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Sonbhadra News: IAS जागृति अवस्थी का महिला दिवस पर बड़ा संदेश, लड़कियां आर्थिक स्वाधीनता पर तैयार करें तरक्की का प्लेटफार्म
Sonbhadra News: महिला सशक्तिगर के लिए महिलाओं के लिए अधिकार जानना और आर्थिक स्वाधीनता हासिल करना जरूरी बताते हुए कहा कि कोई भी परीक्षा, महिला, पुरूष दोनों के लिए कठिन होती है।
Sonbhadra News (Image From Social Media)
Sonbhadra News: वर्ष 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में महिला वर्ग में टॉप तथा ऑल इंडिया रैंक में दूसरा स्थान हासिल करने वाली आईएएस जागृति अवस्थी (सीडीओ सोनभद्र) ने लड़कियों-महिलाओं के लिए बड़ा संदेश दिया है। बातचीत में तरक्की के प्लेटफार्म के लिए आर्थिक स्वाधीनता और पारिवारिक संबल को जरूरी बताते हुए कहा कि, एक साथ बड़ा कदम बढ़ाने की बजाय, छोटे-छोटे कदमों से बड़ी राह बनाई जाए तो मंजिल आसान हो जाती है।
महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं के लिए अधिकार जानना और आर्थिक स्वाधीनता हासिल करना जरूरी बताते हुए कहा कि कोई भी परीक्षा, महिला, पुरूष दोनों के लिए कठिन होती है। इस मामले में परिवार, माता-पिता का साथ किसी भी लड़की के लिए खासा महत्वपूर्ण होता है। कई बार शादी की चिंता, कैरियर की राह का बड़ा रोड़ा बन जाती है। ऐसे मामलों में मां का सपोर्ट महत्वपूर्ण हो जाता है।
- जो भी रिसोर्स हों उपलब्ध, उसका करें बेहतर उपयोग:
सीडीओ ने कहा कि महिलाएं, लड़कियां पढ़ना चाहती हैं। बाहर जाकर तैयारियां करना चाहती हैं लेकिन बार उनके लिए जरूरी रिसोर्स, आर्थिक सपोर्ट की कमी बड़ा रोड़ा बन जाती है। इस स्थिति से निबटने के लिए जरूरी है कि उस समय जो भी रिसोर्स उपलब्ध हो, जो भी संसाधन मुहैया हों, उसका इस्तेमाल करते हुए अच्छा से अच्छा करने की कोशिश की जाए। उन्होंने स्वयं द्वारा दो साल नौकरी करते हुए आईएएस की तैयारी करने का जिक्र करते हुए, तरक्की का प्लेटफार्म हासिल करने के लिए आर्थिक स्वाधीनता जरूरी है। इसलिए जहां तक संभव हो, पहले स्वावलंबन का रास्ता तैयार किए जाए और इसके बाद एक लक्ष्य निर्धारित करते हुए आगे बढ़ा जाए।
छोटे कदमों से करें प्रशासनिक सेवा हासिल करने की शुरूआत
प्रशासनिक सेवा में महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी कैसे बढ़़े, इस सवाल पर कहा कि महिलाएं प्रशासनिक सेवा में पहुंचने के लिए छोटा-छोटे कदम उठाएं। अपने सभी सोर्स का शत प्रतिशत उपयोग करें। परिवार में माता-पिता, भाई-बहन जिससे सपोर्ट मिले, उनसे संपर्क बनाए रखें। शादी के बाद कई महिलाओं के सामने न मायका-न ससुराल की स्थिति पर कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते रहने की जरूरत है। इन्हीं चीजों का ख्याल रखते हुए आवास वितरण में महिला मुखिया के नाम ही आवास आवंटन हो, इस पर ध्यान दिया जा रहा है।
सोनभद्र को लेकर लोगों के मन में धारणा गलत
सीडीओ ने कहा कि सोनभद्र को लेकर लोगों में मन में गलत धारणा है। यह जिला प्रकृति की गोंद में बसा हुआ है। यहां की महिलाएं घर-बाहर दोनों को संभालते हुए आर्थिक के साथ सामाजिक सशक्तिकरण की तरफ अग्रसर है। यहां की महिलाओं के सशक्तिनगर को लेकर क्या प्लान है, इस पर कहा कि विद्यउालय में लड़कियों की उपस्थित में सुधार हो, इसका ख्याल रखने, किसी छात्रा के दो-तीन दिन विद्यालय में न आने पर, शिक्षक को संबंधित परिवार से संपर्क करने के लिए कहा गया है। स्कूलों-विद्यालयों में लड़कियों के लिए बेहतर माहौल, इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में लड़़कियों के लिए अलग से शौचालय तो ही ही, उसका रख-रखाव, साफ-सफाई भी बेहतर तरीके से हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। लड़कियों-महिलाओं को पेंशन, छात्रवृत्ति, कन्या सुमंगल योजना युवा स्कीम का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, इसके भी प्रयास जारी हैं।