Sonbhadra News: सोनभद्र में पाए गए डेंगू के कई संदिग्ध मरीज, मच्छरजनित बीमारियों की वृद्धि पर अलर्ट

Sonbhadra News: मलेरिया अधिकारी धमेंद्र श्रीवास्तव की तरफ से डेंगू एवं मलेरिया जागरूकता कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस दौरान व्यापार मंडल की तरफ से, स्वास्थ्य महकमे की ओर से किए जा रहे दावों पर कई तीखे सवाल भी उठाए गए।

Kaushlendra Pandey
Published on: 6 Aug 2024 3:22 PM GMT
Sonbhadra News ( Newstrack )
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Sonbhadra News: जिले में बारिश का दौर शुरू होने के साथ ही, मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप गहराने की सूचना मिलने लगी है। हाल के दिनों में डेंगू के दर्जन भर से अधिक संदिग्ध मरीज पाए जाने से हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। स्थिति को देखते हुए जहां जिला अस्पताल के साथ ही, जिले के सभी सीएचसी-पीएचसी को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं, मंगलवार को सीएमओ कार्यालय में जिला मलेरिया अधिकारी धमेंद्र श्रीवास्तव की तरफ से डेंगू एवं मलेरिया जागरूकता कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस दौरान व्यापार मंडल की तरफ से, स्वास्थ्य महकमे की ओर से किए जा रहे दावों पर कई तीखे सवाल भी उठाए गए।

जानिए क्या कहते हैं विभागीय आंकड़े

विभागीय आंकड़ों में कहा जा रहा है कि डेंगू के जो भी मरीज पाने की बात कह जा रही है, वह सिर्फ संदिग्ध मरीज हैं। जब तक डेंगू कन्फर्म नहीं हो जाता, तब तक डेंगू की पुष्टि नहीं की जाती। वहीं, मलेरिया के आंकड़ों को लेकर दावा किया जा रहा है कि वर्ष 2024 में जनवरी से अब तक महज 30 मलेरिया मरीज पाए गए हैं। जबकि विभागीय आंकड़े में ही मलेरिया मरीज पाए जाने का आंकड़ा वर्ष 2022 में 282 और वर्ष 2023 में 300 है। हालांकि सोनभद्र के जो हालात है, उसमें हर छह माह पर संचारी नियंत्रण अभियान के बावजूद जगह-जगह जलजमाव, कूड़े का अंबार, निजी चिकित्सालयों, क्लिनिकों में लगती बुखार पीड़ितों की भीड़ कुछ और ही कहानी बयां करती नजर आती है।

मुख्यालय पर नहीं हुआ एंटी लार्वा का छिड़काव

एक तरफ महकमा मच्छरजनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए हर संभव उपाय अमल में लाने का दावा कर रहा है। वहीं, जागरूकता कार्यशाला में पहुंचे उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष कौशल शर्मा ने कहा कि मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप तेज हो गया है। बावजूद ग्रामीण अंचलों की कौन कहे, जिला मुख्यालय पर ही न तो एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा सका है, न ही कीटनाशक दवा का ही छिड़काव देखने को मिला है। हालांकि डीएमओ का दावा था कि नगरपालिका निकाय राबर्टसगंज को 7 जून को ही 20 लीटर टेमीफास और 15 किलो बीटीआई उपलब्ध करा दिया गया है।

मलेरिया से हो चुकी है मौतें, फिर भी नहीं हो रही समुचित पहल

जिला महामंत्री प्रीतपाल सिंह ने कहा कि वर्ष 2023 में सोनभद्र के मकरीबारी सहित अन्य गांवों में मलेरिया के प्रकोप से कई की मौत हो चुकी है। वर्ष 2022-23 में मलेरिया और डेंगू के मामलों में तेज वृद्धि भी देखने को मिली। 2023 में मलेरिया की जांच दर भी 3.31 प्रतिशत से बढ़कर 8.17 प्रतिशत तक पहुंच गई। लेकिन यह भी कड़वा सच है कि जिले में बगैर लाइसेंस के ही कई पैथोलॉजी संचालित हो रही हैं, जिनका कोई आंकड़ा विभागीय आंकड़े में शामिल नहीं हो पाता।

गांवों को लेकर दिखाएं संजीदगी, वरना बेहद खराब होंगे हालात

नगर अध्यक्ष प्रशांत जैन और वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश जायसवाल ने कहा कि कस्बाई इलाकों में एंटी लार्वा और कीटनाशक के छिड़काव की जिम्मेदारी नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों की है लेकिन गांवों में भी हालात काफी खराब हैं। गांव-शहर दोनों जगह एंटी लार्वा, कीटनाशकों के छिड़काव पर ध्यान नहीं दिया गया तो हालात बेहद खराब हो सकते हैं। नेटवर्क विहीन गांवों में विशेष चिकित्सा शिविर और अभियान चलाकर लोगों को मलेरिया ,डेंगू, डायरिया सहित अन्य रोगांे से बचाव के लिए जागरूक किया जाए।

मच्छरदानी वितरण पर भी उठाए गए सवाल

जिला मंत्री नरेंद्र मोदनवाल ने कहा कि जिला खनिज निधि से स्वास्थ्य विभाग को 40000 मच्छरदानी वितरण के लिए प्राप्त हुई है। दावा किया कि जिले के दुरूह इलाके के अधिकांश हिस्सो में मच्छरदानियों का वितरण अब तक नहीं किया जा सका है।

कागजी दावों का हो भौतिक सत्यापन, तब सामने आए हकीकत

एक तरफ जहां व्यापारियों ने कई तीखे सवाल उठाए। वहीं, जिला मलेरिया अधिकारी ने रोगों के नियंत्रण के लिए अलर्ट, दुरूह क्षेत्रों में जाकर मच्छरदानी वितरण सहित अन्य पहल किए जाने का दावा किया। सच्चाई क्या है? यह तो कथित कागजी दावों के भौतिक सत्यापन के बाद ही सामने आ सकता है। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रेमनाथ, कंसल्टेंट कुमार शुभम, आरके सिंह, अनिल दूबे, मधु आदि की मौजूदगी बनी रही।

Shalini singh

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