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Sonbhadra News: मोबाइल ने खोला पासरों के ग्रुप का राज, ह्वाट्सग्रुप के जरिए तैयार होती गई लिस्ट, बड़े राज आए सामने
Sonbhadra News: महज अधिकारियों और चेकिंग टीम को लोकेशन देकर एक ही रात में डेढ़ हजार से लेकर 5000 तक की कमाई वाला यह धंधा, तेजी से युवाओं का आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है।
Sonbhadra News: अधिकारियों और चेकिंग टीम का लोकेशन देकर वाहनों का पास कराने वाले पासर गैंग पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई ने जहां हड़कंप मचा दिया है। वहीं, जिस तरह से एक के बाद एक कई चर्चित नाम इस गैंग से जुड़े पाए जा रहे हैं, उसने लोकेशन और संबंधित विभाग के कुछ कर्मियों से सांठगांठ कर वाहन पास कराने वाले गिरोह के तौर-तरीकों को लेकर भी नई चर्चा छेड़ दी है। अब तक गैंगस्टर कार्रवाई की सूची में जो नाम सामने आए हैं, उस पर पुलिस पूर्व में केस भी दर्ज कर चुकी हैं। 14 नए नाम भी चिन्हित किया जा चुके हैं। कहा जा रहा है कि, जांच आगे बढ़ी तो कुछ बड़ी शख्सियतें भी इस गिरोह से जुड़ी पाई जा सकती हैं।
बताते चलें कि जिस गिरोह के 25 लोगों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। महज एक मोबाइल के जरिए उनका पूरा राज पुलिस के सामने आ गया था। खान महकमे की टीम ने गिरोह में शामिल सन्नी उर्फ झारखंड के मोबाइल की छानबीन की तो सामने आए सोनभद्र की दुनिया नामक ह्वाट्सग्रुप और उसके जरिए वाहनों को पास कराने को लेकर होने वाली लोकेशनबाजी ने, खान महकमे के साथ ही पुलिस को भी चकराकर रख दिया। इस मोबाइल को कब्जे में लेकर जब पुलिस ने छानबीन आगे बढाई तो एक के बाद महज एक ग्रपु से ही 25 नाम पुलिस के सामने आते गए। पूरे मामले की छानबीन के बाद पुलिस ने संबंधित ग्रुप से जुड़े 25 लोगों को वाहन पास कराने के काम में संलिप्त पाया और उन पर केस दर्ज करने के साथ ही, इसमें से कई की गिरफ्तारी भी की जो बाद में जमानत पर रिहा हो गए। अब पुलिस की तरफ से की गई गैंगस्टर की कार्रवाई ने सोनभद्र की दुनिया नाम से चलाने वाले पासर गैंग से जुड़े लोगों की नींद तो उड़ाई ही है, इस ग्रुप को संरक्षण देने वाले सफेदेपोशों को भी पुलिस कार्रवाई का डर सताने लगा है।
100 के आंकड़े को पार कर सकती है पासरों की लिस्ट
अभी पुलिस की तरफ से महज एक गिरोह पर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। वहीं, लोगों के बीच होने वाली चर्चाओं और वाहन संचालन के कामकाज पर करीब से नजर रखने वालों से बातचीत में मिली जानकारी पर गौर करें तो आधा दर्जन से अधिक पासरों का ग्रुप, बगैर नंबर प्लेट, बगैर परमिट तथा ओवरलोड वाहनों को पास कराने में काम में लगा हुआ है। अभी तक पुलिस ने 39 पासरों को चिन्हित किया है, जिसमें 25 के खिलाफ गैंगस्टर लगाया जा चुका है। 14 को लेकर कार्रवाई चल रही है। कहा जा रहा है कि पासरों को पुलिस की जांच अगर इससे आगे बढ़ी तो चिन्हित होने वाले पासरों-पासर ग्रुप से जुड़े लोगों की संख्या 100 के आंकड़े को भी पार कर सकती है।
मोटी कमाई के चलते युवाओं का तेजी से बढ़ता जा रहा झुकाव
महज अधिकारियों और चेकिंग टीम को लोकेशन देकर एक ही रात में डेढ़ हजार से लेकर 5000 तक की कमाई वाला यह धंधा, तेजी से युवाओं का आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। बेरोजगार सी हालत में दिन में घर पर पड़े रहने या फिर किसी चट्टी-चौराहे पर बतकही में नजर आने वाले इस गिरोह की हाईप्रोफाइल लाइफस्टाइल एकबारगी किसी को भी चौंका कर रख देती है। दिन में आराम फरमाने वाले इस गैंग को लेकर अंधेरा ढलते ही हाइवे पर सक्रिय हो जाती है और उनकी यह सक्रियता अगली सुबह की पौ फटने तक जारी रहती है।
चोपन से मारकुंडी तक खासा मजबूत है पासरों का नेटवर्क
जब आप कभी जिला मुख्यालय से मारकुंडी घाटी होते हुए चोपन कस्बे की तरफ बढ़ेगे तो घाटी उतरने के साथ ही साइड में तथा हाइवे किनारे खाली पड़ी जमीन किसी ढाबे वाली जगह के सामने खाली पड़े हिस्सों पर बालू-गिट्टी लदी ट्रकें खड़ी मिलती हैं। जैसे ही अंधेरा गहराता है, यह ट्रकें सड़क पर आ जाती हैं और चोपन बैरियर से लेकर चुर्क तिराहे तक, पासर ग्रुप का संचालन करने वालों की तरफ से युवाओं की टीम जगह-जगह खड़ी कर दी जाती है। इस ग्रुप का सबसे ज्यादा फोकस चोपन बैरियर, सलखन पुल, मारकुंडी और टोल प्लाजा से लेकर एआरटीओ कार्यालय के पास स्थित चेकिंग प्वाइंट पर बना रहता है। जैसे ही ह्वाट्सग्रुप या मैसेज के जरिए रास्ता क्लीयर होने की सूचना मिलती है, सड़क किनारे खड़े वाहन गंतव्य के लिए दौडने लगते हैं।
गिरोह पर बनी हुई है पुलिस की सतर्क नजर: एसपी
इस मामले में एसपी डा. यशवीर सिंह का कहना है कि अवैध तथा ओवरलोड खनिज परिवहन में सहयोग देने वाले पासरों पर पुलिस की नजर बनी हुई है। जो भी पासर चिन्हित हो रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। आगे भी यह क्रम बना रहेगा।