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Sonbhadra News: धान खरीद को लेकर बड़ा आरोप, सर्वे वाले गांवों की खतौनी लगाकर किया गया करोड़ों का फर्जीवाड़ा, ड्राइवर-मजदूरों तक के लगाए गए आधार कार्ड

Sonbhadra News: घपले का कनेक्सन सोनभद्र, मिर्जापुर होते हुए बिहार से जुड़े होने का दावा तो हो ही रहा है, कई मामलों में मिलरों और चावल ट्रांसपोर्टिंग से जुड़े ड्राइवरों-मजूदरों के आधार कार्ड लगाकर फर्जी खरीद के दावे किए गए हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 28 Dec 2024 9:14 PM IST (Updated on: 28 Dec 2024 9:47 PM IST)
fraud in purchase of rice Fake Use of Address of village Khatauni Aadhaar card Scam
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Rice Purchase Symbolic- (Photo- Social Media)

Sonbhadra News: वर्ष 2023-24 में धान खरीद में पता किसी गांव का, खतौनी किसी गांव की, आधार कार्ड किसी और का, खतौनी किसी और की.. के जरिए करोड़ों के घपलेबाजी के लगाए गए आरोप के बीच, सर्वे वाले गांवों की खतौनी लगाकर बड़ा फर्जीवाड़ा किए जाने का दावा किया गया है। घपले का कनेक्सन सोनभद्र, मिर्जापुर होते हुए बिहार से जुड़े होने का दावा तो हो ही रहा है, कई मामलों में मिलरों और चावल ट्रांसपोर्टिंग से जुड़े ड्राइवरों-मजूदरों के आधार कार्ड लगाकर फर्जी खरीद के दावे किए गए हैं। की गई शिकायत और लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, जिला प्रशासन और खाद्य विपणन विभाग की तरफ से मामले की जांच कराई जा रही है। लगाए जा रहे आरोपों की सच्चाई क्या है? जांच लंबित होने के कारण अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि एक सप्ताह में जांच फाइनल कर ली जाएगी।

सात क्रय केंद्रों पर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े के किए जा रहे दावे

जिले और मंडल स्तर से लेकर, केंद्रीय सहकारिता मंत्री का कार्यभार देखने वाले गृहमंत्री अमित शाह तक को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की गुहार लगाई जा चुकी है। इसके जरिए दावा किया गया है कि देवरीकाठ गांव की खतौनी के साथ जहां उभ्भा और सतौहां की खतौनी लगाकर फर्जीवाड़ा किया गया है। वहीं, सीताबहार गांव के पंजीकरण में मदैनिया, पांडेयपोखर-सेमरी मिश्र, चिगोरी, घुआस गांव के धान की खरीद में सतौंहा, देवरीकाठ, भवना गांव की धान खरीद में भैंसवार, बरदिया गांव की खरीद में बरौंधी, पेढ़, बेलवनिया, नौगवां नंदलाल, खुटहां, कम्हरिया, जुड़िया, देवरीकाठ, पेढ़ गांव की खरीद में नकवई, बसही गांव की खरीद में ढोलो, देवरीकाठ गांव की खरीद में सपही, खुटहा गांव की खरीद में मुर्तियां गांव की संदिग्ध खतौनी लगाकर धान खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि चूंकि सर्वे गांव की खतौनी का विवरण ऑनलाइन नहीं है, जिसका फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर गड़बडी की गई है।



कुछ इस तरह से घपलेबाजी करने के लगाए जा रहे आरोप

शिकायत में कहा गया है कि फर्जी धान खरीद वाले मामले में क्रय केंद्र पर सिर्फ अंगूठा लगाया जाता है। वास्तविक धान की तौल नहीं होती। खरीद सीधे पोर्टल पर दिखाई जाती है और इसकी प्रतिपूर्ती मिलर, बिहार या आसपास से सरते भाव में चावल खरीद कर और व्यापारियों से सस्ते में धान खरीद कर पूरी करते हैं। इसके बाद भारतीय खाद्य निगम को निर्धारित अनुपात में चावल की आपूर्ति देकर गड़बड़ी पर परदा डाल दिया जाता है।



पोर्टल पर पंजीकरण करते समय जब जमीन संबंधी विवरण भरा जाता है तो जिस गांव की जमीन पंजीकरण में ली गई है, वह पता किसान के पते में स्वतः दर्ज हो जाता है, लेकिन कभी-कभी किसान की जमीन दो या दो से अधिक गांव में होती है, उस स्थिति में पोर्टल पर पता चुनने का विकल्प प्रदर्शित होने लगता है और इसका फायदा उठाकर पता ब्लैंक करते हुए खरीद दर्शा दी जाती है।

शिकायत में दावा किया गया है कि जिस व्यक्ति का आधार पंजीकरण प्रपत्र में लगा होगा, सिस्टम उसी आधार से लिंक बैंक अकाउंट में भुगतान भेजेगा। क्रय केंद्र पर मशीन में अंगूठा भी उसी का लगेगा जिसका आधार पंजीकरण प्रपत्र में प्रदर्शित होगा, इसलिए मिलते-जुलते नाम वाली खतौनी दूसरे जगह, दूसरे गांव का होने के बावजूद खरीद दर्शा दी जाती है।

आरोप लगाया है कि मिलों में काम करने बिहार से मजदूर आते हैं। उन मजदूरों, ड्राइवर आदि के भी आधार कार्ड पर पता ब्लैंक दर्शाते हुए धान खरीद सुनिश्चित कर ली जाती है। दावा यहां तक किया गया कि खरीद का भुगतान भी बिहार राज्य के रहने वालों में खाते में भेजा गया है।



कहा गया है कि चूंकि अधिकांश मामलों में सर्वे वाले गांव की जमीन लगाई जाती है, जो भूलेख पोर्टल पर पकड़ में नहीं आ पाती। साथ ही क्षेत्र में ऐसे किसान जो मंहगी वैरायटी के धान की खेती करते हैं और वह सरकारी क्रय केंद्र पर धान नहीं बेचते। या फिर ऐसे किसानों के बारे में पता लगाया जाता है जिन्होंने धान की खेती नहीं की है। कथित फर्जी खरीद से जुड़े लोगों की तरफ से ऐसे किसानों की खतौनी पंजीकरण में लगा ली दी जाती है। पत्थर, पहाड़, बंजर, अकृषिक, आवासीय जमीनों पर भी पैदावार दिखा बिक्री में गड़बड़ी का खेला कर लिया जाता है।

इसी तरह एड्रेस गलत, संक्षेप में, भ्रमित करने वाला लिखने, फजीवाड़े का रैकेट सोनभद्र के साथ मिर्जापुर से भी जुड़े होने, व्यापारियों-मिलरों के गठजोड़ के जरिए धान खरीद दिखाने, कम जमीन वाले का अधिक रकबा प्रदर्शित करने... जैसे आरोप लगाए गए हैं।

जल्द पूरी करा ली जाएगी जांच: डिप्टी आरएमओ

जिला खाद्य विपणन अधिकारी का कार्यभार देख रहे डिप्टी आरएमओ अमित चौधरी ने बताया कि जल्द ही इसकी जांच पूरी करा ली जाएगी। पूरी उम्मीद है कि एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट आ जाएगी। कहा कि अभी तक कोई ब़ड़ी गड़बड़ी सामने नहीं आई है। रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट के जरिए जो स्थितियां सामने आएंगी, उसके अनुरूप कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।



Shashi kant gautam

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