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Sonbhadra News: एमवी एक्ट में नए संशोधन के विरोध में चालकों की बेमियादी हड़ताल से हाहाकार, जहां-तहां फंसे यात्री, सड़कों-हाइवे से बसें नदारद
Sonbhadra News: एमपी एक्ट में नए संशोधन के विरोध में चालकों की बेमियाद हड़ताल ने हाहाकार की स्थिति कर दी है। नए साल का जश्न मनाने के लिए जिले के विभिन्न जगहों पर पहुंचे तथा नात-रिश्तेदार, परिवार से जुड़े लोगों का हाल जानने के लिए निकले लोग जहां-तहां फंस गए हैं।
Sonbhadra News: एमपी एक्ट में नए संशोधन के विरोध में चालकों की बेमियाद हड़ताल ने हाहाकार की स्थिति कर दी है। नए साल का जश्न मनाने के लिए जिले के विभिन्न जगहों पर पहुंचे तथा नात-रिश्तेदार, परिवार से जुड़े लोगों का हाल जानने के लिए निकले लोग जहां-तहां फंस गए हैं। जरूरी कामकाज के सिलसिले में भी आवागमन कर रहे लोग, गंतव्य तक पहुंचने को लेकर परेशान हैं। जिला मुख्यालय से लेकर एमपी से सटे शक्तिनगर और सिंगरौली में स्थित विंध्यनगर डिपो में सुबह से ही यात्रियों का जमावड़ा बना हुआ है। शाम होने के बाद भी साधन का इंतजार कर रहे यात्रियों को कोई साधन उपलब्ध हो पाएया फिर कड़कती ठंड में ठिठुरते हुए यात्रियों को रात गुजारनी पड़ेगी, इसका कोई जवाब भी नहीं मिल पा रहा है।
कई की नए साल पर जश्न की उम्मीदें रह गईं धरीं
तमाम लोगों ने जहां नए साल पर बस के जरिए विभिन्न धार्मिक स्थलों तक सफर प्लान बनाया गया है। खासकर बाबा विश्वनाथ धाम में मत्था टेकने के लिए घर से निकलने वालों की तादाद अच्छी खासी थी। सोनभद्र की लाइफलाइन कहे जाने वाले वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर मध्यप्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ से वाराणसी के लिए बसों का तो आना-जाना होता ही है, रोडवेज बस के जरिए सोनभद्र से प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर सहित पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों के लिए रोजाना लगभग 100 बसें दौड़ाई जाती हैं। यहीं कारण है कि चालकों की हड़ताल के चलते प्राइवेट बसों के साथ ही, रोडवेज बसों के भी पहिए थमे तो हर ओर हाहाकार की स्थिति बन गई।
किसी को जाना था बिहार तो किसी को नेपाल, ठंड में ठिठुरते हुए गुजारनी पड़ेगी रात
बिहार के सिवान जाने के लिए निकले अर्जुन सिंह और जिला मुख्यालय से शक्तिनगर जा रहे मोहम्मद नसरूद्दीन परिवार सहित सोनभद्र और शक्तिनगर बस अड्डे पर फंसे हुए हैं। बताया कि वह सुबह से ही बस का इंतजार कर रहे हैं। रोडवेज के लोगों का कहना था कि रात नौ बजे के बाद बस की व्यवस्था कराई जाएगी लेकिन चालक किसी भी बस को ले जाने को तेयार नहीं है। ऐसे में वह गंतव्य तक पहुचं जाएगी या ठिठुरते हुए बस अड्डे पर ही रात गुजारनी पडेगी समझ नहीं पा रहे हैं।। वहीं, नेपाल से वाया वाराणसी सोनभद्र घूमने के लिए आए अतुल बहादुर सोमवार की दोपहर शक्तिनगर बस अड्डे पर पहुंचे तो पता चला कि एक भी बस आवागमन के लिए उपलब्ध नहीं है। कहा कि जिस तरह से चालकों की हड़ताल दिख रही है, उससे वह अगर किसी तरह वाराणसी पहुंच भी गए, फिलहाल नेपाल के लिए तो कोई साधन मिल पाना फिलहाल मुश्किल है।
मांगे पूरी होने तक जारी रहेगी चालकों की हड़ताल
रोडवेज बस चालक अमरनाथ यादव, विजयप्रकाश, वीरेंद्र आदि का कहना था कि अगर उनके पास पैसा तो वह रोडवेज चालक की नौकरी करते हैं। इस नौकरी के बदले जो मिलते हैं, उससे वह बड़ी मुश्किल से अपना और परिवार का गुजर-बसर कर पाते हैं। ऐसे में 10 साल की सजा और सात लाख का जुर्माना भुगत पाना उनके बस के बाहर है। कहा कि जब तक चालकों को लेकर बना यह कानून वापस नहीं हो जाता, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
चालक बस ले जाने को नहीं हो रहे तैयार: केंद्र प्रभारी
शक्तिनगर में रोडवेज बस स्टेंड का प्रभार देखने वाले रामजनम कहते हैं कि उनके यहां से रोजाना 90 रोडवेज बसों का आवागमन होता है। सुबह कुछ बसें रवाना हुई लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही, चालकों ने बसों का संचालन ठप कर दिया है। उनका कहना है कि उन्हें हिट एंड रन के मामले में 10 साल की सजा और 10 लाख जुर्माना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।