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Sonbhadra News: लखनऊ से नोएडा तक फैला है फर्जी परमिट का रैकेट, हर माह करोड़ों का वारा-न्यारा, पुलिस अलर्ट, दो और गिरफ्तार

Sonbhadra News: इस खेल में सिर्फ खनन-क्रशर जगत से जुड़े लोग ही नहीं, परिवहन व खनन महकमे से जुड़े कुछ लोगों के साथ पासरों का एक बड़ा सिंडीकेट शामिल हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 25 Oct 2024 8:13 PM IST
In Obra-Dala mining area, there are fake permits from Lucknow to Noida
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ओबरा-डाला खनन क्षेत्र में फर्जी परमिट के तार जहां लखनऊ से नोएडा तक: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: ओबरा-डाला खनन क्षेत्र में फर्जी परमिट के तार जहां लखनऊ से नोएडा तक होने की चर्चा है। वहीं, ओबरा के राममंदिर कालोनी से रैकेट से जुड़ी अहम कड़ी यानी, आरोपी की गिरफ्तारी से हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। बताया जा रहा है कि डाला-ओबरा क्षेत्र में फर्जी परमिट के जरिए ट्रक और रेल रैक के जरिए होने वाली गिट्टी ढुलाई का यह खेल हर माह करोड़ों का है।

कई चर्चित चेहरे बताए जा रहे इस खेल में शामिल

कई चर्चित चेहरों को इस खेल में शामिल होने का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस खेल में सिर्फ खनन-क्रशर जगत से जुड़े लोग ही नहीं, परिवहन व खनन महकमे से जुड़े कुछ लोगों के साथ पासरों का एक बड़ा सिंडीकेट शामिल हैं। हालांकि हाल के दिनों में फर्जी परमिट को लेकर दर्ज कराए गए कई मामलों और छानबीन के दौरान सामने आते नामों को लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है। कहा जा रहा है कि छिटपुट तरीके चल रही कार्रवाई जल्द ही खासे बड़े रूप में सामने आ सकती है।

अवैध परिवहन/फर्जी परमिट में दो को दबोचा गया

बृहस्पतिवार को एक चर्चित चेहरे के साथ ही शुक्रवार को अवैध परिवहन/फर्जी परमिट के मामले में दो और गिरफ्तारियां की गईं। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक एसपी अशोक कुमार मीणा के निर्देशन और खनन महकमे की तरफ से दर्ज कराए गए केस के क्रम में राबटर्सगंज कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को सतेंद्र निवासी नौटोलिया, तेलगुड़वा थाना चोपन और आशुतोष कुमार पाठक निवासी गजराज नगर थाना ओबरा को इको प्वाइंट से गिरफ्तार किया गया। लोढ़ी चौकी इंचार्ज संजय सिंह की अगुवाई वाली टीम ने यह गिरफ्तारी की।

गहनता से हो जांच तो सामने आएगा बड़ा आर्थिक अपराध

कहा जा रहा है कि फर्जी परमिट के इस रैकेट और खनन चेकिंग प्वाइंट से गुजरने वाले हर वाहन की गहराई से चेकिंग की जाए तो हर माह सैकड़ों वाहन बगैर परमिट/फर्जी परमिट से गुजरते दिखाई देंगे। चर्चाओं में किए जा रहे दावे पर गौर करें तो फर्जी परमिट के जरिए एक दो करोड़ नहीं, प्रतिमाह 20 से 25 करोड़ का अवैध कारोबार किया जा रहा है। जगह-जगह हो रही बतकही में यह भी दावा किया जा रहा है कि गहनता से मामले की जांच हुई तो अवैध परमिट/बगैर परमिट पर होने वाला गिट्टी का कथित अवैध कारोबार सालाना ढाई से तीन सौ करोड़ तो कुछ का दावा है कि यह 500 करोड़ के भी आंकड़े को छू सकता है।

पुलिस अलर्ट, लगातार चेकिंग, हो रही कार्रवाई: सीओ

क्षेत्राधिकारी ओबरा हर्ष पांडेय ने बताया कि फर्जी परमिट-बगैर परमिट के परिवहन को लेकर मिलती शिकायतों को लेकर पुलिस टीम खनन विभाग के साथ लगातार सक्रिय बनी हुई है। वह भी एसडीएम के साथ समय-समय पर चेकिंग के जरिए इस पर नजर रखे हुए हैं। खनन विभाग की तरफ से दर्ज कराए मामलों की छानबीन और चेकिंग में जो भी प्रकरण-नाम संज्ञान में आ रहे हैं, उसको लेकर कार्रवाई की जा रही है।



Shashi kant gautam

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