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Sonbhadra News: सड़कों की खराब हालत ने बढ़ाई सत्तापक्ष की टेंशन, विधायक ने पीएमजेएसवाई के अफसरों को लगाई फटकार
Sonbhadra News in Hindi: करोड़ों खर्च के बाद भी पटवध-वसुहारी मार्ग, कोन-तेलगुड़वा मार्ग, कोन-विंढमगंज मार्ग, अनपरा-शक्तिनगर मार्ग की हालत बद से बदतर बनी हुई है।
Sonbhadra News: सरकार के लगातार निर्देश के बावजूद, सोनभद्र में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती सड़कों ने सत्तापक्ष की टेंशन बढ़ानी शुरू कर दी है। एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव में सत्ता पक्ष को राबटर्सगंज संसदीय सीट पर हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, सड़कों की हालत को लेकर सपा भी सरकार पर निशाना साधने लगी है। यही वजह है कि सड़कों की खराब हालत और इसको लेकर उठती नाराजगी भरी आवाज को देखते हुए शुक्रवार की दोपहर सदर विधायक ने जहां डीएम बद्रीनाथ सिंह से मिलकर सड़क को दुरूस्त कराने के लिए प्रभावी पहल की बात कही। वहीं, पीएमजेएसवाई अफसरों के साथ बैठककर स्थिति पर नाराजगी जताते हुए, जमकर फटकार लगाई और अविलंब सड़क दुरूस्त न किए जाने पर शासन से पत्राचार की चेतावनी दी।
बताते चलें कि कोन-तेलगुड़वा-खरौधीं के साथ ही कोन-विंढमगंज मार्ग की भी हालत रहवासियों के साथ ही आवागमन करने वालों को रूलाए हुए है। बताया गया कि विधायक भूपेश चौबे ने पिछले दिनों जहां मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कोटा-कोन-खरौधी मार्ग और विढमगंज-कोन से झारखंड सीमा मार्ग की खराब हालत से अवगत कराया था। वहीं उन्हें पत्रक सौंपते हुए, मार्ग को दुरूस्त कराए जाने के लिए निर्देशित किए जाने का अनुरोध किया था। इस पर सीएम की तरफ से डीएम को निर्देश जारी किए गए थे। इसी कड़ी में जहां सदर विधायक की तरफ से जिलाधिकारी से मिलकर की जा रही पहल की जानकारी ली। वहीं, पीएमजीएसवाई के अधिकारियों के साथ बैठक कर सड़क को जल्द दुरूस्त कराने को कहा। बार-बार निर्देश के बावजूद सड़क की हालत न सुधरने को लेकर नाराजगी जताई और संबंधितों को फटकार लगाते हुए, कड़ी कार्रवाई कराने की चेतावनी दी।
बडी चुनौती बन गया है सड़कों की खराबी का मसला
एक तरफ जहां सोनभद्र में सड़कों का निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है। वहीं, करोड़ों खर्च के बाद भी पटवध-वसुहारी मार्ग, कोन-तेलगुड़वा मार्ग, कोन-विंढमगंज मार्ग, अनपरा-शक्तिनगर मार्ग की हालत बद से बदतर बनी हुई है। गत अक्टूबर माह में आए पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद सड़कों की हालत से रूबरू हुए थे और सड़क को तत्काल दुरूस्त कराने के निर्देश भी दिए थे। Newstrack ने भी मसले को प्रमुखता से उठाया था।लेकिन पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने सड़क सुगम आवागमन के लिए उपयुक्त होने की आख्या देकर, मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
अफसर भारी पड़ेंगे या जनप्रतिनिधि, चर्चाएं जारी-
अब जब सपा ने सड़कों की हालत को सियासी मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है तो सत्तापक्ष की टेंशन बढ़ने लगी। बावजूद पीडब्ल्यूडी के अफसर अभी भी चेतेंगे या कागज पर भी सड़कों को दुरूस्त कर सरकारी धनराशि के बंदरबांट का क्रम चलता रहेगा, इसको लेकर चर्चा बनी हुई है। वहीं, पिछले दिनों विहिप के एक बड़ नेता को कुछ घंटे के लिए कमरे की जरूरत पड़ने पर, जिस तरह का रवैया पीडब्ल्यूडी के अफसरों-जिम्मेदारों की तरफ से सामने आया, वह भी तरह-तरह का सवाल उठाए हुए है।