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Sonbhadra News: ओबरा पावर प्रोजेक्ट की बंद पड़ी इकाई के गायब कर दिए गए कई पार्ट्स, अधीक्षण अभियंता सहित 8 निलंबित, स्क्रैप हटाने की निविदा के बाद सामने आई गड़बड़ी

Sonbhadra News: राज्य सेक्टर की ओबरा परियोजना में डिस्मेंटर की निविदा से पहले ही, बंद पड़ी इकाई के महत्वपूर्ण पार्ट्स गायब होने का मामला सामने आया है। सीआईएसएफ की तैनाती के बावजूद पार्ट्स गायब होने के मामले ने जहां ओबरा से शक्ति भवन तक हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 24 Dec 2023 5:21 PM GMT
Many parts of the closed unit of Obra Power Project went missing, 8 including superintending engineer suspended
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ओबरा पावर प्रोजेक्ट की बंद पड़ी इकाई के गायब कर दिए गए कई पार्ट्स, अधीक्षण अभियंता सहित 8 निलंबित: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: राज्य सेक्टर की ओबरा परियोजना में डिस्मेंटर की निविदा से पहले ही, बंद पड़ी इकाई के महत्वपूर्ण पार्ट्स गायब होने का मामला सामने आया है। सीआईएसएफ की तैनाती के बावजूद पार्ट्स गायब होने के मामले ने जहां ओबरा से शक्ति भवन तक हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है। वहीं, डिस्मेंटल की निविदा पाने वाली कंपनी की तरफ से, दी गई जानकारी को दृष्टिगत रखते हुए, ओबरा में तैनात एक अधीक्षण अभियंता, दो अधिशासी अभियंता, एक सहायक अभियंता, एक अवर अभियंता और तीन अन्य को निलंबित कर दिया है। यूआरवीयूएनएल के शीर्ष प्रबंधन की तरफ से हुई इस कार्रवाई ने सूबे के पावर सेक्टर में हड़कंप मचा दिया है।

यह बताया जा रहा मामला

इस मामले में अंदरखाने से छनकर जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक ओबरा परियेाजना की 2018 से बंद पड़ी 100 मेगावाट क्षमता वाली सातवीं इकाई के डिस्पमेंटल के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। जिस फर्म/कंपनी को निविदा मिली, जब वह मौके पर पहुंची तो पताचला कि कई महत्वपूर्ण पार्ट्स पहले से गायब हैं। इसके बाद में निविदा पाने वाली फर्म की तरफ से उच्च प्रबंधन को जानकारी दी गई। प्रबंधन ने जब इसको लेकर 2018 से निविदा प्रक्रिया पूरी होने तक सातवीं इकाई की देखरेख के लिए तैनात अभियंताओं-अवर अभियंताओं से जानकारी मांगी तो संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। इसको गंभीरता से लेते हुए राज्य उत्पादन निगम के चेयरमैन स्तर से अधीक्षण अभियंता को और एमडी स्तर से अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया।

इन-इन पर गिरी निलंबन की गाज

बताते हैं कि इस मामले को लेकर अधीक्षण अभियंता जीवन सिंह रायपा, अधिशासी अभियंता रिजवी अहसन, अधिशासी अभियंता अमित कुमार मिश्र, सहायक अभियंता मनेंद्र प्रसाद, अवर अभियंता मुदस्सर यूसुफ रहमानी, भंडारी गुरूचरण यादव, भंडारी शशिकांत सिंह, सहायक भंडारी विनय कुमार के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।

काफी पुरानी के कारण बंद की गई थी इकाई

राज्य सेक्टर की सबसे पहली परियेाजना ओबरा में स्थापित की गई थी। इसकी अ यूनिट की सात इकाइयों को सबसे पुराना होने के कारण, एक-एक बंद कर दिया गया था। 2018 में पूरी अ यूनिट की इकाइयां हमेशा के लिए ठप कर दी गई थी। अब यहां ओबरा बी की 200 मेगावाट वाली पांच इकाइयों से जहां उत्पादन जारी है। वहीं, राज्य के स्वामित्व वाली ओबरा सी को भी नियमित उत्पादन लाने का प्रयास तेजी से बना हुआ है। ओबरा में ओबरा डी के नाम से भी एक परियोजना स्वीकृत हुई है, जिसके स्थापना/संचालन का दायित्व ज्वाइंट वेंचर के रूप में एनटीपीसी संभालेगी।

स्क्रैप गायब होने के मामले में की गई कार्रवाई: सीजीएम

इस मामले में सीजीएम ओबरा इं. राधे मोहन से फोन पर बात की गई और उनके जरिए उनके निजी सचिव इं. अनुराग मिश्रा से संपर्क साधा गया। उन्होंने बताया कि सातवीं इकाई पहले ही डिलीट कर दी गई थी। उसका स्क्रैप हटाने के लिए जिस एजेंसी को जिम्मा दिया गया था, उसकी तरफ से बताया गया कि मौके पर स्क्रैप के कई हिस्से गायब हैं। इसको मद्देनजर रखते हुए उच्च प्रबंधन की तरफ से यह कार्रवाई की गई है।

Shashi kant gautam

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