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Sonbhadra News: पुलिस का बड़ा खुलासा: शराब दुकान का संचालक-सेल्समैन मिलकर चला रहे थे नकली शराब की फैक्ट्री और तस्करी का रैकेट

Sonbhadra News: म्योरपुर थाना क्षेत्र के आश्रम मोड़ के पास खैराही गांव स्थित मकान में पुलिस छापेमारी के बाद नकली देशी शराब निर्माण की फैक्ट्री संचालन के खुलासे के साथ एक और बड़ा सनसनीखेज खुलासा सामने आया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 25 Jan 2024 2:08 PM GMT (Updated on: 25 Jan 2024 2:11 PM GMT)
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शराब दुकान का संचालक-सेल्समैन मिलकर चला रहे थे नकली शराब की फैक्ट्री और तस्करी का रैकेट: Video- Newstrack

Sonbhadra News: म्योरपुर थाना क्षेत्र के आश्रम मोड़ के पास खैराही गांव स्थित मकान में पुलिस छापेमारी के बाद नकली देशी शराब निर्माण की फैक्ट्री संचालन के खुलासे के साथ एक और बड़ा सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। पुलिस की छानबीन में पता चला है कि अवैध तथा नकली शराब निर्माण और इसके तस्करी का पूरा रैकेट एक ठेका दुकान के संचालक और उसके सेल्समैन के जरिए संचालित किया जा रहा था। प्राथमिक जांच में इस गिरोह का तार पूर्वांचल के कई जनपदों में फैले होने की पुष्टि हुई है। इसको देखते हुए, इसका खुलासा करने वाली म्योरपुर-पिपरी पुलिस को पूरे रैकेट को खंगालने और तस्करी के अपनाए जा रहे हर तरीकों की जांच-छानबीन के निर्देश दिए गए हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी के मुताबिक, पुलिस के हत्थे चढ़े ज्ञानदत्त चतुर्वेदी पुत्र स्व. हरिश्चंद्र चौबे निवासी तपोवन आश्रम, थाना जैतपुरा, वाराणसी इस गिरोह का सरगना है। उसने सोनभद्र के म्योरपुर-बीजपुर इलाके में अपने दादी के नाम एक देशी शराब की दुकान का ठेका आवंटित करा रखा है। श्रीराम जायसवाल पुत्र बेला निवासी पिंडारी सेवकाडाड़, थाना बीजपुर उसकी दुकान पर सेल्समैन का काम करता है। दोनों जहां इस शराब को खपाने और इसकी आपूर्ति में सहयोग करते हैं।

वहीं, विपुल सिंह उर्फ निशांत सिंह पुत्र वीरेंद्र सिंह निवासी पर्वतपुर, थाना गोपीगंज, जिला भदोही सोनभद्र सहित अन्य जनपदों में जगह-जगह नकली शराब की आपूर्ति का काम करता है। नितेश जायसवाल उर्फ गोलू पुत्र स्व. जयप्रकाश जायसवाल निवासी जीटी रोड चुरामनपुर मुड़ैला, थाना लोहता, वाराणसी ने नकली शराब निर्माण के लिए जरूरी रॉ मैटेरियल्स मैनेज का काम करता है। वहीं, प्रतीक सिंह पुत्र नरेंद्र कुमार सिंह निवासी बिजरी चुर्क थाना राबटर्सगंज इसकी पैकेजिंग का जिम्मा संभालता है। आपूर्ति का यह खेल पकड़ में न आने पाए, इसके लिए, शराब आपूर्ति के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बाइक/कार पर फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया जाता है। शराब की शीशी पर चस्पा किए जाने वाले रैपर की छपाई लोकल स्तर पर ही कराई जा रही थी।

नकली शराब कितनी खतरनाक, इसके लिए रिपोर्ट का इंतजार: एएसपी

एएसपी त्रिभुवनाथ नाथ त्रिपाठी के मुताबिक व्यवस्थित तरीके से म्योरपुर थाना क्षेत्र में खैराही नकली शराब बनाने और उसकी आपूर्ति/बिक्री का काम किया जा रहा था। ठेका दुकान संवालक ज्ञानदत्त अपनी दुकान के सेल्समैन श्रीराम के साथ मिलकर ठेका दुकानों और गांवों में इसकी खपत/बिक्री कराने में लगा हुआ था। विपुल सिंह, नितेश जायसवाल और प्रतीक सिंह अलग-अलग तरीके से इसमें सहयोग करने में लगे हुए थे।

एएसपी ने बताया कि अभी प्राथमिक जांच में सोनभद्र के बारे में जानकारी सामने आई है। जिस तरह की बातें पता चली है, उससे स्पष्ट है कि इनका बहुत बड़ा गिरोह है। इसको लेकर गहन जांच और तेजी से छानबीन के निर्देश दिए गए हैं। नकली शराब सेहत के लिए कितनी खतरनाक है, इसके बारे में कहा कि केमिकल टेस्टिंग कराकर इसकी जानकारी की जाएगी।

Shashi kant gautam

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