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Sonbhadra: संदिग्धावस्था में विवाहिता की मौत, चार माह भी नहीं चल पाया प्रेम विवाह
Sonbhadra: शाहगंज थाना क्षेत्र में विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। चार माह पूर्व ही उसका विवाह हुआ था। मायकवालों ने ससुराल पक्ष के लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
Sonbhadra News: पारिवारिक बंदिश तोड़ कोर्ट में जाकर शादी रचाने वाले जोड़ों का प्रेम विवाह चार माह भी नहीं चल पाया और प्रेमिका से पत्नी बनी विवाहिता की संदिग्ध हाल में मौत हो गई। सोमवार की दोपहर बाद शव का पीएम कराया गया। मायके वालों ने दहेज के लिए हत्या किए जाने का आरोप लगाया है। मृतका के पिता की तहरीर पर, पति और सास के लिए धारा 304बी आईपीसी और डीपी एक्ट के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। मामले की जांच क्षेत्राधिकारी घोरावल की तरफ से की जा रही है।
पड़ोसी गांव के रहने वाले युवक से हुआ था प्रेम विवाह
शाहगंज थाना क्षेत्र के राजपुर गांव की रहने वाली गुंजा 19 वर्ष का प्रेम संबंध, उसके पड़ोसी गांव रैपुरा के रहने वाले रवि वर्मा से था। चार माह पूर्व दोनों ने घर वालों के एतराज के बावजूद, कोर्ट जाकर शादी रचा ली। दोनों की जिद देख परिवार वाले भी इस शादी पर सहमत हो गए और रश्म-रिवाज के मुताबिक शादी रचाकर गुंजा, प्रेमी से पति बने रवि वर्मा के घर चली गई।
अचानक मिली मौत की सूचना ने मायके वालों को कर दिया हैरान
रविवार की रात मायके पक्ष के लोगों को सूचना मिली कि गुंजा की अचानक से मौत हो गई। आरोप है कि उन लोगों ने ससुरालियों से संपर्क साधा तो बीमारी से मौत की जानकारी दी गई । जबकि उन्हें इस बात की पूरी आशंका है कि उनके बेटी की हत्या की गई है। पीएम हाउस पहुंचे मायके पक्ष के लोगों ने इसको लेकर खासी नाराजगी जताई। कुछ देर के लिए हंगामे जैसी स्थिति भी बन गई। वहां मौजूद पुलिस कर्मियों और अन्य लोगों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया।
मायके पक्ष ने दहेज के लिए हत्या किए जाने का आरोप
मृतका गुंजा के पिता बृजेश वर्मा ने दहेज के लिए उसके पति रवि वर्मा और सास मीरा देवी पर पिछले कई दिनों से उत्पीड़न और हत्या किए जाने का आरोप लगाया और शाहगंज थाने पहुंचकर इसको लेकर एक तहरीर भी दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की तरफ से मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई। क्षेत्राधिकारी घोरावल दद्दन प्रसाद ने बताया कि पिता की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर पति रवि और सास मीरा के खिलाफ धारा 304बी और डीपी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। डीपी एक्ट से जुड़ा मामला दर्ज होने के नाते, इस केस की विवेचना भी क्षेत्राधिकारी की तरफ से ही की जाएगी।