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Sonbhadra News: एक तरफ प्लांटेशन, दूसरी तरह कट गए सैकड़ों पेड़, जमीन पर कब्जा, वन दरोगा पर आरोप

Sonbhadra News: मामले में भी वन दरोगा की भूमिका संदिग्ध होने का दावा किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई जगहों पर दिन रात बालू का अवैध खनन और अवैध ढुलाई कराई जा रही है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 21 July 2024 4:26 PM IST
Sonbhadra News
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ग्रामीणों ने किया विरोध। (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: जिले में एक करोड़ 53 लाख पौधों का रोपण कर नया रिकार्ड बनाने के अगले ही दिन, पेड़ों की अवैध कटान और दर्जनों बीघे वन भूमि पर कब्जे को लेकर एक बड़ी शिकायत सामने आई है। मामले में ग्रामीणों की तरफ से जहां ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराते हुए, कार्रवाई की गुहार लगाई है। वहीं, कटान और अवैध कब्जे के पीछे क्षेत्रीय वन दरोगा की भूमिका होने का बड़ा आरोप लगाया गया है। प्रकरण रेणुकूट वन विभाग के विंढमगंज रेंज से जुड़ा हुआ है। शिकायत अभी डीएफओ रेणुकूट स्तर पर लंबित पड़ी है। मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए, पर्यावरण संरक्षण के लिए, पौधों की कथित कटान और कथित कब्जे पर रोक के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की मांग की गई है।

वन दरोगा की भूमिका पर सवाल

जगरनाथ, बृजेश सिंह, अनिलकेत कुमार, राजमोहनी, बृजमोहन आदि की तरफ से प्रभागीय वनाधिकारी रेणुकूट को भेजे गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि वन प्लांटेशन क्षेत्र 86, वन रेंज विंढमगंज में सागौन, शीशम और खैर जैसे बेशकीमती पेड़ों की अवैध कटान कराकर बड़े स्तर पर लकड़ियों की तस्करी की गई है। क्षेत्रीय वन दरोगा सर्वेश सिंह की भूमिका पर सवाल उठाते हुए दावा किया गया है कि विंढमगंज रेंज के सैकड़ों इमारती लकड़ियों वाले पेड़ अवैध कटान की भेंट चढ़ गए हैं


यहां जमीन पर अवैध अतिक्रमण का लगाया गया है आरोप

ग्राम धोरपा के मजुरमारी जंगल की भूमि लगभग 100 बीघा, रामपुरवा में 150 बीघा, जामपानी में लगभग 50 बीघा और सूखडा में 20 बीघा जमीन अवैध कब्जा कराए जाने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में भी क्षेत्रीय वन दरोगा की भूमिका संदिग्ध होने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा इलाके के कोरगी, देवढ़ी, जाताजुआ, बोम, पकरी जैसी जगहों पर कनहर सहित अन्य नदियों से अवैध बालू खनन की शिकायत लंबे समय से बनी हुई है सो अलग।


ग्रामीणों ने लगाया आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित जगहों पर दिन रात बालू का अवैध खनन कराए जाने के साथ ही, 50 से अधिक ट्रैक्टरों से बालू की अवैध ढुलाई कराई जा रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि इसके एवज में प्रति ट्रैक्टर सात हजार तक प्रति माह वसूली की जा रही है। जिस ट्रैक्टर से कथित निर्धारित वसूली नहीं मिलती, उसके खिलाफ कार्रवाई कर, अवेध खनन पर कड़ी कार्रवाई का ढिंढोरा पीटा जाता है। जबकि संबंधित इलाके में ट्रैक्टर पकड़े जाने के बाद भी अवैध बालू खनन-परिवहन कैसे जारी रह रहा है, इस पर कोई जवाब नहीं दिया जाता। ग्रामीणों का यह भी दावा है कि रेणुकूट वन क्षेत्र में एक ही स्थल कई वनकर्मी लंबे समय से तैनात हैं, उनके खिलाफ शिकायतें भी होती रहती है, बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यूं नहीं, होती, यह चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में जानकारी के लिए डीएफओ रेणुकूट से संपर्क साधा गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।



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Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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