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Sonbhadra News: ह्मयून ट्रैफिकिंग-सामूहिक दुष्कर्म में दो को 20-20 वर्ष की कैद, युवती को रास्ते से अगवा कर की गई थी सौदेबाजी-सामूहिक दुष्कर्म
Sonbhadra News: सभी सजाएं साथ-साथ चलने, विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि को समायोजित करने के आदेश दिए गए।
Sonbhadra News Today Human Trafficking Gang Rape Case
Sonbhadra News: शौच के लिए घर से निकली युवती को रास्ते से अगवा कर राजस्थान में बेच देने और दो व्यक्तियों की तरफ से किए गए सामूहिक दुष्कर्म मामले में बड़ा फैसला आया है। घोरावल थाना क्षेत्र से जुड़े इस मामले की शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सुनवाई की। अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया। दोषी बाबूलाल पुत्र कृपाल निवासी कुंडा और राम प्रसाद पुत्र लल्लू निवासी आमडीह थाना घोरावल को धारा 363 आईपीसी के अपराध के लिए 04-04 वर्ष का कठोर कारावास, धारा 370 आईपीसी के अपराध के लिए 10-10 वर्ष का कठोर कारावास और धारा 376(घ) आईपीसी के अपराध के लिए 20-20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। 50-50 हजार का अर्थदंड भी लगाए गए। सभी सजाएं साथ-साथ चलने, विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि को समायोजित करने के आदेश दिए गए। अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद उसमें से 80 हजार पीड़िता को प्रदान करने का आदेश दिया गया।
एडीजी जोन के हस्तक्षेप पर दर्ज किया गया था मामला:
अभियोजन कथानक के मु ताबिक पीड़िता के पिता ने 24 अक्टूबर 2017 को पुलिस महानिरीक्षक, वाराणसी जोन, वाराणसी के यहां शिकायती पत्र सौंप कार्रवाई की गुहार लगाई थी। अवगत कराया गया था कि उसकी 14 वर्षीय पुत्री (पीड़िता) एक माह पूर्व सुबह के वक्त शौच के लिये घर से निकली थी उसके बाद वापस नहीं आयी। लोगों से पूछताछ में पता चला कि उसकी पुत्री को बाबूलाल, रामदेव सहित चार लोगों ने रास्ते से अगवा कर राजस्थान में बेच दिया है। आरोपियों से पुलिस पूछताछ में सामने आया कि राजस्थान में एक व्यक्ति के हाथ उसकी पुत्री को दो लाख तीस हजार में बेच दिया गया है लेकिन पुलिस ने इस मामले में अब तक केस दर्ज नहीं किया है। एडीजी के हस्तक्षेप पर घोरावल पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना की और प्रकरण में पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए, चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी ।
सुनवाई के दौरान दुष्कर्म और मानव तस्करी की हुई पुष्टि:
न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन की तरफ से उपलब्ध कराए गए साक्ष्य और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयान के आधार पर अगवा कर दुष्कर्म और मानव तस्करी यानी पीड़िता को बेचे जाने की पुष्टि हुई। पीड़िता का कथन था कि आरोपी उसे रास्ते से उसे पकड़ कर ले गए। उसमें बाबूलाल ने उसका मुंह दबाए रखा। सड़क पार बगीचे में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। अपराध की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए न्यायालय की तरफ से दोषियों को 20-20 वर्ष कैद तथा 50-50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन की तरफ से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश प्रसाद अगहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार की तरफ से की गई।