ज की गई बिजली की अब तक की अधिकतम मांग में सर्वाधिक है। मंगलवार को भी बिजली की मांग में तेजी का क्रम जारी रहा। दोपहर में 28 हजार मेगावाट के इर्द-गिर्द बिजली की मांग रिकार्ड की गई।
ओबरा सी सहित तीन परियोजनाओं की इकाइयां ट्रिप, लड़खड़ाया उत्पादन
वहीं, दूसरी तरफ ओबरा सी की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई तकनीकी खामी के कारण बंद हो गई। इससे राज्य सरकार को मिल रही लगभग 500 मेगावाट बिजली की उपलब्धता कम हो गई। वहीं, राज्य सेक्टर की पारीक्षा परियोजना की 210 मेगावाट वाली चौथी और जवाहरपुर की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई के अचानक ट्रिप होने के कारण, लगभग 800 मेगावाट की उपलब्धता सीधे तौर पर प्रभावित हुई। चूंकि राज्य के स्वामित्व वाले बिजलीघरों से प्रदेश सरकार को सस्ती बिजली मिलते ही, इसके चलते पावर सेक्टर में, विद्युत उपलब्धता को लेकर हायतौबा की स्थिति बनी रही। परियोजना प्रबंधन के मुताबिक ठप पड़ी इकाइयों को उत्पादन पर लाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी हैं। मंगलवार रात तक बंद पड़ी इकाइयों से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।