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Sonbhadra News: बेरोजगारी के मसले पर होगा देशव्यापी आंदोलन, 113 युवा संगठनों ने बनाया संयुक्त मोर्चा

Sonbhadra News: आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर और युवा मंच के प्रदेश संयोजक राजेश सचान ने बुधवार को कहा कि सोनभद्र में रोजगार का जबरदस्त संकट है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 17 May 2023 7:55 PM GMT
Sonbhadra News: बेरोजगारी के मसले पर होगा देशव्यापी आंदोलन, 113 युवा संगठनों ने बनाया संयुक्त मोर्चा
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बेरोजगारी के मसले पर होगा देशव्यापी आंदोलन: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर और युवा मंच के प्रदेश संयोजक राजेश सचान ने बुधवार को कहा कि सोनभद्र में रोजगार का जबरदस्त संकट है। स्थिति इतनी विकट है कि यहां दलित, आदिवासी व गरीब पृष्ठभूमि की बहुतायत लड़कियां बैंगलोर जैसे शहरों में काम के लिए जाने पर मजबूर हैं। जिला मुख्यालय स्थित सिंचाई डाक बंगले में दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि जिले से महज मजदूरों का ही नहीं, पूंजी का भी पलायन हो रहा है। जो पैसा यहां के नागरिकों का बैंकों में जमा है उसका महज 32 प्रतिशत ही ऋण के रूप में यहां के लोगों को मिल पा रहा है। शेष पूंजी बाहर चली जाती है। प्राकृतिक संपदा, सार्वजनिक संपत्ति और विकास मदों का भी यहां के लोगों को पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है।

नेताद्वय ने कहा कि सोनभद्र सहित पूरे देश में बेरोजगारी की समस्या चिंताजनक है। सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके हल के नाम पर सिर्फ जुमलेबाजी हो रही है। कहा कि बेरोजगारी जैसे मसले पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए देशभर के 113 युवा संगठनों ने गत तीन अप्रैल को दिल्ली में संयुक्त युवा मोर्चा का गठन किया और देशव्यापी रोजगार आंदोलन चलाने की घोषणा की है। जिसमें प्रमुख रूप से रोजगार को कानूनी अधिकार देने, केन्द्र सरकार व राज्यों में रिक्त पड़े तकरीबन एक करोड़ पदों को तत्काल भरने, संविदा प्रथा को खत्म करने और अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले सेक्टर जैसे रेलवे, बैंक, बिजली, कोयला समेत शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे बेहद जरूरी क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगाने जैसे मुद्दे शामिल हैं।

शिक्षा-स्वास्थ्य के मामले में हालात चिंताजनक

नेताद्वय ने कहा कि सोनभद्र में शिक्षा-स्वास्थ्य की हालत बेहद खस्ता है। आदिवासी और गरीब लड़कियों में भी पढ़ने और समाज में योगदान करने की चाहत है लेकिन दुद्धी और घोरावल जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में महिला डिग्री कालेज न होने से वह उच्च शिक्षा से वंचित हैं। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहां स्थित आठ सीएचसी में कहीं पर भी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ नियुक्त नहीं हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल तक विशेषज्ञ चिकित्सक के पद बड़ी संख्या में रिक्त पड़े हुए हैं।

सोनभद्र में कृषि आधारित उद्योगों की हो स्थापना

रोजगार के मसले को हर करने के लिए कृषि आधारित उद्योगों के सुदृढ़ीकरण की मांग करते हुए कहा कि सिंचाई के समुचित साधन न होने और किसान जो फसलें पैदा करते हैं, खासतौर पर टमाटर व सब्जियों की सरकारी खरीद की गारंटी न होने से, उपज को औने पौने दामों पर बेचना पड़ रहा है। इससे किसान और किसानी दोनों संकट में है। वनाधिकार कानून के मसले पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिले में 75 हजार आवेदन किए गए थे उसमें से 53 हजार अस्वीकृत कर दिए गए, जिन्हें स्वीकृत भी किया गया तो उसमें से अधिकांश मामले में संबंधित को अभी तक भौमिक अधिकार नसीब नहीं हुआ। इस दौरान आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, प्रवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह, संयुक्त युवा मोर्चा के शिव शरण भारतीय आदि की मौजूदगी बनी रही।

Kaushlendra Pandey

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