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Sonbhadra News: खेत में काम करने गई किशोरी से किया था दुष्कर्म, मिली उम्रकैद, गर्भ ठहरने के बाद हुआ था वारदात का खुलासा

Sonbhadra News: करमा थाना क्षेत्र के एक गांव में सात वर्ष पूर्व आदिवासी किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उस पर दो लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसकी अदायगी न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 18 Dec 2023 4:51 PM GMT
A teenage girl who had gone to work in the fields was raped, got life imprisonment
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खेत में काम करने गई किशोरी से किया था दुष्कर्म, मिली उम्रकैद: Photo- Social Media

Sonbhadra News: करमा थाना क्षेत्र के एक गांव में सात वर्ष पूर्व आदिवासी किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उस पर दो लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसकी अदायगी न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया है। सोमवार को इस मामले की अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने प्रकरण की सुनवाई की और अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाया और इसके लिए दोषी सुशील कुमार जायसवाल उर्फ पिंटू को उम्रकैद तथा दो लाख अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा मे छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया।

- पुलिस के पास मार्च 2017 मे पहुंचा था प्रकरण

अभियोजन कथानक के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता गत 28 मार्च 2017 को अपने माता-पिता के साथ कोन थाने पहुंची। पुलिस को एक तहरीर सौंपी। उसके जरिए अवगत कराया कि उसके माता-पिता छह माह पूर्व बाहर काम करने के लिए चले गए थे। उसी दौरान पांच माह पूर्व वह अपने खेत में काम करने के लिए गई हुई थी। वहां उसी वक्त सुशील कुमार जायसवाल उर्फ पिंटू पुत्र जल्लू प्रसाद जायसवाल निवासी कुड़वा टोला पांडू चट्टान, थाना कोन आया और उसके साथ जबरिया दुष्कर्म किया। जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी।

-धमकी के डर से तत्काल परिवार वालों को नहीं दी जानकारी

इस डर से उसने तत्काल इस घटना को परिवार वालों को नहीं बताया। कुछ दिन बाद उसे पता चला कि उसे गर्भ ठहर गया है। तब उसने इस बात की जानकारी अपने माता-पिता को दी। इसके बाद मामले की जानकारी वूमेन पावर लाइन 1090 पर दी गई। वहां से थाने जाकर तहरीर देने को कहा गया। इसके बाद थाने पहुंचकर पीडिता ने तहरीर दी जिस पर केस दर्ज कर मामले की विवेचना की गई और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए विवेचक की तरफ से न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई।

सुनवाई के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर अदालत ने सुशील कुमार जायसवाल को दुष्कर्म, पासपोर्ट एक्ट, एससी-एसटी एक्ट का दोषी पाया और उसे उम्रकैद-ं दो लाख अर्थदंड की सजा सुनाई। यह भी निर्णय दिया गया कि जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने मामले में दलीलें पेश की।

Shashi kant gautam

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