Sonbhadra News: मनरेगा : डूबे क्षेत्र में लाखों की लागत से बंधी निर्माण, बारिश के मौसम में कराया कार्य

Sonbhadra News: बंधी के निर्माण में जहां, धरातलीय स्थिति से इतर इस्टीमेट का आरोप लगाते हुए घपलेबाजी की आशंका जताई है। वहीं, जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 5 Aug 2024 3:49 PM GMT
Sonbhadra News- Photo- Newstrack
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Sonbhadra News- Photo- Newstrack

Sonbhadra News: वर्षों से मनरेगा के जरिए सरकारी धनराशि के बंदरबांट का माध्यम बने सोन नदी पार इलाके में एक बड़ा खेल सामने आया है। एमपी से सटे स्थित कुड़ारी में जहां डूब क्षेत्र में लगभग 10 लाख की लागत से बंधी निर्माण कार्य को मंजूरी दे दी गई। वहीं, बारिश के मौसम में, बंधी पर निर्माण कार्य कराते हुए, लगातार 30 जुलाई तक मस्टर रोल भी जारी किए जाने का क्रम बना रहा। मिट्टी के तटबंध निर्माण का कार्य भी करीब-करीब पूरा कर लिया गया। अभी, इस बंधी की कोर वाल बनती, इससे पहले, 31 जुलाई से शुरू हुई बारिश और सोन नदी में उफान के चलते बनी जलभराव की स्थिति ने मिट्टी के तटबंध को ध्वस्त कर दिया। ग्रामीणों ने लाखों खर्च कर बनाई जा रही बंधी के निर्माण में जहां, धरातलीय स्थिति से इतर इस्टीमेट का आरोप लगाते हुए घपलेबाजी की आशंका जताई है। वहीं, जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है।

अक्टूबर 2023 में दी गई थी निर्माण कार्य की मंजूरी

बताते चलें कि कुड़ारी ग्राम पंचायत के बंगलहवा नाले पर नौ लाख 90 हजार की लागत से गत 12 अक्टूबर 2023 को सेक्शन नंबर 3163005075/2023-24/646462/टीएस के जरिए, बंधी निर्माण की मंजूरी दी गई थी। संबंधितांें का तर्क था, इसके पास से बाग की स्थापना की गई है। बंधी निर्माण से बाग को मदद मिलने के साथ ही, नदी के तटवर्ती एरिया का जलस्तर सुधरेगा। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि जिस नाले पर बंधी निर्माण कराया जा रहा है, वह सोन नदी से जुड़ा हुआ है। निर्माण स्थल भी सोन नदी के नजदीक और डूब क्षेत्र में है। जब भी अच्छी बारिश होती है, बंधी निर्माण वाली जगह पर पानी भर जाती है। बावजूद, सब कुछ ओके ठहराते हुए, बंधी निर्माण को स्वीकृति दे दी गई।

सात अप्रैल से शुरू हुआ था बंधी निर्माण का कार्य

बताते हैं कि बंधी के निर्माण कार्य के लिए पहला मस्टर रोल संख्या 824 सात अप्रैल 2024 को जारी किया गया था। इसके बाद से बंधी निर्माण शुरू होने का दावा करते हुए, 17 तिथियों में मस्टर रोल जारी किए गए। इस कार्य पर अभी तक आखिरी मस्टर रोल गत 30 जुलाई को क्रमांक 14661 के जरिए जारी किया गया है। सवाल उठता है कि एक तरफ बंधी डूब क्षेत्र में है। दूसरी तरफ यह जानते हुए भी बंधी का अभी आधे से अधिक कार्य बाकी है। बावजूद जहां 30 जुलाई तक मस्टर रोल जारी करने का क्रम जारी रखा गया। वहीं, 31 जुलाई से तीन जुलाई तक हुई बारिश के दौरान बनी जलभराव के चलते निर्मित बंधी का तटबंध भी टूट कर बह गया।

कोर वाल न बनने के चलते आई दिक्कत: पंचायत सचिव

इसको लेकर पंचायत सचिव रामविलास सिंह से फोन पर जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि कोर वाल नहीं बन पाया है, इस कारण बंधी के निर्मित भीटे की मिट्टी बहने की स्थिति सामने आई। बंधी निर्माण स्थल जलभराव क्षेत्र होने के मसले पर उनका कहना था कि जब ज्यादा बारिश होती है, तभी ऐसी स्थिति आती है। सवाल उठता है आखिर जलभराव वाले क्षेत्र में बंधी निर्माण का सही उद्देश्य क्या है? साथ ही बारिश के मौसम में किसी भी वक्त मजे की बारिश की संभावना बनी रहती है, बावजूद मस्टर रोल जारी करते हुए कार्य दिखाए जाना कितना सही है? कोर वाल न बनने की दशा में पानी बीच वाले खाली भाग से निकल जाना चाहिए था? लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे जहां ग्रामीणों की तरफ से बंधी के डूबक्षेत्र में होने की बात को बल मिल रहा है। वहीं, मामले के जांच की भी मांग उठाई जाने लगी है। इस मामले में बीडीओ चोपन शुभम बरनवाल से भी उनके फोन पर संपर्क साधा गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।

Shalini Rai

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