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Sonbhadra News: आइए लें प्रण, गांव-स्कूल बनाएंगे प्लास्टिक मुक्त, हर दिन एक गांव को प्लास्टिक फ्री बनाने की मुहिम शुरू

Sonbhadra News: विकास खंड दुद्धी के सभी 58 ग्राम पंचायतों के प्रधान और 218 विद्यालयों के शिक्षकों ने बीआरसी परिसर में आयोजित परिसर में गांव-स्कूल को प्लास्टिक मुक्त बनाने का प्रण लिया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 12 Dec 2024 7:36 PM IST
Employees and villagers started plastic free campaign in Amouli village Sonbhadra news up ki khabar
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आइए लें प्रण, गांव-स्कूल बनाएंगे प्लास्टिक मुक्त, हर दिन एक गांव को प्लास्टिक फ्री बनाने की मुहिम शुरू, मुख्यालय से आगाज (newstrack)

Sonbhadra News: 10 ब्लाकों के 62 गांवों को चयनित कर प्लास्टिक फ्री बनाने की मुहिम को ग्रामीणों का अच्छा-खासा समर्थन मिलता देख, अब हर दिन एक गांव को प्लास्टिक फ्री बनाने और दैनिक कामकाज में प्रयुक्त होने वाले प्लास्टिक के सही निस्तारण को उनकी दिनचर्या में शामिल करने की मुहिम शुरू हो गई है। मुख्यालय परिक्षेत्र (सदर ब्लाक) के अमौली गांव से बृहस्पतिवार को, ग्राम पंचायतों को प्लास्टिक फ्री बनाने की चल रही मुहिम को गति देने वाले, इस अभियान की शुरूआत की गई। वहीं, दुद्धी तहसील मुख्यालय पर आयोजित एक संगोष्ठी में दुद्धी ब्लाक के सभी प्रधानों और 218 स्कूलों के शिक्षकों की तरफ से प्लास्टिक फ्री मुहिम को मूर्तरूप देने का प्रण लिया गया।

Employees and villagers started plastic free campaign in Amouli village। बीडीओ उत्कर्ष सक्सेना ने ग्रामीणों से आह्वान किया कि घर से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे के साथ गांव में जहां-तहां बिखरे प्लास्टिक के भी सुरक्षित निस्तारण को लेकर जागरूकता दिखानी होगी। प्रधान अमौली सुरेश शुक्ला ने प्लास्टिक मुक्ति अभियान में प्रमुखता से भागीदारी दर्ज कराते हुए, ग्रामीणों से सहयोग की अपील की। सहायक विकास अधिकारी पंचायत महिपाल लाकड़ा, डीसी अनिल केशरी ने गांव के लोगों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और उसके सुरक्षित निस्तारण के फायदे बताए।

58 प्रधानों, 218 विद्यालयों के शिक्षकों ने लिया प्लास्टिक मुक्ति का प्रण

डीपीआरओ नमिता शरण के निर्देशन में शुरू हुई मुहिम का असर सिर्फ सदर ब्लाक में ही नहीं, दूसरे ब्लाकों में दिखने लगा है। विकास खंड दुद्धी के सभी 58 ग्राम पंचायतों के प्रधान और 218 विद्यालयों के शिक्षकों ने बीआरसी परिसर में आयोजित परिसर में गांव-स्कूल को प्लास्टिक मुक्त बनाने का प्रण लिया। बतौर मुख्य अतिथि एसडीएम निखिल यादव ने प्लास्टिक कचरे के सही निस्तारण के लिए हर घर एक बोरी रखने की अपील की। खंड विकास अधिकारी राम विशाल चौरसिया ने प्रधान, ग्राम स्तरीय कर्मचारियों के साथ ही शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों से अभियान में सक्रिय सहभागिता दर्ज कराने की अपील की। सहायक विकास अधिकारी पंचायत आशुतोष श्रीवास्तव ने स्कूलों में भी बोरियां टांगने के साथ ही, सुबह की प्रार्थना में बच्चों को प्लास्टिक के प्रयोग और उसके असुरक्षित निस्तारण से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराने का आह्वान किया। बीईओ महेंद्र मौर्य ने जरूरी जानकारियां दी। प्रधान प्रतिनिधि रजखड़ वृजेश कुशवाहा, प्रधान दिनेश यादव, बुन्देल चौबे, निरंजन जायसवाल, त्रिभुवन यादव सहित अन्य मौजूद रहे।

तेजी से जुड़ रहे ग्रामीण, महज एक गांव से निकला 500 किलो प्लास्टिक

अभियान की तरफ जहां ग्रामीणों का खासा झुकाव दिख रहा है। वहीं, महज एक गांव से महज एक दिन के प्लास्टिक कचरा एकत्रीकरण अभियान में 500 किलो प्लास्टिक निकलता देख, अब इस मुहिम को गांव के साथ शहर में भी शुरू करने की जरूरत जताई जाने लगी है। बताते चलें कि पिछले दिनों जहां डीपीआरओ नमिता शरण ने सुकृत क्षेत्र के भवानीपुर गांव गांव में स्वयं जाकर, ग्रामीणों को जागरूक करने और बारियां मांगकर घर-घर टांगने का अभियान चलाया था। वहीं, महज पांच दिन के अभियान में 62 ग्राम पंचायतों के चयनित 23322 घरों के मुकाबले 4578 घरों पर बोरियां टांगने और 3160 किलो प्लास्टिक एकत्र किए जाने की जानकारी सामने आई थी। इसके अगले ही दिन चतरा ब्लाक में कर्मनाशा नदी किनारे पकरहट गांव में महज एक दिन के प्लास्टिक एकत्रीकरण अभियान में 500 किलो का प्लास्टिक कचरा निकलने के बाद, इस मुहिम को गांव-गांव पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी गई थी।

महज एक बोरी दिलाएगी कई समस्याओं से निजात: डीपीआरओ

डीपीआरओ नमिता शरण कहती हैं कि प्लास्टिक मुक्ति के अभियान में घरों पर टांगी जा रही दिखने में तो महज एक सामान्य बोेरी है लेकिन इसके फायदे कई है। इससे जहां जमीन के अंदर जाकर भूजल रिचार्जिंग में अवरोध बन रहे प्लास्टिक पर रोक लग सकेगी। नालियों को जाम होने से बचाने, पशुओं-जानवरों को इसके सेवन से होने वाली परेशानियों, इसको जहां तक फेंकने और जलाने से पर्यावरण को पहुंचने वाली क्षति पर भी रोक लगाई जा सकेगी। बता दें कि वर्तमान परिवेश में प्लास्टिक जरूरत बन चुका है। बाजार से मिलने वाली हर सामान की पैकिंग प्लास्टिक की आ रही है। पानी बॉटल भी प्लास्टिक कचरे का बड़ा स्रोत बन चुका है। ऐसे में अगर इस मुहिम को ग्रामीणों का साथ मिला तो, प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे सोनभद्र को जल-मृृदा दोनों प्रदूषण से बड़ी राहत मिलती दिखाई दे सकती है।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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