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Sonbhadra: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, अपंजीकृत वसीयत के पक्ष में आए फैसले को किया रद्द
Sonbhadra News: पंजीकृत और अपंजीकृत वसीयत के मामले को लेकर चल रही सस्पेंश की स्थिति पर, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। प्रकरण सोनभद्र के घोरावल तहसील क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
Sonbhadra News: पंजीकृत और अपंजीकृत वसीयत के मामले को लेकर चल रही सस्पेंश की स्थिति पर, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। प्रकरण सोनभद्र के घोरावल तहसील क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। न्यायमूर्ति चंद्र कुमार राय की बेंच ने गत सोमवार को पारित किए गए फैसले में पंजीकृत वसीयत को ही सही ठहराया और इसी आधार पर, वसीयतकर्ता से जुड़े राजस्व रिकर्ड में नामांतरण की कार्रवाई संपादित करने का आदेश दिया है।
यह है पूरा मामला, जिसको लेकर आया हाईकोर्ट का फैसला
घोरावल थाना क्षेत्र के बेलवनिया निवासी रघुनाथ पांडेय की तरफ से बेलवनिया और लोहांड़ी स्थित अपनी जमीन की वसीयत 19 फरवरी 2002 को अपने बेटे कपिल राम पांडेय और बृजेश राम पांडेय के पक्ष की गई थी। उनकी मृत्यु के बाद, राजस्व रिकर्ड में नामांतरण की कार्रवाई के लिए, वसीयत दाखिल की गई। इसके विरोध में उनके बड़े बेटे की विधवा मीरा पांडेय ने दो मार्च 2002 को अपंजीकृत वसीयत दाखिल की जिसमें उसमें 19 फरवरी 2002 की वसीयत को निरस्त दर्शाते हुए, मीरा, कपिल और बृजेश तीनों के पक्ष में वसीयत किए जाने की बात उल्लिखित की गई।
तहसीलदार ने की थी पंजीकृत वसीयत की पुष्टि
मामले में घोरावल के तत्कालीन तहसीलदार ने 25 मार्च 2004 को दिए गए फैसले में पंजीकृत वसीयत की पुष्टि करते हए, अपंजीकृत वसीयत को स्वीकार करने से इंकार कर दिया गया था। एसडीएम ने तहसीलदार के फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद तहसीलदार के निर्णय को राजस्व परिषद में चुनौती दी गई। बोर्ड आफ रेवेन्यू की तरफ से 10 जुलाई 2012 को अपंजीकृत वसीयत के पक्ष में आदेश पारित किया गया। कपिल राम पांडेय ने अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्रा के जरिए, बोर्ड आफ रेवेन्यू के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी। अधिवक्ता एके मिश्र ने बताया कि 11 मार्च को पारित फैसले में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति चंद्र कुमार राय की बेंच की तरफ से इसको लेकर बड़ा निर्णय दिया गया है। तहसीलदार द्वारा 25 मार्च 2004 को पारित आदेश को सही ठहराते हुए 19 फरवरी 2002 की पुष्टि की गई है और इसी के आधार पर राजस्व रिकर्ड में नामांतरण की कार्रवाई संपादित करने के लिए कहा गया है।