Sonbhadra: पर्यावरण नियमों से इतर खदान संचालन पर NGT का बड़ा एक्शनः 8 खदान संचालकों को नोटिस

Sonbhadra: वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम से जुड़े नियमों की अनदेखी कर खदान संचालन के मामले को न्यूजट्रैक की खबर का संज्ञान लेते हुए, NGT की प्रधान पीठ ने स्वतः संज्ञान के रूप में सुनवाई शुरू की थी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 29 Aug 2024 12:52 PM GMT
sonbhadra news
X

पर्यावरण नियमों से इतर खदान संचालन पर एनजीटी का बड़ा एक्शन (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: सोनभद्र में वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम की अनदेखी कर खदान संचालन मामले को लेकर चल रही सुनवाई की दौरान एनजीटी की तरफ से एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई सामने आई है। स्वतः संज्ञान से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और एक्सपर्ट मेंबर डा. अफरोज अहमद की बेंच ने जहां संबंधित खदान संचालकों को भी पक्षकार निर्धारित करते हुए, नोटिस जारी की गई हैं। वहीं, जिला प्रशासन और यूपीपीसीबी को बगैर सीटीओ खदान संचालन मामले में दर्शाई गई बंदी विवरण के तथ्यों का सत्यापन करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

न्यूजट्रैक की खबर पर एनजीटी ने ले रखा है स्वतः संज्ञान

वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम से जुड़े नियमों की अनदेखी कर खदान संचालन के मामले को न्यूजट्रैक की खबर का संज्ञान लेते हुए, एनजीटी की प्रधान पीठ ने स्वतः संज्ञान के रूप में सुनवाई शुरू की थी। इसमें पूर्व में दिए गए निर्देश और दर्शाई गई कार्रवाई के क्रम में यूपीपीसीबी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय जलवायु, पर्यावरण वन मंत्रालय एवं डीएम सोनभद्र से जानकारी तलब की गई। इसके क्रम में पहली जुलाई 2024 को तत्कालीन डीएम चंद्रविजय सिंह की तरफ से प्रभारी अधिकारी खनन, एसडीएम ओबरा/राबटर्सगंज और खान अधिकारी की मौजूदगी वाली टीम गठित कर, यूपीपीसीबी की तरफ से जारी बंदी आदेश के क्रम में, संबंधित खदानों में खनन कार्य प्रतिबंधित करते हुए सूचित करने का निर्देश दिया गया।

खान अधिकारी ने दी थी छह खदानों के बंद होने की रिपोर्ट

इसके क्रम में गत 10 अगस्त को एनजीटी में दाखिल रिपोर्ट में अवगत कराया गया है कि डीएम की तरफ से गत एक जुलाई को जारी निर्देश के क्रम में, खान अधिकारी की तरफ से पांच जुलाई को एक रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है जिसमें अवगत कराया गया है कि जिस आठ खदानों में खनन प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए गए थे, उसमें से छह बंद/नॉन ऑपरेशनल हैं और दो के पास सीटीओ यानी वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम से जुड़ा वैध प्रपत्र मौजूद है।

तथ्यों के साथ सत्यापित करें बंदी का कथनः एनजीटी

प्रकरण में यूपीपीसीबी की तरफ से 8 पत्थर खनन इकाइयों को बंद किए जाने का निर्देश दिए जाने और बंदी प्रभावी किए जाने की रिपोर्ट दी गई है। वहीं, डीएम की तरफ से उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में अवगत कराया गया है कि 8 में से केवल 6 खनन पट्टे बंद किए गए हैं और वह चालू नहीं हैं। दो के पास वर्तमान में वैध पट्टे हैं। एनजीटी की प्रधान पीठ से जुड़ी न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और एक्सपर्ट मेंबर डा. अफरोज अहमद की बेंच ने इसके क्रम में यूपीपीसीबी और जिला मजिस्ट्रेट दोनों को निर्देशित किया है कि वह अपने कथन से जुड़े तथ्यों को सत्यापित करते हुए दो सप्ताह के भीतर एक अतिरिक्त जवाब प्रस्तुत करें। वहीं, यूपीपीसीबी से यह भी स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि क्या इन पत्थर खनन पट्टाधारकों ने ईसी प्राप्त किया है और इसकी शर्तें क्या हैं? साथ ही, जिन पट्टाधारकों को संचालन की सहमति जारी होने की बात बताई जा रही है, उसका भी विवरण प्रस्तुत किया जाएगा।

पट्टा संचालकों को भी सुनवाई का अवसरः एनजीटी

बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि चूंकि प्रकरण में 8 खनन पट्टों की सूचना है। इसलिए उन्हें प्रतिवादी के रूप में शामिल करना उचित समझा जाता है ताकि वह अपना बचाव कर सकें और मामले में कोई और आदेश पारित करने से पहले सुनवाई का अवसर पा सकें।

प्रकरण में इन खदान संचालकों को बनाया गया पक्षकार

सिरसिया ठकुराई खनन पट्टे से जुड़ी बिंदुमति देवी निवासी बिजरी, चुर्क, दुद्धी तहसील क्षेत्र के जाताजुआ खनन पट्टे से जुडे मेसर्स अजय कुमार सिंह पुत्र बैजनाथ सिंह, लंका, वाराणसी, बिल्ली मारकुंडी खनन पट्टे से जुड़े मेसर्स अजय कुमार सिंह पुत्र ओंकार नाथ सिंह, निवासी अयप्पा मंदिर, ओबरा, अरुण सिंह यादव निवासी बिल्ली मारकुंडी, पोस्ट-ओबरा-मेसर्स श्री महादेव इंटरप्राइजेज, अभिषेक कुमार सिंह पुत्र अरविंद कुमार सिंह निवासी छितौनी, जिला-वाराणसी-मेसर्स उन्नति इंजीनियरिंग मोरम माइनिंग ससनई, राजीव कुमार शर्मा निवासी चकरपुरी पेपर मिल कॉलोनी, मेट्रो सिटी निशातगंज लखनऊ, अमित मित्तल, निवासी बारी, डाला, ज्ञानेंद्र निवासी राबटर्सगंज को पक्षकार बनाया गया है और नोटिस प्राप्त होने की तिथि से दो सप्ताह के भीतर अपना उत्तर/प्रतिक्रिया यदि कोई हो, तो उसे एनजीटी में दाखिल करने के लिए कहा गया है।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story