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Sonbhadra News: छोटेलाल खरवार की सपा में इंट्री ने बदले समीकरण, भाजपा के लिए चुनौती

Sonbhadra News: भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने पार्टी छोड़ कर सपा का दामन थाम लिया है। लोकसभा चुनाव के साथ ही उपचुनाव में भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 8 May 2024 10:07 AM GMT (Updated on: 8 May 2024 2:06 PM GMT)
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छोटेलाल खरवार। (Pic: Newstrack) 

Sonbhadra News: यूपी की सबसे आखिरी सीट राबटर्सगंज पर सत्तापक्ष और प्रमुख विपक्षी दल की तरफ से टिकट को लेकर बना सस्पेंश परआए दिन नया समीकरण बनाने में लगा है। एनडीए गठबंधन की तरफ से जहां अपना दल एस की छानबे विधायक रिंकी कोल को राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारकर उम्मीदवारी की तस्वीर साफ कर दी गई है। वहीं, अब सभी की निगाहें सपा पर टिकी हुई हैं। सत्तापक्ष की तरफ से टिकट की घोषणा के साथ ही, भाजपा के पूर्व सांसद छोटेेलाल खरवार की सपा में इंट्री की सामने आई जानकारी ने अचानक से समीकरण बदलकर रख दिया है। अब एक बार फिर राबटर्सगंज सीट हॉट सीट में शुमार हो गई है। अब सपा से छोटेलाल को टिकट मिलता है या फिर कोई बाजी मार जाता है? आगे चलकर चुनावी समीकरण किस तरह की करवट लेता है? इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

2022 में भी जताई थी नाराजगी

छोटेलाल वर्ष 2014 में राबटर्सगंज सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। उन्हें रिकार्ड मतों से जीत हासिल कर जीत के अंतर का एक नया रिकार्ड भी बनाया था लेकिन वर्ष 2019 में यह सीट अपना दल एस के खाते में जाने के बाद उनका सियासी सफर ब्रेक हो गया। इसके बाद उन्होंने पत्नी के जरिए मजबूत सियासी दस्तक देने की कोशिश की लेकिन पार्टी से उन्हें निराशा हाथ लगी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने खुलकर नाराजगी जहिर की और उपेक्षा का आरोप लगाकर, शीर्ष नेतृत्व तक हड़कंप मचा कर रख दिया था। सदर विधानसभा सीट पर कांटे की लड़ाई को देखते हुए, किसी तरह छोटेलाल को मनाया गया था। उस समय यह बात भी सामने आई थी कि उन्हें 2024 के चुनाव में सांसदी का टिकट देने का भरोसा दिया गया है लेकिन जैसे ही वर्ष 2019 की तरह 2024 में भी राबटर्सगंज सीट अद एस के कोटे में जाने की बात सामने आई उन्होंने अलग रास्ता तलाशना शुरू कर दिया।

माह भर पूर्व से ही मिलने लगा था संकेत

छोटेलाल खरवार से जुड़े सोशल मीडिया हैंडलों पर माह भर पूर्व ही खुलकर दूसरी पार्टी का दामन थामने के संकेत मिलने लगे। कई पोस्टों के जरिए भी इस बात का इजहार किया गया कि पार्टी में उनकी उपेक्षा की जा रही है। ऐसे में बेहतर यहीं होगा कि जहां सम्मान मिले, वहां रास्ता तलाश लिया जाए।

अद एस की टिकट घोषणा के साथ ही पूर्व सांसद ने खोल दिए पत्ते

अद एस की तरफ से मंगलवार की शाम जैसे ही रिंकी कोल को प्रत्याशी बनाने की जानकारी सामने आई। वैसे ही छोटेलाल खरवार को सपा का दामन थामने की चर्चाएं तेज हो गईं। बुधवार को पता चला कि उन्होंने लगभग 10 दिन पूर्व ही सपा सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। प्राथमिक सदस्यता सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। सिर्फ अब पार्टी हाईकमान की तरफ से इसको सार्वजनिक किया जाना बाकी है। सेलफोन पर हुई वार्ता में दबी जुबान सपा के कई दिग्गजों के साथ ही पूर्व सांसद ने इस बात को स्वीकार किया। यह भी बात सामने आई कि पूर्व सासंद की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ टिकट और चुनावी समीकरण दोनों को लेकर मीटिंग भी हो चुकी है। बुधवार देर रात या बृहस्पतिवार सुबह तक सपा की ओर से टिकट की तस्वीर भी स्पष्ट होने की उम्मीद जताई जा रही है।

लोकसभा-विधानसभा दोनों में मिलेगी सत्तापक्ष को सीधी चुनौती

छोटेलाल को सपा का दामन थामने से जहां भाजपा के सामने उसका एक मजबूत आदिवासी वोट बैंक दरकने का खतरा मंडराने लगा है। वहीं दुद्धी विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में इस कथित वोट बैंक को जिताऊ समीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। चुनावी परिणाम क्या होगा? यह तो चार जून को आने वाला परिणाम तय करेगा लेकिन जिस तरह से अचानक से समीकरण बदले हैं, उससे यह तस्वीर तो साफ हो गई है कि लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव दोनों में चुनावी संघर्ष कांटे का रहने वाला है।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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