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Sonbhadra News: तीन सगे भाइयों को तीन-तीन वर्ष की कठोर कैद, दुष्कर्म के प्रयास को लेकर आया फैसला

Sonbhadra News: दलित महिला के घर में घुसकर दुष्कर्म के प्रयास के मामले में तीन सगे भाइयों को तीन-तीन वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। एक पर दुष्कर्म का प्रयास करने और दो पर धमकाने का अपराध सिद्ध पाया गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 7 Dec 2024 8:06 PM IST
Kon police station, court verdict in criminal case, three Sage brothers sentenced to three years in rigorous imprisonment
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 कोन थाना क्षेत्र, दुष्कर्म का मामला कोर्ट का फैसला, तीन सगे भाइयों को तीन-तीन वर्ष की कठोर कैद: Photo- Social Media

Sonbhadra News: कोन थाना क्षेत्र में मार्च 2017 में होलिका दहन के दिन दलित महिला के घर में घुसकर दुष्कर्म के प्रयास के मामले में तीन सगे भाइयों को तीन-तीन वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। एक पर दुष्कर्म का प्रयास करने और दो पर धमकाने का अपराध सिद्ध पाया गया है। प्रकरण की शनिवार को विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी आबिद शमीम की अदालत ने मामले की सुनवाई की। अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर सगे भाई विजय गुप्ता, तीन वर्ष कैद के साथ 20 हजार अर्थदंड, सुखदेव और सुखलाल को दोषी पाते हुए तीन-तीन वर्ष कैद, 10-10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

यह है मामला, जिसको लेकर सुनाई गई सजा

कोन थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महला ने 14 मार्च 2017 को कोन पुलिस को दी तहरीर में कहा था कि कोन थाना क्षेत्र के कुड़वा ग्राम पंचायत के तुसिया टोले का रहने वाला विजय गुप्ता 12 मार्च 2017 की रात लगभग 11-12 बजे उसके घर में घुस आया। उस दौरान वह वसो रही थी। वहीं, उसके पति होलिका दहन करने गए हुए थे। आरोप लगाया कि विजय गुप्ता पुत्र शंकर गुप्ता ने उससे लिपट कर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। शोर पर पास-पड़ोस के लोग पहुंचकर आरोपी को पकड़ लिए। तभी जानकारी उसके दोनों भाई पहुंचे और उसे छुड़ाकर ले गए। आरोप लगाया कि जाते वक्त उसके पति को जान से मारने की धमकी दी गई। क्षेत्राधिकारी की तरफ मामले की विवेचना करते हुए चार्जशीट न्यायालय मंें प्रेषित की गई। शनिवार को फाइनल सुनवाई करते हुए उपरोक्त फैसला सुनाया गया।

जानिए, किस-किस अपराध के लिए कितनी सुनाई गई सजा

दोषी पाए गए विजय गुप्ता को धारा-354 आईपीसी के अपराध के लिए तीन वर्ष के सश्रम कारावास, पांच हजार अर्थदंड, धारा 452 आईपीसी के अपराध के लिए तीन वर्ष का सश्रम कारावास, पांच हजार अर्थदंड, धारा-506 आईपीसी के अपराध के लिए तीन वर्ष का सश्रम कारावास तथा पांच हजार अर्थदंड, धारा-3(2) (अ) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अपराध के लिए तीन वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार अर्थदंड से दंडित किया गया।

वहीं, सुखदेव और सुखलाल को धारा-506 आईपीसी के अपराध के लिए तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास, पांच-पांच हजार अर्थदंड, धारा-3(2) (अं) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अपराध के लिए तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास, पांच-पांच हजार अर्थदंड से दंडित किया गया है।



Shashi kant gautam

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