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Sonbhadra News : तपिश ने बढ़ाई बिजली की खपत, मुख्यालय समेत कई हिस्सों में ताबड़तोड़ कटौती से जनजीवन बेहाल, 24456 मेगावाट पहुंची मांग
Sonbhadra News: अप्रैल माह के पहले पखवाड़े में ही बिजली आपूर्ति की खराब स्थिति, तपिश के साथ, भारी उमस के हालात को देते हुए, मई-जून की दोपहरी और गर्म रात की स्थिति क्या होगी? चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
Sonbhadra News: एक तरफ बढ़ती तपिश और उमस के दौर ने जहां लोगों को बेहाल कर दिया है। वहीं, बिजली की बढ़ती खपत के साथ ही, जिला मुख्यालय सहित जिले के कई हिस्सों में शुरू हुए ताबड़तोड़ बिजली कटौती ने लोगों को तड़पाना शुरू कर दिया है। तपिश की स्थिति यह है कि अप्रैल माह में ही बिजली की मांग 24,456 मेगावाट पर जा पहुंची है।
वहीं, दोपहर के साथ ही, शाम और रात में होती कटौती ने बिजली से जुड़े कामकाज तो प्रभावित किए ही हैं, इसका असर जनजीवन पर भी दिखाई देना लगा है। अप्रैल माह के पहले पखवाड़े में ही बिजली आपूर्ति की खराब स्थिति, तपिश के साथ, भारी उमस के हालात को देते हुए, मई-जून की दोपहरी और गर्म रात की स्थिति क्या होगी? चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
यूपी की पड़ने वाली बिजली जरूरत की लगभग आधी बिजली अकेले पैदा करने वाले सोनभद्र में अप्रैल माह की शुरूआत से ही बिजली आपूर्ति के हालात बिगड़े हुए हैं। स्थिति यह है कि दोपहर के साथ दिन में कई-कई घंटे बिजली तो गुल हो ही रही है, शाम के वक्त भी एक से डेढ़ घंटे तक कटती बिजली लोगों को पसीने-पसीने कर दे रही हैं। तेज धूप और उमस ने जहां लोगों को बेहाल करना शुरू कर दिया है लेकिन अभी हीट स्ट्रोक की स्थिति न होने से लोगों को थोड़ी राहत है लेकिन जिस तरह से बिजली कटौती का दौर चल रहा है, उसको देखते हुए, मई-जून की दोपहरी और रात कैसे गुजरेगी, इसको लेकर अभी से लोगों में बेचैनी की स्थिति बनने लगी है।
घंटों गुल रही बिजली किए रही लोगों को बेहाल:
जिला मुख्यालय पर रविवार को भी बिजली घंटों गुल रही। सुबह से लेकर दोपहर के बीच अच्छी-खासी कटौती हुई। वहीं, शाम का दौर आते ही, दो घंटे से अधिक समय तक के लिए बिजली गुल हो गई। गांवों में भी बिजली आपूर्ति के हालात काफी खराब बने रहे। बीजपुर अंचल में 40 घंटे गुल रही बिजली ने बच्चे, बुजुर्ग, युवा सभी को तड़पा कर रख दिया।
कुछ इस तरह बढ़ रही बिजली की मांग और खपत:
अप्रैल माह के पहले दिन से ही बिजली की मांग, उफान पर है। यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक पहली अप्रैल को जहां बिजली की अधिकतम मांग 21617 मेगावाट दर्ज की गई। वहीं, आठ अप्रैल को यह बढ़कर 24456 मेगावाट पर पहुंच गई। नौ अप्रैल को भी बिजली की अधिकतम मांग 24318 मेगावाट दर्ज की गई। न्यूनतम बिजली की मांग में भी महज आठ से नौ दिन के भीतर चार हजार मेगावाट से अधिक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। पहली अप्रैल को न्यूनतम मांग जहां 10298 मेगावाट थी।
वहीं, नौ अप्रैल को यह 14593 मेगावाट पर पहुंच गई। 12-13 अप्रैल को अंधड़ के कारण जहां कई इलाकों में आपूर्ति बाधित हुई। वहीं, पारे में गिरावट ने भी बिजली की मांग गिराई। बावजूद जहां 12 अप्रैल की रात आठ बजे बिजली की अधिकतम मांग 20 हजार के पार यानी 21673 मेगावाट पर बनी रही। वहीं न्यूनतम मांग, रविवार यानी 13 अप्रैल की सुबह 11171 मेगावाट दर्ज की गई।