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Sonbhadra News: सुखवंती हत्याकांड में पति सहित चार को उम्रकैद, पहली पत्नी से मिलकर रचा था हत्या का षड्यंत्र
Sonbhadra News: सूचना मिलने पर वह महुली गया तो देखा कि उसकी पोती सुखवंती की लाश उसके घर में पड़ी है और घर के लोग घर छोड़कर भाग गए हैं। गांव के लोग मौजूद थे। रात होने के कारण थाने पर सूचना नहीं दे सका।
Sonbhadra News: पहली पत्नी के साथ मिलकर षड्यंत्र रचते हुए, दूसरी पत्नी की हत्या करने के मामले में पति सहित चार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। मामला कोन थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। ढाई वर्ष पूर्व हुए सुखवंती हत्याकांड के मामले की सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने फाइनल सुनवाई की। इस दौरान अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध साथियों के आधार पर हत्या का अपराध सिद्ध पाया गया। इसके लिए दोषी पाए गए पति अशोक अगरिया, पहली पत्नी मुन्नी अगरिया, पप्पू अगरिया, कैलाशी देवी उर्फ नन्हकी को उम्रकैद के साथ 26-26 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड की अदायगी न करने की दशा में 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी।
प्रकरण में मुद्रिका अगरिया पुत्र स्व. रामदेव अगरिया निवासी लोढ़ा, थाना मांची ने मांची थाने पहुंचकर पुलिस को एक तहरीर सौंपी। आरोप लगाया कि 12 अगस्त 2022 की दोपहर एक बजे उसकी पोती सुखवंती की गला दबाकर व मारपीट कर उसके पति अशोक अगरिया, पहली पत्नी मुन्नी देवी, पप्पू अगरिया, कैलाशी देवी उर्फ नन्हकी ने मिलकर षड्यंत्र करते हुए हत्या कर दी। सूचना मिलने पर वह महुली गया तो देखा कि उसकी पोती सुखवंती की लाश उसके घर में पड़ी है और घर के लोग घर छोड़कर भाग गए हैं। गांव के लोग मौजूद थे। रात होने के कारण थाने पर सूचना नहीं दे सका। दूसरे दिन उसने उक्त घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चारों आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट न्यायालय में प्रस्तुत की।
सुनवाई के दौरान इन तथ्यों ने निभाई दोषसिद्धी में अहम भूमिका
प्रत्यक्षदर्शियों ने जहां वादी के कथनों का समर्थन करते हुए आरोपियों की संलिप्तता का साक्ष्य दिया। वहीं, आरोपियों की तरफ से भी बयान अंतर्गत धारा 161 सीआरपीसी में अपराध स्वीकार किए जाने की बात सामने आई। हत्यारोपी अशोक अगरिया व पप्पू अगरिया की निशानदेही पर पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त आला कत्ल नेवार की पट्टी, एक साड़ी, पेटीकोट बरामद किया।
मृत्यु पूर्व शरीर पर पाई गई थी चोटें
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतका के शरीर पर मृत्यु पूर्व कुल 2 चोटें पाई गईं। मृत्यु का कारण मृत्यु पूर्व गला दबाने के कारण उत्पन्न श्वासावरोध बताया गया। हत्या के संपूर्ण घटनाक्रम में सक्रिय सहभागिता के भी साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा सामने आए अन्य साथियों के आधार पर चारों हत्यारोपियों को दोषी पाया गया और उन्हें उपरोक्त सजा सुनाई गई। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित किए जाने का भी आदेश दिया गया । अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने मामले की पैरवी की।