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Sonbhadra News: मनीष कश्यप हत्याकांड की हो सीबीआई जांच, बरेली प्रकरण को लेकर लेखपालों ने जताया आक्रोश

Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की तरफ से मुख्यमंत्री को संबोधित 11 सूत्री पत्रक प्रशासन को सौंपते हुए, मांगों के संबंध में जरूरी निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 21 Dec 2024 5:13 PM IST
Sonbhadra News ( Pic- Newstrack)
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Sonbhadra News ( Pic- Newstrack) 

Sonbhadra News: बरेली में लेखपाल मनीष कश्यप की अगवा कर हुई निर्मम हत्या और प्रकरण में पुलिस की कथित उदासीनता को लेकर जिले के लेखपालों ने भी गहरा आक्रोश जताया है। जहां हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की गई है। वहीं उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की तरफ से मुख्यमंत्री को संबोधित 11 सूत्री पत्रक प्रशासन को सौंपते हुए, मांगों के संबंध में जरूरी निर्देश दिए जाने की मांग की गई है। मांगों की प्रति मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और राजस्व परिषद के अध्यक्ष को भी भेजकर हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है।

घोरावल इकाई के अध्यक्ष गोंपेंद्र पांडेय, मत्री अजय विक्रम देव सिंह, वरिष्ठ उपाध्यएक्ष राकेश कुमार सिंह, कनिष्ठ उपाध्यक्ष गौरव सिंह चंदेल, उप मंत्री उत्कर्ष श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष फिरदौस कौसर, आडिटर संतोष सिंह, मीडिया प्रभारी मनीष सिंह आदि ने पत्रक के जरिए मांग की है कि बरेली के लेखपाल मनीष कश्यप के बताए जा रहे कंकाल की डीएनए जांच कर स्थिति तो स्पष्ट की ही जाए, जिस तरह से अवैध कब्जे के मसले पर प्रधान से विवाद होने, इसके बाद उन्हें गायब हुए, 15 दिन बाद उनका कथित कंकाल मिलने का मामला सामने आया है, उसको देखते हुए सीबीआई जांच कराकर पूरी स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए। लेखपालों की सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं पर भी आवाज उठाई गई।

लेखपाओं की ओर से इन मांगों पर दिया जा रहा जोर

लेखपाल मनीष कश्यप के बताए जा रहे कंकाल का डीएनए टेस्ट कराने के साथ ही प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाए और इसके जरिए घटना के सही कारण और दोषी दोनों का खुलासा किया जाए।

हत्या के दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए प्रकरण के प्रति संवेदनहीनता और लापरवाही का परिचय देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की जाए।

संबंधित लेखपाल के परिवार की खराब स्थिति को देखते हुए उसकी मां, पत्नी / बच्चों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।

जांच में हत्या/मृत्यु की तस्दीक होते ही मृतक आश्रित कोटे से नौकरी, पेंशन व अन्य देयकों का भुगतान तत्काल उपलब्ध कराया जाएं।

. इच्छुक लेखपालों को शस्त्र लाइसेंस बगैर पुलिस कार्रवाई के, सिर्फ उपजिलाधिकारी की रिपोर्ट पर दिए जाने की व्यवस्था लागू की जाए।

लेखपाल और राजस्व निरीक्षक के साथ शासकीय कार्य के कारण/आन ड्यूटी होने वाली आपराधिक घटना को गैर जमानती अपराध घोषित किया जाए।

क्षेत्र में रात्रि निवास की बाध्यता समाप्त करते हुए, अवैध कब्जे के मामले में लेखपालों से एफआईआर दर्ज कराने की परंपरा समाप्त की जाए।

यूपी राजस्व संहिता की धारा 67 के तहत रिपोर्ट के लिए आनलाइन पोर्टल विकसित किया जाए।

अवैध खनन के प्रकरणों में लेखपाल की जिम्मेदारी केवल रायल्टी/जुर्माना रिपोर्ट तक तय की जाए। अवैध खनन पकड़ने में ड्यूटी न लगाई जाए।



Shalini Rai

Shalini Rai

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