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Sonbhadra News : एनजीटी की सख्ती नहीं रखती मायने, नॉन आपरेशनल बताई गई खदानों में पत्थर खनन का वीडियो आया सामने
Sonbhadra News : जिले में एनजीटी की सख्ती के बाद बंद बताई गई कुछ खदानों में अभी भी पत्थर खनन जारी होने और इसको लेकर कथित वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
Sonbhadra News : जिले में एनजीटी की सख्ती के बाद बंद बताई गई कुछ खदानों में अभी भी पत्थर खनन जारी होने और इसको लेकर कथित वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। हालांकि खान महकमा अभी इसको लेकर किसी भी तरह का दावा/जानकारी से परहेज कर रहा है, लेकिन जिस तरह की जानकारियां सामने आई हैं, उससे कागज पर बंदी, हकीकत में खनन जैसे मामलों में जांच-कार्रवाई की मांग तेजी से उठने लगी है।
बता दें कि एनजीटी में वर्ष 2022 में दाखिल एक याचिका के परिप्रेक्ष्य में यूपीपीसीबी की तरफ से 10 जनवरी, 2024 को वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम से जुड़े नियमों-निर्देशों का पालन न किए जाने (बगैर सीटीओ प्रमाणपत्र संचालन) को लेकर कई खदानों की बंदी का निर्देश जारी किए गए थे। इसमें सोनभद्र की 9 खदानें शामिल थीं। बंदी का निर्देश प्रभावी न होने को लेकर मार्च 2024 में न्यूजट्रैक की तरफ से खबर चलाई गई थी। इस प्रकरण का स्वतः संज्ञान लेते हुए एनजीटी की प्रधान पीठ ने मई में मामले की सुनवाई शुरू कर दी। एनजीटी की सख्ती को देखते हुए तत्कालीन डीएम चंद्रविजय सिंह की तरफ से एक जुलाई 2024 को आठ खदानों की तत्काल प्रभाव से बंदी सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी।
खान अधिकारी ने भेजी रिपोर्ट, छह खदानों को बताया बंद
इसके परिप्रेक्ष्य में ज्येष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह की तरफ से डीएम को एक रिपोर्ट भेजी गई, जिसमें बताया गया कि संबंधित आठ खदानों में दो के पास सीटीओ प्रमाणपत्र उपलब्ध है। शेष छह खदानें बंद/नॉन आपरेशनल हैं। इस रिपोर्ट को दृष्टिगत रखते हुए मौजूदा डीएम ब्रदीनाथ सिंह की तरफ से भी पिछले सप्ताह एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल कर छह खदानों के बंद/नॉन आपरेशन होने की जानकारी दी गई। साथ ही खान महकमे को भी एनजीटी के आदेश के सख्ती से अनुपालन की हिदायत दी।
बगैर सीटीओ खदान संचालन का मामला आया सामने
जब बंद/नॉन आपरेशन बताई गई खदानों का सच जानने की कोशिश की गई तो इस दौरान एक ऐसा वीडियो सामने आया, जिसने खान महकमे की तरफ से किए जा रहे दावों पर सवाल उठा दिए। सामने आया वीडियो, जहां तीन दिन पूर्व का बताया जा रहा है। वहीं, वीडियो में दिख रहे लोकेशन के आधार पर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो ओबरा खनन क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी स्थित आराजी संख्या 4949 ख मेसर्स श्री महादेव इंटर प्राइजेज से जुड़ा हुआ है। इसी तरह दो और खदानों में बगैर सीटीओ संचालन के दावे किए जा रहे हैं। हालांकि किए जा रहे दावों और सामने आए वीडियो का न्यूजट्रैक पुष्टि नहीं करता था, लेकिन जिस तरह से बगैर सीटीओ बंद/नान ऑपरेशन बताए जा रहे तीन पत्थर खदानों में खनन के दावे-चर्चा की जा रही है, उससे मामले की गहराई से जांच की मांग उठाई जाने लगी है। बता दें कि जिन आठ खदानों की बंदी का निर्देश जारी किया था, उसमें से मेसर्स बिंदूमती और राजीव कुमार शर्मा से जुडी खदान को ही, बंदी प्रभावी बताए जाने तक, सीटीओ प्रमाणपत्र मिलने की जानकारी मिली है।
रिपोर्ट देखने के बाद ही, बताए पाएंगे सही मामला : खान अधिकारी
प्रकरण को लेकर फोन पर ज्येष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि जिन आठ खदानों की बंदी का आदेश जारी हुआ था, उसमें दो के पास सीटीओ उपलब्ध पाया गया था। वह दो खदानें कौन सी हैं और किन्हें बंद/नॉन आपरेशनल पाया गया था, यह वह रिपोर्ट देखने के बाद ही बता पाएंगे। वीडियो सामने आने की जानकारी दिए जाने पर उनका कहना था कि, वह इसकी जानकारी करेंगे।