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Sonbhadra News: विधवा से हड़प लिए 14 लाख, दो कंपनियों के अभिकर्ताओं के खिलाफ गबन का केस

Sonbhadra News: निवेश के लिए दिए गए पैसो की मेच्योरटी 2019 से 2022 के बीच अलग-अलग समय में होनी थी लेकिन अब तक उसे कोई मेच्योरिटी उपलब्ध नहीं हो पाई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 11 Jun 2024 8:35 PM IST
14 lakhs grabbed from widow, case of embezzlement against agents of two companies
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विधवा से हड़प लिए 14 लाख, दो कंपनियों के अभिकर्ताओं के खिलाफ गबन का केस: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: एक विधवा को बड़े फायदे का सपना दिखाकर पति की मृत्यु के बाद मिले लगभग 14 लाख रुपये कथित दो कंपनियों में निवेश दिखाकर डकारने का मामला सामने आया है। कोर्ट के हस्तक्षेप पर पिपरी पुलिस ने दो चिट-फंड कंपनियों के अभिकर्ताओं के खिलाफ धारा 406 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

यह है पूरा प्रकरण

राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के घुआस गांव में रह रही ममता सिंह ने प्रार्थना पत्र के जरिए कोर्ट को अवगत कराया है कि उसके पति लक्ष्मन सिंह हिण्डालको रेनुकूट में कर्मचारी थे। उन्हें कंपनी की ओर से आवास मिला हुआ था और वह वहीं उनके और बच्चों के साथ रह रही थी। वर्ष 2016 में उसके पति की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इसके बाद उसे हिण्डालको से पीएफ का 15 लाख मिला जिसके सहारे वह क्वार्टर खाली कर रेणुकूट स्थित कृष्णा मंदिर के पास किराये का कमरा लेकर बच्चों सहित रहने लगी। उसकी बेटी डीसी लिविस मेमोरियल स्कुल रेणुकूट में पढ़ती थी जिसे पढ़ाने का काम छाया नामक शिक्षिका किया करती थी।

शिक्षिका के पति प्रभात जायसवाल ने उसे शाइन सीटी में पैसा निवेश कर ज्यादा पैसा दिलाने का भरोसा दिलाते हुए कुल 7,33,200 रुपये अलग-अलग तिथियों में जमा करा लिया। कुछ दिन बाद वह जुनैद नामक एक व्यक्ति को लेकर उनके यहां पहंुचे ओर उसका परिचय आरआईएल माइक्रो फाइनेंस कंपनी के एजेंट के रूप में कराया। जुनैद ने उसकी कंपनी में पैसा निवेश करने का अच्छा फायदा बताते हुए क्रमशः 4,20,000, 2,00,000 और 20, 000 जमा करा लिए।

वर्ष 2022 में ही हो जानी थी मेच्योरिटी, अब तक नहीं मिली रकम

पीड़िता का कहना था कि रेणुकूट में उसका कोई सहारा न होने के कारण वह राबटर्सगंज के घुआस चली आई और बच्चों को लेकर यहीं रहने लगी। उसकी ओर से निवेश के लिए दिए गए पैसो की मेच्योरटी 2019 से 2022 के बीच अलग-अलग समय में होनी थी लेकिन अब तक उसे कोई मेच्योरिटी उपलब्ध नहीं हो पाई। संपर्क करने पर भी उक्त कथित अभिकर्ताओं की ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा। पिपरी पुलिस के मुताबिक प्रार्थना पत्र में लगाए गए आरोपों के आधार पर दोनों एजेंटों के खिलाफ धारा 406 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की छानबीन जारी है।



Shashi kant gautam

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