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Hardoi: शहीदों के गाँव में नहीं हुआ विकास, सांसद का नाम भी नहीं जानते ग्रामीण
Hardoi: सिमरिया वह जगह है जहां 26 जनवरी व 15 अगस्त को जनप्रतिनिधि के साथ तमाम आलाधिकारी पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं लेकिन इसी गांव की जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है।
Hardoi News: जिले में लोकसभा चुनाव की तैयारी में राजनीतिक दल लगे हुए हैं। हरदोई में भारतीय जनता पार्टी ने अपने पुराने सांसद जयप्रकाश रावत पर एक बार फिर भरोसा जताया है वहीं समाजवादी पार्टी ने अपनी पूर्व सांसद उषा वर्मा पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी की सीट गठबंधन में है ऐसे में समाजवादी पार्टी को कांग्रेस पार्टी का हरदोई में समर्थन मिला हुआ है। लोकसभा चुनाव में विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हैं लेकिन जब धरातल पर विकास की बात आती है तो स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सारे दावे की पोल खुल जाती है।
NewsTrack जब शहीदों के गांव सिमरिया पहुंचा और वहां की जमीनी हकीकत को परखा तो लोगों का सत्तारूढ़ पार्टी पर आक्रोश देखने को मिला। सिमरिया वह जगह है जहां 26 जनवरी व 15 अगस्त को जनपद के जनप्रतिनिधि के साथ तमाम आलाधिकारी पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं लेकिन इसी गांव की जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों द्वारा गांव के विकास पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हाल यह है कि गांव के लोग हरदोई के सांसद का नाम तक नहीं बता पाये है।
ग्रामीण बोले-बारिश में हालात होते ख़राब,वाहनो को भी होता नुक़सान
न्यूज़ ट्रैक संवाददाता पुलकित शर्मा जब सवायजपुर विकासखंड के ग्राम सिमरिया पहुंचे और ग्रामीणों से 5 साल में हुए विकास के बारे में जानकारी ली तो ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में 5 साल में कोई भी विकास कार्य नहीं हुए हैं। बारिश में गलियां तालाब बन जाती हैं जिसके चलते ग्रामीणों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है वही सबसे ज्यादा बारिश में छात्र-छात्राओं को समस्या होती है। बारिश का पानी गलियों में भर जाने से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं जबकि बुजुर्ग लोग बारिश का पानी भर जाने से गलियों में गिरकर कई बार घायल तक हो चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया 2019 में हुए चुनाव में सांसद गांव आए थे जिसके बाद दोबारा सांसद ने पलट के गांव की ओर नहीं देखा।
गांव में सड़कों का आलम यह है कि सड़के जर्जर स्थिति में है वाहन आए दिन सड़कों में फंसकर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। ग्रामीण से जब सांसद और विधायक के बारे में पूछा तो ग्रामीण सांसद का नाम तक नहीं बता पाए। जबकि विधायक का नाम भी कुछ ही ग्रामीणों ने बताया। ग्रामीणों ने कहा कि विधायक द्वारा भी गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया है। गांव में केवल महिलाओं को सिलेंडर देने का कार्य किया गया है। गांव में विकास न होने पर युवाओं का गुस्सा सरकार पर फूटा। युवाओं ने कहा कि जब रोजगार नहीं होगा तो सिलेंडर कैसे भरवाएंगे। गांव विकास से कोसों दूर है।विकास केवल अभिलेखों में हो जा रहा है। गाँव में सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएँ नहीं हैं।
सांसद विधायक और जनपद के आला अधिकारी सिमरिया शहीद स्तंभ तक आते हैं और वहीं से लौट जाते हैं। कई बार जिलाधिकारी विधायक स्थानीय अधिकारी से गांव की समस्या की शिकायत की गई लेकिन किसी ने भी गांव के लोगों की समस्या को लेकर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने कहा कि लोकसभा चुनाव का ग्रामीण बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि विकास नहीं तो वोट नहीं। हरदोई से सांसद का ग्रामीण क्षेत्रों में रिपोर्ट कार्ड काफी खराब है।ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद सांसद किसी भी गांव में नजर नहीं आए। चुनाव नजदीक आते ही सांसद अब नजर आने लगे हैं लेकिन आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां सांसद अब तक नहीं पहुंचे हैं।सांसद द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं को कभी भी नहीं ध्यान दिया गया है।