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Sonbhadra: अधिवक्ताओ का राजस्व न्यायालयों के कार्य बहिष्कार, तहसीलदार-नायब तहसीलदार पर लगाए गंभीर आरोप

Sonbhadra News: माह का प्रथम शनिवार होने के नाते जिले की चारों तहसीलों में शनिवार को समाधान दिवस का आयोजन किया गया था।

Kaushlendra Pandey
Published on: 4 Nov 2023 9:36 PM IST
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Lawyers angry with Tehsildar behavior boycotted work and submitted memorandum to DM

Sonbhadra News: तीन साल पूर्व अस्तित्व में आई ओबरा तहसील में राजस्व कर्मियों की कारगुजारी को लेकर जब-तब सामने आती शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बार सोनांचल बार एसोसिएशन की तरफ से तहसीलदार और नायब तहसीलदार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं और डीएम को पत्रक सौंप प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की है। स्थिति में सुधार आने तक, ओबरा स्थित सभी राजस्व न्यायालयों के कार्यों से विरत रहने का भी ऐलान किया है।

माह का प्रथम शनिवार होने के नाते जिले की चारों तहसीलों में शनिवार को समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। डीएम चंद्रविजय सिंह की अध्यक्षता में मुख्य समाधान दिवस ओबरा में आयोजित था। सोनांचल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपूर चंद्र पांडेय और महामंत्री दिनेश कुमार दुबे के नेतृत्व में अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने तहसील दिवस में पहुंचकर डीएम चंद्रविजय सिंह से मुलाकात की और उन्हें शिकायतों से संबंधित पत्रक सौंप हस्तक्षेप की मांग की।

तहसीलदार-नायब तहसीलदार पर लगाए कई गंभीर आरोप

अधिवक्ताओं ने डीएम को अवगत कराया कि तहसीलदार ओबरा वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ अपमानजनक व्यवहार करते हैं। उनकी कार्यप्रणाली से सोनांचल बार एसोसिएशन से जुड़े सभी अधिवक्ता क्षुब्ध हैं। उन्होंने सभी राजस्व न्यायालयों के कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है। नायब तहसीलदार ओबरा पर भी मनमाने तरीके से कार्य किए जाने सहित कई बड़े आरोप लगाए। कहा कि उप जिला मजिस्ट्रेट, तहसीलदार व नायब तहसीलदार की तरफ से जो जो आदेश पारित किया जाता है, उसका परवाना मालखाने में जाता है। उस परवाने को संबंधितों की तरफ से दो से तीन महीने तक लटकाए रखा जाता है। पीड़ित व्यक्ति के सुविधा शुल्क की अदायगी के बाद ही, परवाना आदेश रिकर्ड पर चढ़ाया जाता है। सीनियर और जूनियर अधिवक्ताओं से अधिकारी और कर्मचारी अच्छा व्यवहार करें, इसके लिए भी डीएम से निर्देशित किए जाने का अनुरोध किया गया।

ओबरा में सब रजिस्ट्रार दफ्तर न होने से हो रही परेशानी

अधिवक्ताओं ने कहा कि सितंबर 2020 में ओबरा को अलग तहसील का दर्जा जरूर मिल गया लेकिन अभी भी ओबरा तहसील को स्थायी भवन नहीं मिल सका है। सब रजिस्ट्रार दफ्तर की भी सुविधा अब तक उपलब्ध न होने से, ओबरा तहसील के लोगों लेखपाल-कानूनगो पर भी कार्यों में मनमानी का आरोप लगाया गया। उधर, डीएम ने अधिवक्ताओं को जहां सभी मसलों पर जरूरी कदम उठाने का भरोसा दिया। वहीं, संबंधितों से लगाए गए आरोपों के बारे में जानकारी तलब की है



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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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