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Sonbhadra News: कलियुगी पिता ने नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म कर खिलाई थी गर्भपात की दवा, मिली उम्रकैद की सजा, अर्थदंड भी
Sonbhadra News: नाबालिग पुत्री से कई बार दुष्कर्म करने और गर्भ ठहरने पर उसे जबरिया गर्भपात की दवा खिला देने के मामले में दोषी पिता सुरेश कोल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
Sonbhadra News: पिछले वर्ष शाहगंज थाना क्षेत्र में कलियुगी पिता द्वारा अपनी ही नाबालिग पुत्री से कई बार दुष्कर्म करने और गर्भ ठहरने पर उसे जबरिया गर्भपात की दवा खिला देने के मामले में बड़ा फैसला आया है। न्यायालय एएसजे/पाक्सो न्यायाधीश की अदालत ने रिकार्ड समय में मामले में सुनवाई पूरी करते हुए जहां दोषी सुरेश कोल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, तीन लाख 15 हजार अर्थदंड से दंडित किया गया है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया गया है।
बताते चलें कि शाहगंज पुलिस के सामने यह मामला 26 अप्रैल 2023 को सामने आया था। अपनी बेटी को लेकर थाने पहुंची लाचार मां ने जब पुलिस के सामने अपनी ही पति की करतूत बताई तो वहां मौजूद हर शख्स सन्न रह गया। मामले में सुरेश कोल के खिलाफ धारा-376(2) एफ, 376 (2) एन, 376 (3), 313, 318, 506 आईपीसी और धारा 5जे(2)/6, 5एल, 5एन/6 पॉक्सो एक्ट, 2012 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, विवेचना के बाद पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
न्यायालय के सामने यह तथ्य बने फैसले के आधार
पीड़िता की मां ने बताया था कि उसके पति उसके मायके में ही रहते हैं। उसकी पुत्री जिसकी 16 वर्ष है, से 7-8 महीना पूर्व से जबरदस्ती दुष्कर्म कर रहे है। जब उसे इसकी की जानकारी हुई और उसने इसका विरोध किया तो पति ने मां-बेटी दोनों को जान से मारकर फेंक देने की धमकी दी। लगातार दुष्कर्म के चलते पीडिता गर्भवती हो गई। आरोपी को जब यह बात मालूम हुई तो उसने 18 अप्रैल 2023 को गर्भपात कराने वाली दवा लिखा दी जिससे उसी दिन रात लगभग नौ बजे मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ। जिसे आरोपी एक नाले पर ले जाकर झाड़ियों में फेंक दिया। इसके बाद भी आरोपी ने दुष्कर्म का सिलसिला जारी रखा। उसके हैवानियत भरे इस कारनामे का खुलासा तब हुआ, जब 26 अप्रैल 2023 की दोपहर पीड़िता ने विरोध करते हुए शोर मचाना शुरू किया।
नवजात के शव का कराए गए डीएनए ने की आरोपों की पुष्टि
इन आरोपों को और बल तब मिला, जब पुलिस ने झाड़ियों में फेंके गए नवजात का शव बरामद कर उसका और आरोपी के डीएनए का परीक्षण कराया गया तो दोनों का डीएनए एक निकला। पीड़िता की तरफ से दर्ज कराए गए बयान में भी आरोपों की पुष्टि की गई। सुनवाई कर रही न्यायालय ने इसे काफी गंभीर प्रकृति का अपराध माना और दोषी सुरेश कोल को आजीवन कारावास के साथ तीन लाख 15 अर्थदंड की सजा सुनाई। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को न्यायालय एएसजे/पाक्सो न्यायाधीश की अदालत ने मामले की फाइनल सुनवाई की और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की ओर से पेश की गई दलीलों को दृष्टिगत रखते हुए सुरेश कोल निवासी रैपुरा, थाना शाहगंज को आजीवन कठोर कारावास और तीन लाख 15 हजार के अर्थदंड से दंडित किया।