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Sonbhadra News: दुद्धी सीट पर पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़ करेंगे सपा की उम्मीदवारी, उपचुनाव को देखते हुए सपा की तरफ से ऐलान
Sonbhadra News: अभी चुनावी अधिसूचना जारी होनी बाकी है लेकिन सपा की तरफ से सामने आए ऐलान के बाद माना जा रहा है कि अन्य दलों की तरफ से भी चुनावी तैयारियों के मद्देनजर उम्मीदवारों का नाम की घोषणा की जा सकती है।
Sonbhadra News: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में भाजपा विधायक रहे रामदुलार गोंड़ को 25 वर्ष की सजा और इसके क्रम में खत्म की गई विधानसभा सदस्यता के बाद, इस सीट पर सियासी दलों की तरफ से उपचुनाव के मद्देनजर तैयारियों तेज कर दी गई हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी की तरफ से वर्ष 2022 में सपा के उम्मीदवार रहे पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़ को एक बार फिर से दुद्धी सीट से उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया गया है। सपा की तरफ से सोमवार की शाम सामने आए इस ऐलान के बाद, दुद्धी सीट पर पार्टी के लोगों की तरफ से, चुनाव की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। हालांकि अभी चुनावी अधिसूचना जारी होनी बाकी है लेकिन सपा की तरफ से सामने आए ऐलान के बाद माना जा रहा है कि अन्य दलों की तरफ से भी चुनावी तैयारियों के मद्देनजर उम्मीदवारों का नाम की घोषणा की जा सकती है।
दुद्धी सीट से सात बार लगातार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं विजय सिंह गोंड़
विजय सिंह गोंड़ दुदधी सीट से कांग्रेस के टिकट पर 1980, 1985, 1989, जनता दल के टिकट पर 1991, 1993, सपा के टिकट पर 1996 और 2007 में विधायक निर्वाचित हुए थे। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में परिवार कल्याण राज्यमंत्री भी रहे। वर्ष 2007 और वर्ष 2012 में एसटी का दर्जा मिलने के कारण चुनाव नहीं लड़ पाए। वर्ष 2017 में दुद्धी सीट एसटी के लिए आरक्षित हुई तो सपा ने उन्हें फिर से उम्मीदवारी दी लेकिन भाजपा गठबंधन प्रत्याशी हरिराम चेरो से महज 1000 वोट के अंतराल से हार सहनी पड़ी। वर्ष 2022 में भाजपा के रामदुलार गोंड़ ने छह हजार से अधिक वोट से हराया। अब रामदुलारे दुष्कर्म मामले में सजा पाकर विधायकी से बाहर हो गए हैं। सपा ने एक बार फिर से विजय सिंह गोंड़ पर विश्वास जताते हुए, दुद्धी सीट के उपचुनाव में उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया है। सपा जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव ने भी फोन पर पार्टी के इस फैसले की पुष्टि की है।
नाबालिग से दुष्कर्म में भाजपा विधायक पाए गए थे दोषी
दुद्धी सीट से भाजपा के विधायक रहे रामदुलार गोंड को वर्ष 2014 में म्योरपुर थाने में दर्ज नाबालिग से दुष्कर्म मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट की तरफ से 15 दिसंबर को 25 वर्ष कैद तथा 10 लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। रामदुलार ने फैसले को हाईकोर्ट में भी चुनौती दी थी लेकिन फौरी तौर पर कोई राहत नहीं मिल पाई। आखिरकार 21 दिसंबर को रामदुलार की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई।