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Sonbhadra News: जिंदा को मृत दिखाने की गलती क्षम्य नहीं, डीएम करें कार्रवाई, कांता प्रकरण पर प्रभारी मंत्री ने दिखाए तेवर

Sonbhadra News: 300 से अधिक पेंशनरों को जिंदा होते हुए मृत दिखाए जाने के मामले का संज्ञान लेते हुए, डीएम को निर्देशित किया कि यह बहुत बड़ी लापरवाही है। प्रकरण क्षमा योग्य नहीं है। इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए।

Kaushlendra Pandey
Published on: 22 Nov 2024 5:50 PM IST
Sonbhadra News
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Sonbhadra News: सरकारी योजनाओं के सत्यापन के नाम पर जिंदा को मृत दिखाकर, जरूरतमंदों को सुविधा से वंचित करने के चल रहे खेल पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कांता प्रकरण का संज्ञान लेते हुए प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल ने जहां डीएम को प्रकरण की जांच कराते हुए कार्रवाई के लिए कहा है। वहीं, 300 से अधिक पेंशनधारियों को मृतक दिखाए जाने के मामले को अक्षम्य बताते हुए, प्रकरण में कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की हिदायत दी है।

म्योरपुर ब्लाक के चिल्काटांड़ गांव निवासी कांता पांडेय को सरकारी फाइलों में मृतक दिखाकर 18 माह तक बंद रखी गई पेंशन और राशन कार्ड गायब कर चार साल तक सरकारी राशन की सुविधा से वंचित करने, लगाई गई गुहार के बाद भी कोई राहत न मिलने, अंततः मौत हो जाने के मामले में प्रभारी मंत्री ने कहा कि पहले यह प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं था। उन्होंने तत्काल इसको लेकर डीएम बीएन सिंह को जांच कराकर कार्रवाई की हिदायत दी। वहीं, इसी तरह, 300 से अधिक पेंशनरों को जिंदा होते हुए मृत दिखाए जाने के मामले का संज्ञान लेते हुए, डीएम को निर्देशित किया कि यह बहुत बड़ी लापरवाही है। प्रकरण क्षमा योग्य नहीं है। इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं, डीएम बीएन सिंह ने कहा कि प्रकरण उनके संज्ञान मे है। कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

परिजनों की मदद के लिए किसी के न पहुंचने पर बना हुआ है रोष

चार साल से राशन और 18 माह से पेंशन बंद होने के चलते तिल-तिल कर लंबे समय तक मरने के लिए विवश रहे बुजुर्ग और आखिरकार मौत.. मामले में अब तक कार्रवाई दूर, मौत के सप्ताह भर बाद भी, आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार की मदद के लिए सरकारी तंत्र से जुड़ा कोई व्यक्ति अब तक नहीं पहुंच सका है। इसको लेकर लोगों में रोष की स्थिति बनी हुई है। दुद्धी विधानसभा के उपचुनाव में सत्ता पक्ष की हार का दंश तो इस परिवार को नहीं झेलना पड़़ रहा, इसको लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं बनी हुई हैं।

चंदे पर हुआ दाह संस्कार, अब कर्मकांड के लिए आम लोग आए आगे

बताते चलें कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार के पास मृतक के अंतिम संस्कार के लिए कोई व्यवस्था न होने के कारण स्थानीय लोगों ने आगे बढ़कर आपस में चंदा एकत्र करने का रास्ता अपनाया था। मौत के आठ दिन बाद भी सरकारी तंत्र की ओर से कोई मदद न पहुंचती देख, कर्मकांड के लिए भी आम लोगों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। जिला मुख्यालय से दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष गिरीश पांडेय की अपील पर जहां कई लोग थोड़ी-थोड़ी मदद के लिए आगे आएं हैं। वहीं, स्थानीय स्तर भी कुछ युवा लोगों से अपील कर, आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार को मदद दिलाने की मुहिम में जुटे हुए हैं।



Shalini singh

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