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Sonbhadra News: आदिवासियों की पुश्तैनी जमीन हथियाने को रचा गया बड़ा षडयंत्र, पीड़ितों ने प्रदर्शन कर जताई नाराजगी
Sonbhadra News: सोन-रेणुका नदी पार जुगैल क्षेत्र में आदिवासियों की जमीन हथियाने के लिए वनाधिकार समिति के अध्यक्ष की तरफ से ही, बड़ा षडयंत्र रचे जाने का मामला सामने आया है।
Sonbhadra News: सोन-रेणुका नदी पार जुगैल क्षेत्र में आदिवासियों की जमीन हथियाने के लिए वनाधिकार समिति के अध्यक्ष की तरफ से ही, बड़ा षडयंत्र रचे जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि रिश्तेदारों के नाम वनाधिकार पट्टा कराने के बाद अब, पीड़ितों को बेदखल करने की कोशिश शुरू कर दी गई है। सरकारी और अनुसूचित बिरादरी की लगभग 70 बीघे जमीन कब्जाने और नापी करने गई टीम को बैरंग लौटने के लिए विवश कर देने का आरोप लगाया गया है। इस मसले को लेकर आदिवासी विकास मंच के बैनर तले पीड़ितों ने मंगलवार को ओबरा तहसील मुख्यालय पर पहुंचकर और संजीदगी न दिखाए जाने पर बेमियादी भूख हड़ताल की चेतावनी दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम विवेक सिंह की तरफ से जहां जांच के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, जुगैल पुलिस को आदिवासियों को उनकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जे की कोशिश में जुटे लोगों पर शांति भंग की आशंका में पाबंद करने के लिए निर्देशित किया गया है।
तीन साल से लगा रहे हैं फरियाद, अब तक नहीं मिला न्याय
तहसील मुख्यालय पर दुख-दर्द बयां करने पहुंचे आदिवासियों का कहना था कि जुगैल ग्राम पंचायत के टोला बड़काडाड़ के 18 आदिवासी पिछले 25- 30 वर्ष से जिस जमीन पर जोत कोड़ कर रहे हैं, उस जमीन को पूर्व में वनाधिकार समिति के अहम ओहदेदार रहे अमृत लाल बैगा ने अधिकारियों को गुमराह कर अपने परिवारीजनों के नाम पट्टा करा लिया है। वर्ष 2022 में ही पीड़ितों को इसकी जानकारी मिली और उन्हें तहसील से लेकर जिले तक के अधिकारियों के यहां दौड़ लगाई लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिल पाया, इसके कारण उन्हें तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा।
महिलाओं को आगे कर कब्जे के प्रयास का आरोप
प्रदर्शन करने पहुंचे ग्रामीणों का कहना था कि जिनके नाम जमीनों को पट्टा किया गया है। वह दंबग हैं। उनके कुछ लोगों का अच्छा-खासा आपराधिक इतिहास है। आरोप लगाया कि उन लोगों ने 40 बीघा ग्राम समाज, 30 बीघा अनुसूचित जमीन की जमीन कब्जा कर रखी है। सोमवार को एक टीम नापी के लिए पहुंची थी लेकिन महिलाओं को आगे कर टीम को लौटने के लिए विवश कर दिया गया। रात में नशे की हालत में दरवाजा खटखटाया जा रहा है। अपने ही घर में बंधक सरीखी स्थितियां बनाई जा रही हैं।
आदिवासी विकास मंच ने की पीड़ितों की अगुवाई
सेक्टर आठ स्थित एक परिसर से तहसील परिसर तक जुलूस की शक्ल में पहुंचे आदिवासियों और किए गए प्रदर्शन की अगुवाई आदिवासी विकास मंच के संयोजक हरदेवनारायण तिवारी नेे की। एसडीएम को ज्ञापन सौंप पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की गई। दो फरवरी तक ठोस कार्रवाई न होने पर तीन फरवरी से क्रमिक अनशन और छह फरवरी से बेमियादी भूख हड़ताल की चेतावनी दी गई। इस दौरान मंच के सहसंयोजक एवं कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष बृजेश तिवारी, रमेश सिंह यादव, लक्ष्मण यादव सूबेदार सिंह गौड़, रामचंद्र सिंह गौड़, लालचंद, शमीम अख्तर खान, हरिशंकर गौड़ ,शिव प्रसाद खरवार, रामप़साद खरवार, चंदर आदि की मौजूदगी बनी रही।
पहले से प्रकरण संज्ञान में, की जा रही कार्रवाई: एसडीएम
एसडीएम विवेक सिंह ने बताया कि यह प्रकरण पहले भी संज्ञान में आ चुका है। वनाधिकार समिति के अध्यक्ष रहे अमृतलाल बैगा ने गलत तरीके से रिश्तेदारों को पट्टा कर दिया है। वह इसकी जांच करा रहे है। कहा कि वह स्वयं मौके पर जाकर स्थिति जांचंगे और डीएम को पूरे प्रकरण से अवगत कराएंगे। फिलहाल मौके पर शांति व्यवस्था बनी रहे, इसके एसएचओ जुगैल को संबंधित आदिवासियों के कब्जा दखल में अवरोध करने वालों के खिलाफ शांति भंग की आशंका में कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।