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Sonbhadra News: राजरूप हत्याकांड में चाचा-भतीजे को उम्रकैद, संपत्ति के लिए किया था कत्ल, भांजी को वसीयत से थे नाराज

Sonbhadra News: प्रकरण में जहां पुलिस का दावा था कि बांस के डंडे से पीटकर जान ली गई। गिरफ्तारी के समय आरोपियों की निशानदेही पर, मृतक के मकान के पीछे हत्या में प्रयुक्त फटा हुआ बांस का डंडा बरामद भी किया गया था।

Kaushlendra Pandey
Published on: 13 Jan 2025 9:02 PM IST
Sonbhadra News ( फोटो - सोशल मीडिया से साभार )
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Sonbhadra News ( फोटो - सोशल मीडिया से साभार )

Sonbhadra News: मांची थाना क्षेत्र से जुड़े राजरूप हत्याकांड में पिता-पुत्र सहित तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। तीन वर्ष पूर्व की इस वारदात को लेकर, सोमवार को सत्र न्यायाधीश की अदालत ने प्रकरण की फाइनल सुनवाई की। मामले की सुनवाई के दौरान सामने आए तथ्यों, गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों और अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों को दृष्टिगत रखते हुए दोषसिद्ध पाया गया और दोषी बालचरन यादव और संजय यादव को उमक्रैद की सजा सुनाई। 15-15 हजार अर्थदंड भी लगाया गया है। जुर्माने की अदायगी न किए जाने पर अतिरिक्त कारावास भुगतने के लिए कहा गया है।

यह था मामला, जिसको लेकर सुनाया गया फैसला:

प्रकरण में मृतक राजरूप के रिश्ते में दामाद लगने वाले राम अवध यादव ने मांची थाने में धारा 302, 323, 120बी आईपीसी के तहत केस दर्ज कराया था। उसका कहना था कि मांची थाना क्षेत्र के धोबी गांव निवासी राजरूप उसकी पत्नी दशवंती के सगे मामा थे। मृतक को कोई औलाद नहीं थी। उसकी पत्नी दशंवती ही अपने मामा-मामी दोनों की देखभाल कर रही थी। वहीं, राजरूप की तरफ से घटना के पांच वर्ष अपने संपूर्ण जायदाद की वसीयत, वादी की पत्नी के नाम कर दी थी। आरोप लगाया गया था कि उक्त जमीन पर पट्टीदार संजय यादव और बालचरन यादव की निगाह बनी रही थी। वसीयत से वह नाराज थे और जमीन के लालच में 15 अप्रैल 2022 को राजरूप को अकेला पाकर लाठी-डंडे से बेरहमी से पिटाई कर दी। जानकारी मिलते ही, उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया जहां उसकी मौत हो गई।

15 बीघे जमीन के लिए किया गया था कत्ल:

वहीं, मृतक की पत्नी तेतरी ने पुलिस को बताया कि उसके पति तीन भाई थी। बंटवारे में उनके हिस्से में 15 बीघे जमीन आई थी। चूंकि उन्हें कोई औलाद नहीं थी। इसलिए उनके पति ने ननद बेचनी देवी की पुत्री यानी भांजी दशवंती को गोद ले लिया और उसका लालन-पालन करव शादी कराई। दशवंती उनके साथ रहकर उनकी देखभाल करती चली आ रही थी। वहीं पट्टीदार जमीन पर कब्जा करना चाह रहे थे। यह देख पति ने पूरी जमीन की रजिस्टर्ड वसीयत भांजी के नाम कर दी थी। वसीयत के बाद लगातार धमकी दी जा रही थी। मौका पाते ही उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी गई जिससे उनकी मौत हो गई। दावा किया गया कि पिटाई से राजरूप बेहोश हो गए थे, उपचार के दौरान कुछ मिनट के लिए होश में आए तो उन्होंने पूरी घटना की जानकारी दी।

पिटाई से शरीर पर आईं 12 चोंटें बनीं थी मौत की वजह:

प्रकरण में जहां पुलिस का दावा था कि बांस के डंडे से पीटकर जान ली गई। गिरफ्तारी के समय आरोपियों की निशानदेही पर, मृतक के मकान के पीछे हत्या में प्रयुक्त फटा हुआ बांस का डंडा बरामद भी किया गया था। वहीं पीएम रिपोर्ट के जरिए जानकारी सामने आई थी कि पिटाई से मृतक के शरीर पर कुल 12 चोटें आईं थीं और मृत्यु का कारण मृत्यु पूर्व आई चोटों के कारण उत्पन्न सदमा था।

कोर्ट ने माना- जमीन के लालच में की गई हत्या:

सामने आए तथ्यों, गवाहों द्वारा परीक्षित कराए गए बयानों को दृष्टिगत रखते हुए कोर्ट ने माना कि आरोपियों ने जमीन के लालच में मृतक के साथ डंडे से बुरी तरह मारपीट कर हत्या कारित की। पीएम रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर कुल 12 गंभीर चोटें, शरीर के विभिन्न अंगों में पाई गई हैं और उन्हीं चोटों के कारण उसकी मृत्यु होना पाया गया। इसके आधार पर दोषी पाते हुए, बालचरन यादव पुत्र रामनिहोर यादव और संजय यादव पुत्र स्व.़ पंचनारायन यादव जो रिश्ते में चाचा-भतीजा बताए जा रहे हैं को धारा 302 आईपीसी सपठित धारा 34 आईपीसी के अपराध के लिए आजीवन कारावास और 15-15 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।



Shalini singh

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