Sonbhadra: गाजीपुर में करोड़ों के शासकीय धन का गबन, सोनभद्र आयी ईओडब्ल्यू की टीम ने लेखाकार को दबोचा, पर्यटन विकास के लिए आई थी धनराशि

गाजीपुर के ब्लॉक भदौरा अंतर्गत पांच स्थानों पर पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण के कार्य के लिए वर्ष 2012-13 में राज्य सरकार की तरफ से 8.17 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई थी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 11 March 2024 3:37 PM GMT
Sonbhadra: गाजीपुर में करोड़ों के शासकीय धन का गबन, सोनभद्र आयी ईओडब्ल्यू की टीम ने लेखाकार को दबोचा, पर्यटन विकास के लिए आई थी धनराशि
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Sonbhadra News: वर्ष 2012-13 में गाजीपुर में पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण के लिए आई सात करोड़ की धनराशि के गबन मामले को लेकर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा वाराणसी की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। इसको लेकर सोनभद्र धमकी ईओडब्ल्यू की टीम ने गबन में शामिल रहे लेखपाल को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। राबटर्सगंज कोतवाली ले जाकर उनसे पूछताछ की गई। पकड़े गए लेखाकार को सोमवार को वाराणसी स्थित भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में पेश किया गया जहां कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए, जेल भेज दिया।

11 साल पुराने मामले में की गई गिरफ्तारी

बताते हैं कि गाजीपुर के ब्लॉक भदौरा अंतर्गत पांच स्थानों पर पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण के कार्य के लिए वर्ष 2012-13 में राज्य सरकार की तरफ से 8.17 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई थी। कार्यदायी संस्था की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड भदोही (वाराणसी) को सौंपी गई थी। घोटाले की शिकायत पर मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि धरातल पर महज 1.17 करोड़ रुपये का ही कार्य कराया गया। शेष सात करोड़ की रकम इससे जुड़े जिम्मेदारों ने डकार ली। मामले की जांच करने वाले तत्कालीन संयुक्त निदेशक पर्यटन वाराणसी एवं विंध्याचल मंडल अविनाश चंद्र मिश्रा ने 12 सितंबर 2017 को मामले में गाजीपुर जिले के गहमर थाने में एफआईआर दर्ज कराया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन की तरफ से इसकी विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी को सौंपी गई।

तत्कालीन पीडी, जेई, लेखाकार, ठेकेदारों को पाया गया दोषी

ईओडब्ल्यू में मामला पहुंचने के बाद इस प्रकरण की जांच निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा को मिली। उन्होंने विवेचना के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर शासकीय धन के बंदरबाट के लिए तत्कालीन परियोजना निदशक, उप अभियंता, लेखाकार और कार्य से जुड़े ठेकेदारों को दोषी पाया और प्रकरण की जानकारी अपने अधिकारियों को दी। इसको गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू लखनऊ/ वाराणसी लाल साहब यादव ने प्रकरण में संलिप्त पाए गए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व और मुख्य आरक्षी रामाश्रय सिंह तथा रोहित सिंह की मौजूदगी वाली एक टीम गठित की। आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी का निर्देश दिया।

- सोनभद्र निवासी लेखाकार को उनके आवास से किया गया गिरफ्तार:

मामले में संलिप्त पाए गए श्रीप्रताप सिंह 61 वर्ष पुत्र लक्ष्मण सिंह मूल निवासी छोड़ा थाना रामपुर बरकोनिया, हाल पता विकास नगर कॉलोनी, राबर्ट्सगंज की गिरफ्तारी, विकास नगर स्थित उनके आवास से की गई। गिरफ्तारी निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा की अगुवाई वाली टीम ने की। इंस्पेक्टर सुनील वर्मा ने बताया कि लेखाकार की गिरफ्तारी शासकीय धन का दुर्वियोजन और गबन किए जाने के आरोप में किया गया है। तत्कालीन समय में वह उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड की वाराणसी इकाई में लेखाकार के पद पर कार्यरत थे। बताया गया कि सोमवार को भ््राष्टाचार निवारण न्यायालय वाराणसी के समक्ष उन्हें रिमांड के लिए प्रस्तुत किया गया,जहां कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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