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Sonbhadra News: वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन बजट सरेंडर सूचना की जल्दबाजी ने खड़ा किया बड़ा बखेड़ा, छह करोड़ की जगह दे दी गई छह अरब की सूचना
Sonbhadra News: मीडिया को जारी की गई कथित सूचना में, यह आंकड़ा छह अरब 46 करोड़़ 69 लाख 12 हजार 690 हो गया।
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Sonbhadra News: वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन सोनभद्र में सरेंडर यानी राजकोष में जमा की गई धनराशि को लेकर, जारी की गई कथित सूचना में, बड़ी चूक सामने आई है। डीएम कार्यालय की तरफ से जहां अवशेष बजट के रूप में महज 6 करोड़ 73 लाख 87 हजार जमा किए गए। वहीं, मीडिया को जारी की गई कथित सूचना में, यह आंकड़ा छह अरब 46 करोड़़ 69 लाख 12 हजार 690 हो गया।
मंगलवार को जब मीडिया में जिले में सात अरब सानी 700 करोड़ से अधिक का बजट करने का मामला सुर्खियां बना तो हड़कंप की स्थिति बन गई। दोपहर बाद सरकारी प्रवक्ता के जरिए जो जानकारी सामने आई, उसमें बताया गया कि डीएम कार्यालय से सरेंडर किए गए बजट की मात्रा छह अरब नहीं छह करोड़ थी।
ट्रांजेक्शन क्लोज होने से पहले सूचना ने कराई बड़ी गड़बड़ी:
3ा मार्च की रात 12 बजे तक धनराशि ट्रांजेक्शन- बजट सरेंडर की प्रक्रिया चलती रहती है। वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन तक जो धनराशि खर्च होने से शेष रह जाती है, उसे सभी विभागों को सरंडर करना पड़ता है। सोनभद्र में अभी तक प्रतिवर्ष सरंडर होने वाले बजट का अधिकतम आंकड़ा 84 से 85 करोड़ रहा है। यहीं कारण है कि जब मंगलवार को 700 करोड़ से भी अधिक का बजट सरंडर होने का मामला सामने आया तो हर शख्स चौंक सा गया। कोषागार के साथ ही, जिला प्रशासन के जिम्मेदारों से संपर्क साधा गया तो पता लगा कि जो संख्या अरब में दर्शाई जा रही है, वह करोड़ में है।
इस आंकड़े से बनी हड़कंप की स्थिति, सरकारी प्रवक्ता ने किया स्थिति स्पष्ट
बताया जा रहा है कि कोषागार की तरफ से, शाम सात बजे के आंकड़े के आधार पर जो कथित जानकारी मीडिया के लोगों को उपलब्ध कराई थी, उसमें डीएम कार्यालय को सात अरब 11 करोड़ पांच लाख 83 हजार 210 का बजट मिलने, उसमें से छह अरब 43 करोड़ 67 लाख 520 रुपये खर्च होने, छह अरब़ 46 करोड़ 69 लाख 12 हजार 690 रुपये का बजट अवशेष यानी कोषागार में सरंडर बताया गया था।
वहीं, सरकारी प्रवक्ता से मिली जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी कार्यालय में आवंटित बजट 71 करोड़ 10 लाख 58 हजार 321 रुपये था। इसमें 64 करोड़ 36 लाख 70 हजार 520 व्यय किया और अवशेष बजट 6 करोड़ 73 लाख 87 हजार जमा हुआ। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक इसको लेकर वरिष्ठ कोषाधिकारी इंद्रभान सिंह की तरफ से अवगत कराया गया है कि मंगलवार को मीडिया में चल रही जिलाधिकारी कार्यालय ने सरेंडर किए 6.46 अरब.. की खबर त्रुटिपूर्ण है।
उनकी तरफ से इसका कारण बताया गया है कि कुछ मीडिया समूहों की तरफ से बार-बार सूचना मांगी जा रही थी जिसमें लिपिकीय त्रुटिवश उक्त धनराशि अनथाइराइज्ड तरीके से, बिना हस्ताक्षर के दे दिया गया था। साथ ही जो धनराशि सरेंडर दर्शाई गई है वह अवशेष बजट शाम सात बजे की स्थिति है जिसमें तत्समय, बिल के पारण की कार्यवाही चल रही थी। दावा किया गया है कि बजट की स्थिति के अनुसार मैनुअल प्रेषित किया गया था, लेकिन कम्प्यूटर टाईपिग में लिपिकीय त्रुटि के कारण शून्य बढ जाने के कारण धनराशि में अंतर आ गया।
पीडब्ल्यूडी ने सरंडर की सबसे अधिक धनराशि
सभी सड़कों को गड्ढामुक्त और सुगम आवागमन का दावा करने वाला पीडब्ल्यूडी महकमा, बजट खर्च करने के मामले में फिसड्डी साबित हुआ है। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा बजट इसी महकमे से 66.98 करोड़ सरेंडर किए गए हैं। वहीं आबकारी विभाग की इस मामले में सबसे अच्छी स्थिति रही है। इस महकमे की ओर से महज 73 हजार सरेंडर किया गया है।